Name Astrology इन नाम की लड़कियां अपने पार्टनर से करती हैं इतना प्यार कि...

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Name Astrology Girls with these names love their partner so much that...
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2021 08:05 AM
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ज्योतिष (Astrology) शास्त्र अनुसार नाम का प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। क्योंकि अधिकतर लोग राशि (Rashi) के अनुसार नाम रखना पसंद करते हैं। हर राशि का अपना स्वामी ग्रह होता है और इन्हीं ग्रहों के आधार पर किसी भी व्यक्ति के स्वभाव (nature)  और जीवन के बारे में पता लगाया जाता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं कुछ ऐसे अक्षरों के बारे में जिनसें शुरू होने वाले नाम की लड़कियां अपने पार्टनर से बेहद प्यार करती हैं। इन्हें लाइफ में एक ही बार सच्चा प्यार होने के आसार रहते हैं।

A नाम वाली लड़कियां : A अक्षर से शुरू होने वाले नाम की लड़कियों को लाइफ में एक ही बार सच्चा प्यार होने की संभावना रहती है। ये अपने पार्टनर को खुश रखने की हर संभव कोशिश करती हैं। इन्हें प्यार जल्दी से नहीं होता लेकिन जब ये एक बार किसी से प्यार कर लेती हैं तो उसका साथ उम्र भर निभाने की कोशिश करती हैं। इनके लिए प्यार किसी भी चीज से बढ़कर होता है।

G नाम वाली लड़कियां : जिन लड़कियों के नाम का पहला अक्षर G होता है वे बेहद ही सरल स्वभाव की होती हैं। इन्हें जीवन में एक ही बार सच्चा प्यार होने के आसार रहते हैं। ये अपने लव पार्टनर से बेहद प्यार करती हैं और उन्हें खुश करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ अलग करती रहती हैं। ये अपना रिश्ता पूरी ईमानदारी के साथ निभाती हैं। इन्हें भी बेहद चाहने वाला हमसफर मिलता है।

I नाम वाली लड़कियां : जिन लड़कियों का नाम I अक्षर से शुरू होता है वो भी अपने पार्टनर से काफी प्यार करती हैं। अपना रिश्ता पूरी ईमानदारी के साथ निभाती हैं। ये हर मुश्किल में अपने हमसफर के साथ खड़ी रहती हैं।

N नाम वाली लड़कियां : जिन लड़कियों का नाम इस अक्षर से शुरू होता है वो प्यार के मामले में काफी लकी होती हैं। ये अपने पार्टनर से काफी प्यार करती हैं और इन्हें भी बेहद प्यार करने वाला हमसफर मिलने के आसार रहते हैं। ये जिस किसी को अपना हमसफर बनाती हैं उसके साथ पूरी ईमानदारी से अपना रिश्ता निभाती हैं। ये अपने पार्टनर की हर बात समझती हैं और उन्हें खुश करने के लिए कुछ न कुछ स्पेशल करती रहती हैं।

यशराज कनिया कुमार, एस्ट्रो एंड न्यूमरोलॉजिस्ट
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दिवाली पर क्यों की जाती है काली पूजा, क्या है इसका महत्व, जानिए राज

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Maa kali ki puja
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2021 07:51 AM
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भारत के अधिकतर राज्यों में दीपावली (diwali)  की अमावस्‍या पर देवी लक्ष्‍मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में इस अवसर पर मां काली (maa kali ki puja) की पूजा होती है। यह पूजा अर्धरात्रि में की जाती है। आखिर काली पूजा क्यों और कैसी होती है, जानिए महत्व।

क्यों करते हैं काली पूजा? राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई जबकि इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का विधान भी कुछ राज्यों में है।

काली पूजा का महत्व क्या है? दुष्‍टों और पापियों का संहार करने के लिए माता दुर्गा ने ही मां काली के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि मां काली के पूजन से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है। शत्रुओं का नाश हो जाता है। कहा जाता है कि मां काली का पूजन करने से जन्‍मकुंडली में बैठे राहु और केतु भी शांत हो जाते हैं। अधिकतर जगह पर तंत्र साधना के लिए मां काली की उपासना की जाती है।

कैसे होती है काली पूजा? 1. दो तरीके से मां काली की पूजा की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा। सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है।

2. माता काली की सामान्य पूजा में विशेष रूप से 108 गुड़हल के फूल, 108 बेलपत्र एवं माला, 108 मिट्टी के दीपक और 108 दुर्वा चढ़ाने की परंपरा है। साथ ही मौसमी फल, मिठाई, खिचड़ी, खीर, तली हुई सब्जी तथा अन्य व्यंजनों का भी भोग माता को चढ़ाया जाता है। पूजा की इस विधि में सुबह से उपवास रखकर रात्रि में भोग, होम-हवन व पुष्पांजलि आदि का समावेश होता है।

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Narak Chaudas : आज इस पूजा को करने से नहीं होती अकाल मौत, जा​निए विधि

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Roop Chaturdashi 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2021 07:45 AM
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आज नरक चौदस (Narak Chaudas 2021)  का पर्व है। इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। नरक चौदस (Narak Chaudas 2021)  का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस पर्व को भारतीय समाज में रूप चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर भी दीपदान का विधान है।

भारत की सनातन और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन 6 देवी देवताओं यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और वामन की पूजा का विधान है। वहीं ये मान्यता भी है कि इस दिन मां काली की पूजा अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नरक चौदस के दिन शाम के समय यमराज की पूजा करने से नरक की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। नरक चौदस का पावन पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चौदस को मनाया जाता है।

शुभ मुहूर्त नरक चौदस 3 नवंबर 2021 बुधवार की सुबह 09 बजकर 2 मिनट से आरंभ होगी और 4 नवंबर 2021, गुरुवार को सुबह 6 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से 2 बजकर 17 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। इस अवधि को पूजा पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।

पूजन विधि सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। जैसा कि आपको पहले बताया गया है कि इस शुभ दिन 6 देवी देवताओं यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और वामन की पूजा का विधान है। ऐसे में घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना करें। सभी देवी देवताओं के सामने धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें।

नरक चौदस के दिन यम के लिए आटे का चौमुखा दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है। घर की महिलाएं रात के समय दीपक में तिल का तेल डालकर चार बत्तियां जलाती हैं। इस दिन रात के समय विधि-विधान से पूजा करने के बाद दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर रखते हैं और ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जाप करते हुए यम का पूजन करती हैं।

इस पूजन से घर में सकारात्मकता का वास होता है। ऐसे में शाम के समय यमदेव की पूजा करें और चौखट के दोनों ओर दीप जलाकर रखें। इस दिन यमराज की पूजा अर्चना करने से पापों का नाश होता है। वहीं नरक चौदस के दिन तिल के तेल से मालिस करने का विधान है। कहा जाता है कि ऐसा करने से त्वचा में निखार आता है।

ना करें यह काम यूं तो नरक चौदस पर दीप दान करने और साफ-सफाई रखने से घर में खुशहाली आती है। मगर इस दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए। वरना साल भर घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।

1. नरक चौदस के दिन जिन लोगों के पिता जीवित हैं वह भूलकर भी तिल से यम देव का तर्पण न करें। ऐसा करने से परिवार पर संकट आने का खतरा रहता है।

2. नरक चौदस के दिन जीव हत्या नहीं करनी चाहिए। चूंकि इस दिन यमराज की पूजा की जाती है ऐसे में हत्या से पाप लगेगा।

3. नरक चौदस के दिन घर के दक्षिण दिशा को गंदा नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इसे यम का कोना माना जाता है। इससे आपके पितर नाराज हो सकते हैं।

4. नरक चौदस के दिन तेल का दान बिल्कुल भी न करें। क्योंकि ऐसा करने से घर में लक्ष्मी नहीं टिकती है।

5. नरक चौदस के दिन कभी देर से सोकर नहीं उठना चाहिए। ऐसा करने से भाग्य हमेशा के लिए सो जाता है।

यशराज कनिया कुमार, एस्ट्रो एंड न्यूमरोलॉजिस्ट