Cold Wave: आज दिल्‍ली में बढ़ेगी ठंड, पूरे उत्‍तर भारत में चलेगी शीत लहर

Winter
उत्‍तर भारत में बढ़ी ठंड. (pc ANI)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:24 PM
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नई दिल्ली. उत्‍तर भारत में तीन दिन तक और शीत लहर (Cold Wave) चल सकती है. दिल्‍ली में भी ठंड बढ़ने के पूरे आसार जताए गए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार को दिल्‍ली में न्‍यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. इससे ठंड (Winter) में और अधिक इजाफा हो सकता है. मौसम विभाग ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है. हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में शीत लहर का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग ने रविवार को जानकारी दी थी कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्तिस्तान तथा मुजफ्फराबाद, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश भी शीत लहर की चपेट में हैं. आईएमडी के अनुसार पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान, चंडीगढ़, उत्‍तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, जम्‍मू कश्‍मीर, उत्‍तरखंड और मध्‍य प्रदेश के अधिकांश हिस्‍सों में सोमवार को तापमान नीचे गिरेगा. मौसम विभाग के अनुसार कहीं कहीं पर बेहद तेज शीत लहर चलने के आसार हैं.   रविवार को उत्तर पश्चिमी भारत में राजस्थान के चुरू में सबसे कम शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया. आईएमडी ने उत्तरपश्चिमी भारत में अगले दो दिनों तक शीत लहर चलने का अनुमान जताया है और उसके बाद इससे राहत मिल सकती है. अगले दो दिनों में उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों और पंजाब तथा हरियाणा में 23 और 24 दिसंबर को घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है. Omicron: जब ओमिक्रॉन पर है बेअसर, तो क्यों लगवाएं कोरोना का टीका! मौसम कार्यालय ने बताया कि उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाके मंगलवार तक 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं की चपेट में रहेंगे, जिससे शीत लहर और ठंड का प्रतिकूल असर बढ़ जाएगा.  
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Omicron in Maharashtra- महाराष्ट्र में 6 नए केस मिलने से खलबली, दिल्ली में भी बुरा हाल

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महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के नए मामले (PC-Hindustan Times)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar30 Nov 2025 09:50 AM
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Omicron in Maharashtra- कोरोना वायरस का नया वेरिएंट अब अपने देश के लिए भी चिंता का विषय बनता जा रहा है। रविवार को पूरे देश में ओमक्रोन वैरीअंट (Omicron) के कुल 150 मामले दर्ज किए गए, जो वाकई में एक बड़ा आंकड़ा है। स्थिति को अगर गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगे और भी चिंताजनक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

लगातार नए केस मिलना है चिंता का विषय-

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के बाद अब आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र (Omicron in Maharashtra) में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। रविवार को महाराष्ट्र में 6 नए संक्रमित मिलने के बाद अब तक इस राज्य में उम्र कौन से संक्रमित 54 मरीज पाए गए हैं जबकि देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में अब तक कुल 22 संक्रमितों की संख्या नोट की गई है। अगर पूरे देश की बात की जाए तो अब तक कुल 151 ओमिक्रॉन संक्रमित व्यक्ति मिल चुके हैं। चिंता की बात यह है कि नए वेरिएंट के साथ -साथ कोरोना का संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है।

दिल्ली और महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केस-

ओमीक्रोन वैरीअंट (Omicron Variant)के अलावा अब देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के केसेज भी तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पिछले 24 घंटों में देश की राजधानी में कोरोना (Covid-19) के 107 नए केस दर्ज किए गए जबकि महाराष्ट्र (Maharashtra) में 902 नए मामले सामने आए। पूरे 6 महीने बाद इतने अधिक मामले एक साथ सामने आए है, जो इस बात का इशारा है कि स्थिति को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।

देश में वर्तमान में Covid-19 संक्रमित सक्रिय मामले-

अब तक जो रिकॉर्ड सामने आए हैं उसके मुताबिक दिल्ली में इस समय 540 सक्रिय मामले है, इनमें से 255 संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। यहां पर रिकवरी रेट 98.22 रिकॉर्ड की गई है। महाराष्ट्र में अब तक 902 केस रिकॉर्ड किए गए हैं जिनमें से 767 की रिकवरी हो चुकी है जबकि 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। केरल (Kerala) राज्य में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। पिछले चौबीस घंटों पर में यहां पर 3297 नए केसेस दर्ज किए गए हैं। कहीं 264 लोगों की मृत्यु हुई है।

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Omicron
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Dec 2021 05:32 AM
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क्रिसमस (Christmas) आने वाला है और साथ में ओमिक्रॉन (Omicron) भी। भारत में कोरोना (Corona) संक्रमण पर नज़र रखने वाले कमेटी, नेशनल कोविड सुपरमॉडल पैनल का अनुमान है कि ओमिक्रॉन के चलते साल 2022 की शुरूआत में भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) आ सकती है। पैनल के मुताबिक, फरवरी में तीसरी लहर अपने चरम पर होगी।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीकाकरण (Vaccination) का कोई लाभ नहीं हुआ? अगर टीके से फायदा नहीं होता तो, फिर क्यों लगवाएं टीका?

ओमिक्रॉन (Omicron) का पहला मामला नंवबर में सामने आया था और दिसंबर के बीच में ही इसके 30,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यानी, अब तक किसी भी वैरियंट (कोविड-19) की तुलना में ओमिक्रॉन सबसे ज्यादा तेजी से फैल रहा है। केवल एक महीने में ही यह दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से निकल कर 77 देशों में फैल चुका है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अभी तक इससे केवल एक मौत (ब्रिटेन में) हुई है।

टीकाकरण के बाद भी क्यों फैल रहा है ओमिक्रॉन सवाल उठता है कि आखिर ओमिक्रॉन इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है? अब तक के अध्ययन में सामने आया है कि ओमिक्रॉन के तेजी से संक्रमण की दो बड़ी वजहें हैं।

पहली वजह है, इसका इम्यून स्केप (Immune Escape) होना। यानी, यह वायरस उन लोगों को भी तेजी से फैल रहा है जिनमें कोरोना के प्रति एंटीबॉडी (Antibody) विकसित हो चुकी है या जिन्हें टीका लग चुका है।

दूसरी वजह है इसका बेहद संक्रामक होना। अब तक के अध्ययन में सामने आया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट, कोरोना के पिछले दोनों वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रामक है यानी, एक से दूसरे व्यक्ति में इसका संक्रमण बहुत जल्दी होता है।

क्या ओमिक्रॉन से हो रही हैं ज्यादा मौतें ओमिक्रॉन (Omicron) के संक्रमण की गति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो महीने पहले यानी, 11 अक्टूबर को दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन लाख से कुछ ज्यादा (3,325,16) थी। जबकि, 11 दिसंबर को संक्रमितों की संख्या लगभग दो गुनी (6,01,263) हो गई।

हालांकि, राहत की बात यह है कि संक्रमितों की तुलना में मरने वालों की संख्या में इतना उछाल नहीं आया है। 11 अक्टूबर को कोरोना से मरने वालों की वैश्विक संख्या 5,213 थी जबकि, 11 दिसंबर को कोरोना से 6,459 मौतें हुईं।

क्या हर छह महीने पर आएंगे नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के बाद यह सवाल भी सबको परेशान कर रहा है ​कि क्या हर छह महीने पर कोरोना (Corona) रूप बदलेगा और ऐसे ही तबाही मचाता रहेगा?

कोरोना (Corona) के फैलने की सबसे बड़ी वजह इसके संक्रमण की तेज गति है। आमतौर पर जिस भी देश ने कोरोना के प्रति लापरवाही-पूर्ण रवैया अपनाया या इसे हल्के में लेने की कोशिश की उन देशों में यह न सिर्फ तेजी से फैलता है बल्कि, नए वैरिएंट को पनपने का मौका भी देता है।

भारत में कोरोना (Corona) की पहली लहर के दौरान सख्ती के बाद सरकार ने न केवल टीकाकरण में देरी की बल्कि, चुनाव के मौके पर जमकर भीड़-भरे आयोजन किए। परिणामस्वरूप, दूसरी लहर में पैदा हुए नए वैरिएंट ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया और बड़ी संख्या में मौतें भी हुईं।

टीकाकरण और नए वैरिएंट में क्या संबंध है हम जानते हैं कि कोरोना के सबसे नए वैरिएंट, ओमिक्रॉन का पहला मामला नवंबर के महीने में दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। क्या इसका टीकाकरण से कोई संबंध है? इस बारे में वैज्ञानिक और दुनिया भर के चिकित्सा जगत में शोध जारी है लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि टीकाकरण (Vaccination) की धीमी गति भी इसके लिए जिम्मेदार है।

अ​फ्रीकी महाद्वीप में अभी तक केवल 8% लोगों का ही टीकाकरण (Vaccination) हुआ है। जबकि, भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में एक सौ पैंतीस करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है और लगभग 40% आबादी का पूर्ण टीकाकरण (दोनों डोज) हो चुका है।

दो साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद दुनिया में 41 ऐसे देश हैं जहां 10% से भी कम लोगों का टीकाकरण हुआ है और 98 देशों में 14% से भी कम लोगों को टीका लगा है।

ऐसे में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट (New Variant) के पनपने का खतरा बना हुआ है क्योंकि, नए शरीर (जिसमें एंटीबॉडी न हो) में पहुंचते ही इसे म्यूटेट (Mutation) होने का समय मिलता है और यह ज्यादा घातक हो जाता है।

कितनी खतरनाक होगी तीसरी लहर नेशनल कोविड सुपरमॉडल पैनल का अनुमान है कि ओमिक्रॉन (Omicron) के चलते नए साल की शुरुआत में भारत में तीसरी लहर (Third Wave) आ सकती है और फरवरी में यह पीक पर होगी। पैनल का अनुमान है कि दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर कमजोर हो सकती है। तीसरी लहर में रोजना संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या और मौतों के आंकड़ें भी अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि केवल आठ महीने पहले ही भारत ने भयावह दूसरी लहर का सामना किया था। इस लहर में न सिर्फ़ आम आदमी बल्कि, चिकित्सा जगह से जुड़े लोगों ने भी बड़ी संख्या में जानें गंवाईं। ऐसे में तीसरी लहर का अतिरिक्त बोझ डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

बचाव का केवल एक ही उपाय अब तक के रिसर्च से यह बात साबित हो चुकी है कि टीकाकरण (Vaccination) का फायदा होता है। इससे गंभीर रोगियों की संख्या और मौतों में कमी आती है। लेकिन, यह भी जाहिर है कि टीकाकरण नए वैरिएंट के फैलने या कोरोना के संक्रमण पर रोक नहीं लगा पाया है।

ऐसे में सावधानी, मास्क (Mask), सामाजिक दूरी (Social distancing), भीड़भाड़ से बचना और साफ-सफाई (Wash Hands) ही इससे बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे लोग जो टीकाकरण (Vaccination) से बचने या उसके प्रति नकारात्मक रवैया रखते हैं उन्हें यह समझना होगा कि वह अपने साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं।

खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) कह चुका है कि आने वाले समय में भी कोरोना, गैर-टीकायुक्त लोगों के लिए महामारी बना रहेगा।

-संजीव श्रीवास्तव