बिहार में वोटर पहचान के नियम बदले, अब आधार - वोटर ID नहीं होंगे मान्य

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Bihar Assembly Election 2025
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 02:23 PM
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Bihar Assembly Election 2025 :  बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को लेकर एक व्यापक और ऐतिहासिक पहल की है। 22 वर्षों के अंतराल के बाद राज्य में गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस बार आयोग ने पहचान के लिए आधार कार्ड, वोटर ID और मनरेगा कार्ड जैसे आम दस्तावेजों को अमान्य कर दिया है। इसके स्थान पर 11 विशेष दस्तावेजों को मतदाता सत्यापन का मानक बनाया गया है। यह फैसला आयोग की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध विदेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट से हटाकर केवल वास्तविक भारतीय नागरिकों को सूची में बरकरार रखा जाएगा। बिहार से शुरू हुआ यह अभियान जल्द ही असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी लागू होगा।

अब ये दस्तावेज होंगे मान्य

चुनाव आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को मतदाता पहचान और पंजीकरण के लिए जिन 11 दस्तावेजों को मानक प्रमाण के रूप में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है, वे इस प्रकार हैं:

  1. सरकारी कर्मचारी या पेंशनधारकों का पहचान पत्र

  2. पासपोर्ट

  3. बैंक, डाकघर या LIC द्वारा 1 जुलाई 1987 से पूर्व जारी कोई भी प्रमाण

  4. सक्षम प्राधिकरण द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र

  5. मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षिक प्रमाण पत्र

  6. स्थायी निवास प्रमाण पत्र

  7. वन अधिकार प्रमाण पत्र

  8. जाति प्रमाण पत्र

  9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में प्रविष्टि

  10. सरकारी भूमि/मकान का आवंटन पत्र

  11. राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर

आयोग ने दी सफाई

चुनाव आयोग के अनुसार, आधार या वोटर ID जैसे दस्तावेज नागरिकता का पूर्ण प्रमाण नहीं होते। आयोग की चिंता यह है कि इन कागजातों के आधार पर अवैध प्रवासी भी सूची में प्रवेश पा सकते हैं। इसीलिए इस बार सत्यापन के लिए केवल वे दस्तावेज मान्य होंगे जो नागरिकता और स्थायी निवास के ठोस प्रमाण माने जाते हैं। इंडिया ब्लॉक समेत कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के ज़रिए लगभग 2 करोड़ मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा सकता है, क्योंकि उनके पास नए मानक दस्तावेज नहीं हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा - यह विशेष पुनरीक्षण किसी को बाहर करने के लिए नहीं, बल्कि सभी पात्र नागरिकों को सूची में शामिल करने के लिए है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और राजनीतिक दलों की निगरानी में चल रही है।    Bihar Assembly Election 2025

60 करोड़ ग्राहकों पर अंबानी की नजर, FMCG की दुनिया में आएगा नया तूफान

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60 करोड़ ग्राहकों पर अंबानी की नजर, FMCG की दुनिया में आएगा नया तूफान

Mukesh Ambani
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:59 PM
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Mukesh Ambani : देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) अब अपने एफएमसीजी कारोबार को पूरी तरह से नया रूप देने जा रही है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली यह कंपनी एक नई सहायक कंपनी New रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (New RCPL) की स्थापना कर रही है, जिसमें सभी FMCG ब्रांड्स को शामिल किया जाएगा। यह नई इकाई उसी तरह RIL की डायरेक्ट सब्सिडियरी होगी जैसे जियो प्लेटफॉर्म्स है। इस कदम का मकसद है FMCG कारोबार को और अधिक फोकस के साथ आगे बढ़ाना और ऐसे निवेशकों को आकर्षित करना जो कंज्यूमर ब्रांड्स के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं।

क्या बदल रहा है?

इस समय रिलायंस के एफएमसीजी ब्रांड्स कैम्पा, इंडिपेंडेंस, रावलगांव, SIL, सोस्यो और वेलवेट्टे मुख्य रूप से RRVL (रिलायंस रिटेल वेंचर्स), RRL (रिलायंस रिटेल लिमिटेड) और RCPL (रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड) के तहत आते हैं। अब इन्हें समेटकर एक नई कंपनी बनाई जा रही है New RCPL, जो RIL की डायरेक्ट सहायक कंपनी होगी।

NCLT की मुहर

25 जून को NCLT मुंबई बेंच ने RIL के इस पुनर्गठन प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। आदेश में कहा गया है कि एफएमसीजी कारोबार की प्रकृति खुद में इतनी व्यापक और विशेषज्ञता-आधारित है कि इसे रिटेल से अलग रखना अधिक उचित होगा। यह कदम कंपनी की रणनीतिक स्वायत्तता और निवेशकों की स्पष्टता के लिए अहम माना जा रहा है।

चार चरणों में होगा पूरा पुनर्गठन

RRL के FMCG ब्रांड्स को स्लंप-सेल के जरिए RRVL को ट्रांसफर किया जाएगा। RCPL को RRVL में विलय किया जाएगा। फिर समेकित FMCG बिजनेस को Tira Beauty Ltd. (एक शेल कंपनी) में ट्रांसफर किया जाएगा। अंत में Tira Beauty का नाम बदलकर New RCPL कर दिया जाएगा।

60 करोड़ उपभोक्ताओं पर फोकस

RCPL के डायरेक्टर और FMCG प्रमुख टी कृष्णकुमार के अनुसार, कंपनी की रणनीति 60 करोड़ भारतीयों को टारगेट करने और किराना दुकानदारों से सीधे जुड़कर मार्केट में गहराई से उतरने की है। कंपनी का लक्ष्य मार्च 2027 तक राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड को मजबूत बनाना है। RCPL के उत्पाद कोका-कोला, मोंडेलेज और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे दिग्गज ब्रांड्स की तुलना में 20-40% सस्ते हैं, और इसमें ट्रेड मार्जिन भी अधिक मिलता है। यानी दुकानदारों के लिए मुनाफा भी ज्यादा।

 11,500 करोड़ का कारोबार और IPO की तैयारी

FY25 में कंपनी का एफएमसीजी कारोबार 11,500 करोड़ रुपये का रहा, जिसमें 60% से ज्यादा बिक्री जनरल ट्रेड (किराना स्टोर) से हुई। सूत्रों के मुताबिक, RRVL की वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। अंबानी पहले ही रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस के IPO लाने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में यह कदम आईपीओ के लिए जमीन तैयार करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। आज RCPL के प्रोडक्ट्स 3200 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटरों और 10 लाख से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स के जरिए बाजार में मौजूद हैं। कैम्पा जैसे ब्रांड्स ने कुछ इलाकों में डबल डिजिट मार्केट शेयर भी हासिल कर लिया है। Mukesh Ambani

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कुदरत का कहर: सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग टूटा, केदारनाथ यात्रा फिर ठप!

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 12:48 AM
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भारी बारिश के चलते फिर रोकी गई केदारनाथ यात्रा: उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है और इसका सीधा असर श्रद्धालुओं की आस्था पर पड़ रहा है। एक बार फिर से केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। वजह बनी है सोनप्रयाग और मुनकटिया के बीच का वह मार्ग जो भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।

अचानक मलबा गिरा, श्रद्धालु फंस गए

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना देर रात की है जब सोनप्रयाग-मुनकटिया के बीच अचानक भारी मलबा गिरा। इसके कारण उस समय वहां से गुजर रहे कई श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत राहत और बचाव दल को मौके पर भेजा गया।

SDRF और NDRF ने बचाई 40 ज़िंदगियाँ

घटना के बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने तेजी से मोर्चा संभाला। टीमों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मलबे के बीच रास्ता बनाते हुए करीब 40 फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। यह राहत कार्य त्वरित और साहसिक कार्रवाई का उदाहरण है।

हर साल दोहराई जाती है ऐसी स्थिति

यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा को बारिश के चलते रोका गया हो। हर साल जुलाई के महीने में पहाड़ों में लैंडस्लाइड और भारी बारिश की घटनाएं आम हो गई हैं। इसी वजह से प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हमेशा सतर्क रहती हैं। इस तरह की रोक यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाई जाती है ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।

यात्रियों से अपील: सावधानी बरतें

प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें और आपात स्थिति में धैर्य और सतर्कता बनाए रखें। लैंडस्लाइड की संभावना वाले क्षेत्रों में फिलहाल जाने से बचें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। अयोध्या को सुरक्षा का अभेद कवच : 8 एकड़ में बनेगा एनएसजी का हब, कैबिनेट से मिली मंजूरी