Big News : तो क्या दस गुना तक बढ़ सकती है गैस की कीमत! जानें क्या हो सकती वजह

77 1614570506
Big News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:13 AM
bookmark

Big News : रुस और यूक्रेन में चल रहे तनाव का सीधा असर भारत की जनता पर भी पड़ सकता है। (Big News) यदि दोनों देशों के बीच (Big News) युद्ध के हालात बनते हैं तो भारत में कई पदार्थों की कीमतों पर बहुत ज्यादा असर पड़ सकता है। प्राकृतिक गैस से लेकर गेहूं की कीमतों में इजाफा होने संभावना बन सकती है। रसोई गैस की कीमत दस गुणा तक बढ़ सकती है।

Big News :

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन-रूस संकट ने ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत को 96.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जो सितंबर 2014 के बाद से सबसे अधिक स्तर है। रूस कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। मौजूदा संकट की वजह से आने वाले दिनों में कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर जाएगा। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का वैश्विक जीडीपी पर प्रभाव पड़ेगा। जेपी मॉर्गन के विश्लेषण में कहा गया है कि, तेल की कीमतें बढ़कर 150 डॉलर प्रति बैरल को पार करने की संभावना है, जिसके बाद वैश्विक जीडीपी विकास दर घटकर सिर्फ 0.9 फीसदी रह जाएगी।

आपको बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक बास्केट में कच्चे तेल से संबंधित उत्पादों की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 9 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए, ब्रेंट क्रूड की कीमतों में वृद्धि, भारत की WPI मुद्रास्फीति को करीब 0.9 प्रतिशत तक बढ़ा देगा। विशेषज्ञों के अनुसार अगर रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में जाता है तो घरेलू प्राकृतिक गैस (सीएनजी, पीएनजी, बिजली) की कीमत करीब दस गुना बढ़ सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से रसोई गैस और केरोसिन पर सब्सिडी बढ़ने की उम्मीद है।

अतीत में भी कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने पूरे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि में योगदान दिया है। भारत ने 2021 में ईंधन की कीमतों के मामले में रिकॉर्ड ऊंचाई देखी। यदि रूस-यूक्रेन संकट जारी रहता है, तो भारत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि देख सकता है। भारत के कुल आयात में तेल आयात 25 प्रतिशत से ज्यादा है और भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा तेल अलग अलग देशों से खरीदता है। लिहाजा, तेल की कीमतों में तेजी का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि काला सागर में रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से अनाजों के सप्लाई में रूकावट आती है, तो उसका सीधा असर खाद्य पदार्थों की कीमतों पर पड़ेगा और खाद्य पदार्थों की कीमत में तेजी से इजाफा हो सकता है। रूस दुनिया का शीर्ष गेहूं निर्यातक देश है जबकि यूक्रेन गेहूं का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। और रूस और यूक्रेन मिलकर विश्व में जितना गेहूं खरीदा जाता है, उसका करीब 25 प्रतिशत यही दोनों देश बेचते हैं और अगर दोनों देश युद्ध के मैदान में जाते हैं, तो इसका सीधा असर गेहूं के निर्यात पर पड़ेगा और दुनिया में गेहूं संकट भी पैदा हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, कोरोना महामारी की वजह से सप्लाई चेन पर गहरा असर पड़ा है और इसकी वजह से पहले ही खाद्य पदार्थों की कीमत पिछले एक दशक में अपने उच्चतम स्तर पर है और यूक्रेन संकट की वजह से स्थिति और भी खराब हो सकती है।

आपको बता दें कि, यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर रूसी सेना का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए रूस की संसद में मतदान हुआ था, जिसमें कुल 153 रूसी सीनेटरों ने इस फैसले का समर्थन किया और किसी ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ में वोट नहीं दिया। जिसके बाद रूसी फेडरेशन काउंसिल ने मंगलवार को डॉनबास में सेना के इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी। संसद की मंजूरी के बाद रूस के लिए यूक्रेन पर व्यापक आक्रमण का रास्ता साफ हो गया है। राष्‍ट्रपति पुतिन ने इस संबंध में संसद के ऊपरी सदन को एक पत्र लिखा था।

अगली खबर पढ़ें

UP Election 2022 : यह नेता केवल 31 घंटों तक रहे थे यूपी के सीएम

101603492 691bc22e a592 426c bd42 29edcf578583
UP Election 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Feb 2022 06:50 PM
bookmark

UP Election 2022 : कुछ वर्ष पहले अनिल कपूर की एक फिल्म आई थी नायक। (UP Election 2022) इस फिल्म में एक प्रेस रिपोर्टर यानि (UP Election 2022) अनिल कपूर एक दिन के मुख्यमंत्री बने थे। नायक फिल्म की तरह ही उत्तर प्रदेश में एक समय ऐसा आया था, जब एक नेता केवल और केवल 31 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बने थे। इन नेता को 31 बाद अपना मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

UP Election 2022

ये मामला 1988 का है। 21 फ़रवरी 1998 को मायावती ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अपनी मंशा साफ़ कर दी कि वो कल्याण सिंह सरकार को गिराने में कोई कसर नहीं रख छोड़ेंगी। मुलायम सिंह ने भी उसी दिन कुछ संवाददाताओं से कहा कि अगर मायावती भाजपा की सरकार को गिराने के लिए तैयार हैं, तो वो भी पीछे नहीं हटेंगे। हुआ भी ऐसा ही, उसी दिन क़रीब मायावती अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंची और ऐलान किया कि कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में यातायात मंत्री जगदंबिका पाल उनके विधायक दल के नेता होंगे।

उन्होंने राज्यपाल रोमेश भंडारी से अनुरोध किया कि कल्याण सिंह मंत्रिमंडल को तुरंत बर्ख़ास्त करें, क्योंकि उसने अपना बहुमत खो दिया है और उसकी जगह जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएं। उस समय मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ से बाहर गोरखपुर में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। जैसे ही उन्हें ख़बर मिली कि उनको हटाने के प्रयास शुरू हो गए हैं, वो अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर 5 बजे तक लखनऊ लौट आए। उन्होंने राज्यपाल को समझाने की कोशिश की कि उन्हें विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का मौक़ा दिया जाए, लेकिन राज्यपाल रोमेश भंडारी के सामने उनकी एक नहीं चली।

बीबीसी के अनुसार राज्यपाल रोमेश भंडारी ने मन बना लिया था कि वो मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का कोई मौक़ा नहीं देंगे। दरअसल ठीक 5 महीने पहले 21 अक्तूबर, 1997 को उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक अभूतपूर्व घटना घटी थी। उस समय प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच कर अपना विरोध प्रकट कर रहे थे। थोड़ी देर में वहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी पहुंच गए और वहां हिंसा शुरू हो गई थी। हालात इतने बिगड़ गए कि विधायक एक दूसरे पर माइक और कुर्सियों से हमला करने लगे। मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को सुरक्षा बलों के संरक्षण में सदन से बाहर निकाला गया था।

सदन में जो कुछ हुआ उससे राज्यपाल रोमेश भंडारी बहुत नाराज़ हुए थे। वो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते थे लेकिन केंद्र में राष्ट्रीय मोर्चे की सरकार ने राज्यपाल की सिफ़ारिश नहीं मानी थी। केंद्र में मंत्री मुलायम सिंह यादव ने वो सिफ़ारिश मनवाने के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा दिया, लेकिन गृह मंत्री इंद्रजीत गुप्ता और स्वयं राष्ट्रपति केआर नारायणन ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को अपना समर्थन नहीं दिया। अपनी सरकार बचाने के लिए कल्याण सिंह ने उनको समर्थन देने वाले सभी विधायकों को मंत्री बनाने का फ़ैसला किया। नतीज़ा ये हुआ कि कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में 94 सदस्य हो गए थे।

मायावती से मुलाक़ात के बाद राज्यपाल रोमेश भंडारी ने नाटकीय फ़ैसला लेते हुए कल्याण सिंह सरकार को बर्ख़ास्त कर दिया। उसके बाद उसी रात यानी 21 फ़रवरी की रात 10 बजे जगदंबिका पाल को राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इस शपथ ग्रहण समारोह में मायावती समेत कल्याण सिंह के सभी राजनीतिक विरोधी मौजूद थे। जगदंबिका पाल पहले कांग्रेस के सदस्य हुआ करते थे, लेकिन फिर वो तिवारी कांग्रेस के सदस्य बन गए थे। वर्ष 1997 में उन्होंने नरेश अग्रवाल और राजीव शुक्ला के साथ मिलकर लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया था। जगदंबिका पाल के साथ नरेश अग्रवाल ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

राज्यपाल को जगदंबिका पाल को शपथ दिलाने की इतनी जल्दी थी कि राजभवन का स्टाफ़ शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रगान बजाना ही भूल गया। अगले दिन लखनऊ में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने थे, लेकिन विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्यपाल के इस फ़ैसले के विरोध में स्टेट गेस्ट हाउस में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का फ़ैसला किया। लखनऊ के राज्य सचिवालय में भी अजीब सी स्थिति पैदा हो गई। उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ कि दो लोग राज्य के मुख्यमंत्री पद का दावा कर रहे थे। हालात बिगड़ते देख बीजेपी ने राज्यपाल के निर्णय की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली।

22 फ़रवरी, 1998 को बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह गौड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्यपाल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ याचिका दायर की और अगले ही दिन के 3 बजे हाईकोर्ट ने राज्य में कल्याण सिंह सरकार को बहाल करने के आदेश दे दिए। इस फ़ैसले से राज्यपाल रोमेश भंडारी और जगदंबिका पाल खेमे को तगड़ा धक्का लगा। उन्होंने हाईकोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में तुरंत अपील की। जगदंबिका पाल को 31 घंटों के अंदर मुख्यमंत्री के पद से हटना पड़ा था। हाईकोर्ट ने कल्याण सिंह को निर्देश दिए थे कि वो 3 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत प्राप्त करें। 26 फ़रवरी को हुए शक्ति परीक्षण में कल्याण सिंह को 225 मत और जगदंबिका पाल को 196 विधायकों का समर्थन मिला। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सदन में 16 वीडियो कैमरे लगाए गए थे।

कल्याण सिंह को सिर्फ़ 213 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत थी, लेकिन उन्हें इससे 12 मत अधिक प्राप्त हुए। दो दिन के अंदर ही जगदंबिका पाल को छोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस के सभी विधायक कल्याण सिंह के खेमे में वापस चले गए और इस तरह जगदंबिका पाल सिर्फ़ 31 घंटों तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह पाए। दिलचस्प बात ये थी कि 5 विधायकों को, जिनमें 4 बहुजन समाज पार्टी के थे, एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद कर दिया गया था। हालांकि उन्हें सदन आकर विश्वास मत में शामिल होने की अनुमति प्रदान की गई थी।

अगली खबर पढ़ें

JKSSB Recruitment 2022 : 8वीं पास से ग्रेजुएट तक के लिए कई पदों पर नौकरियां

JKSB
JKSSB Recruitment 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:24 AM
bookmark

JKSSB Recruitment 2022 : जम्मू-कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (JKSSB) ने जिला/डिविजनल/यूटी कैडर पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन (JKSSB Recruitment 2022) जारी किया है। जिला/डिविजनल/यूटी कैडर में हो रही भर्ती जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा प्रावधानों के तहत विभिन्न इंडेंटिंग विभागों में होगी। आवेदन करने की अंतिम तारीख 20 मार्च 2022 है।

जेकेएसएसबी भर्ती 2022 के तहत जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, ड्राइवर, जूनियर असिस्टेंट, असिस्टेंट सुपरिंटेडेंट, असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर, ट्रैक्टर ड्राइवर और रीटचर आर्टिस्ट के पदों भर्ती होगी।

JKSSB Recruitment 2022 : भर्ती का विवरण

जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर- 1 पद ड्राइवर- 11 पद जूनियर असिस्टेंट- 122 पद असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट जेल- 7 पद असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर- 22 पद ट्रैक्टर ड्राइवर- 2 पद री टचर आर्टिस्ट- 2 पद

शैक्षिक योग्यता जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर- ग्रेजुएट होना चाहिए। साथ ही 65 और 35 शब्द प्रति मिनट शॉर्ट हैंड व टाइपिंग स्पीड होनी चाहिए।

ड्राइवर- आठवीं पास होने के साथ हिल ड्राइविंग का वैलिड लाइसेंस होनी चाहिए।

जूनियर असिस्टेंट- ग्रेजुएट होने के साथ कम से कम 35 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड होनी चाहिए।

असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट जेल- ग्रेजुएट होने के साथ सोशल वर्क, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, क्रमिनोलॉजी में डिप्लोमा होना चाहिए। साथ ही लंबाई कम से कम पांच फीट 6 इंच होनी चाहिए। जबकि अभ्यर्थियों का चेस्ट 32″- 33- 1/2, होनी चाहिए। महिलाओं की लंबाई 5′ -2″ होनी चाहिए।

असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर- संबंधित विषय में मास्टर्स की डिग्री होनी चाहिए।

ट्रैक्टर ड्राइवर- 8वीं पास होने के साथ हिल ड्राइविंग का लाइसेंस होना चाहिए।

री टचर आर्टिस्ट- 10वीं पास होने के साथ संबंधित ट्रेड में अपरेंटिस किया होना चाहिए।

यहां क्लिक करके नोटिस देखें - http://www.ssbjk.org.in/

आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें-  https://jkssb.nic.in