DELHI NEWS: दिल्ली सबसे ज्यादा ‘अनुशासनहीन’ शहर: नारायण

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ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के स्थापना दिवस पर मूर्ति ने कहा कि जनता को सामुदायिक संपत्ति का उपयोग निजी संपत्ति से भी बेहतर ढंग से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक शासन में झूठ, फरेब से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा, दिल्ली आने पर मुझे वास्तव में बहुत असुविधा होती है क्योंकि यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सर्वाधिक है। मैं उदाहरण देकर समझाता हूं। कल मैं हवाई अड्डे से आ रहा था, लाल बत्ती पर इतनी सारी कारें, बाइक और स्कूटर बिना कोई परवाह किए यातायात नियम का उल्लंघन कर रहे थे। मूर्ति ने कहा, हम आगे बढ़ने के लिए अगर एक या दो मिनट का इंतजार तक नहीं कर सकते तो बताईये क्या ये लोग पैसा सामने होने पर रुकेंगे? बिलकुल नहीं। उन्होंने कॉरपोरेट जगत में सही मूल्यों के विकास पर भी जोर दिया। इन्फोसिस के संस्थापक ने कहा, कृत्रिम मेधा (एआई) ने सहायक प्रौद्योगिकियों की भूमिका में आकर हमारे जीवन को आसान बनाया है। मेरे ख्याल से यह मानना गलत है कि कृत्रिम मेधा इंसानों की जगह ले सकती है, इंसान ऐसा होने नहीं देगा क्योंकि उनके पास मस्तिष्क की ताकत है। हम जानते हैं कि कोई भी कंप्यूटर बच्चे के दिमाग की बराबरी नहीं कर सकता, कई बार इस बारे में प्रयोग हो भी चुके हैं।SPORTS: 10 मीटर एयर राइफल में रूद्रांक्ष ने जीता स्वर्ण पदक
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ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के स्थापना दिवस पर मूर्ति ने कहा कि जनता को सामुदायिक संपत्ति का उपयोग निजी संपत्ति से भी बेहतर ढंग से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक शासन में झूठ, फरेब से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा, दिल्ली आने पर मुझे वास्तव में बहुत असुविधा होती है क्योंकि यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सर्वाधिक है। मैं उदाहरण देकर समझाता हूं। कल मैं हवाई अड्डे से आ रहा था, लाल बत्ती पर इतनी सारी कारें, बाइक और स्कूटर बिना कोई परवाह किए यातायात नियम का उल्लंघन कर रहे थे। मूर्ति ने कहा, हम आगे बढ़ने के लिए अगर एक या दो मिनट का इंतजार तक नहीं कर सकते तो बताईये क्या ये लोग पैसा सामने होने पर रुकेंगे? बिलकुल नहीं। उन्होंने कॉरपोरेट जगत में सही मूल्यों के विकास पर भी जोर दिया। इन्फोसिस के संस्थापक ने कहा, कृत्रिम मेधा (एआई) ने सहायक प्रौद्योगिकियों की भूमिका में आकर हमारे जीवन को आसान बनाया है। मेरे ख्याल से यह मानना गलत है कि कृत्रिम मेधा इंसानों की जगह ले सकती है, इंसान ऐसा होने नहीं देगा क्योंकि उनके पास मस्तिष्क की ताकत है। हम जानते हैं कि कोई भी कंप्यूटर बच्चे के दिमाग की बराबरी नहीं कर सकता, कई बार इस बारे में प्रयोग हो भी चुके हैं।SPORTS: 10 मीटर एयर राइफल में रूद्रांक्ष ने जीता स्वर्ण पदक
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