चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत, विपक्ष के 3 पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग

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Mayor Election
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:53 AM
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Mayor Election : बीजेपी की जीत में जब उसके विरोधी विपक्ष ने ही ऐसी भूमिका निभाई की बीजेपी का प्रत्याशी जीत गया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विपक्षी के क्रास वोटिंग के कारण बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। सही बात ये है कि विपक्ष के दम पर बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला चुनाव जीत गई हैं। जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोट किया। बीजेपी के पक्ष में 19 वोट पड़े जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पक्ष में 17 वोट। सभी 35 पार्षदों और एक सांसद ने अपने मत का प्रयोग किया। अगर क्रास वोटिंग न होती तो बीजेपी प्रत्याशी का जीतना असंभव था।

क्रास वोटिंग के सहारे बीजेपी का मेयर चुनाव जीता

चुनाव में सीक्रेट बैलेट का फायदा उठाते हुए कांग्रेस और आप के भीतर घातियों ने अपनी पार्टी से गद््दारी करते हुए सख्याबल में कम होने के बावजूद क्रास वोटिंग करके बीजेपी के मेयर को चुनाव जितवा दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोट किया है लेकिन सीक्रेट बैलेट से मतदान होने की वजह से अभी किसने क्रॉस वोट किया ये क्लियर नहीं है। 16 पार्षद वाली बीजेपी अपना मेयर बनवाने में कामयाब रही। कांग्रेस सांसद का एक वोट, कांग्रेस के 6 वोट और आम आदमी पार्टी के 13 वोट होने के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन मेयर चुनाव हार गया। इस हार से आप और कांग्रेस दोनों ही हतप्रभ रह गए।

कौन हैं हरप्रीत कौर बबला

हरप्रीत कौर बबला सेना से रिटायर्ड कर्नल की बेटी हैं। उनके पति देविंदर सिंह पूर्व पार्षद रह चुके हैं। इस चुनाव में हरप्रीत कौर बबला का सामना आम आदमी पार्टी की प्रेम लता से था। प्रेम लता भारतीय वायुसेना से रिटायर अधिकारी की पत्नी हैं। वह फिलहाल एक सरकारी स्कूल में इंग्लिश की टीचर हैं।

वोटिंग से ठीक पहले कुलदीप कुमार को मिली जमानत

भ्रष्टाचार में गिरफ्तार चंडीगढ़ के सीटिंग मेयर कुलदीप कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत और मेयर चुनाव के दौरान वोट करने की हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी। उसके बाद मेयर चुनाव के लिए वोटिंग से पहले चंडीगढ़ के सिटिंग मेयर कुलदीप कुमार को बड़ी राहत मिली थी। भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी। इसके बाद उन्होंने इस चुनाव में अपना वोट डाला। निश्चित तौर पर उनका जमानत पर बाहर रहना बीजेपी प्रत्याशी के जीत का एक कारण जरूर है।

कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस

रवि नाम के एक शख्स ने चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद चुनाव से कुछ घंटे पहले कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने दोनों पर सफाईकर्मी की नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से 75 हजार रुपये लेने के आरोप में केस दर्ज किया है। जांच के बाद सबूतों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन चुनाव के ठीक पहले जमानत मिलने के कारण उसने मेयर चुनाव में वोटिंग की और बीजेपी का मेयर चुनाव जीत गया।

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दिल्ली चुनाव में ओवैसी ने आखिर किसे फिरौन कहा, सब हैरान

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Delhi Election
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Jan 2025 11:18 PM
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Delhi Election : अब दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव प्रचार का यह आखिरी चरण चल रहा है। आने वाले सोमवार शाम तक दिल्ली चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। ऐसे में सभी पार्टियां सियासी माहौल बनाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं, तरह तरह के दांव चले जा रहे हैं। एक ओर जहां आप और भाजपा के बीच लड़ाई चल रही है, वहीं कांग्रेस इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है। ऐसे में मुस्लिमों के सहारे दिल्ली की सियासत में जगह बनाने के लिए बेताब असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगे के दो आरोपियों को चुनाव मैदान में उतारकर इसे रोचक बना दिया है। दिल्ली के मुस्लिम सेंटिमेंट्स को भुनाने और उनके विश्वास को जीतने के लिए ओवैसी ने इस्लामिक हिस्ट्री के नायक और खलनायक की एंट्री करा दी है। अब देखना है ओवैसी का यह दांव कितना कारगर साबित होता है।

ओवैसी ने भी सियासत की चौसर बिछाई

दिल्ली चुनाव में पार्टियां अपना सब कुछ दांव पर लगा रही हैं। आप, भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने घोषणा पत्र में तरह तरह के लोक लुभावन वादे किए हैं। इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई सीधी होती नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस उसे त्रिकोणीय बनाने में जुटी है। इन सब से अलहदा असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली के मुस्लिम इलाके की दो सीटों पर अपने प्रत्याशी को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। ओवैसी ने मुस्तफाबाद सीट से ताहिर हुसैन और ओखला सीट से शिफाउर रहमान को उम्मीदवार बनाया है। ये दोनों दिल्ली दंगे के आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के लिए अदालत से कस्टडी पैरोल मिली है। देखना है ओवैसी की सियासत दिल्ली में क्या गुल खिलाती है।

ओवैसी ने एक खास समुदाय को निशाना बनाने की बात कही

मंगलवार को मुस्तफाबाद में असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन के समर्थन में रैली की। इस दौरान अरविंद केजरीवाल और पीएम मोदी पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार है। लोग मुझसे आकर कहते हैं कि यह कैसा शासन है जहां पर हम लोगों पर जुल्म और दबाव डाला जाता है और एक खास समुदाय को निशाना बनाया जाता है। अगर आप को इनसे बचना है तो हमारे पार्टी के प्रत्याशियों को विजयी बनाएं।

फिरौन (मिस्र का एक अत्याचारी) को हराना चाहते हैं तो मूसा का साथ दें

ओवैसी ने कहा कि हम खामोश नहीं रह सकते। 5 फरवरी को आपको यह तय करना है कि हमें नफरत करने वालों के साथ क्या करना है, लेकिन वोट किसे देना है, यह सवाल बना रहता है। अगर वो हमसे नफरत करते हैं तो क्या उनके साथ मिलकर हमें अपने हक के लिए लड़ना चाहिए? यही समय है और 5 फरवरी को आपको यह निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि अगर फिरौन (मिस्र का एक अत्याचारी) को हराना चाहते हैं तो मूसा (पैगंबर) का साथ देना होगा। मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने फिरौन और मूसा का जिक्र किया, लेकिन दिल्ली के किसी नेता का नाम नहीं लिया। हालांकि, उनका इशारा कहीं न कहीं बीजेपी और आदमी पार्टी की तरफ था। ओवैसी ने कहा अगर आप यह बताना चाहते हैं कि हम ताहिर हुसैन को एंटी नेशनल नहीं मानते, तो यह समय है उनका साथ देने का। हम इस बात को साबित करेंगे कि ताहिर हुसैन न तो सांप्रदायिक हंै, न ही वह किसी गलत चीज का हिस्सा है। Delhi Election

कौन थे फिरौन और मूसा

दरअसल, इस्लाम में हजरत मूसा भी मोहम्मद साहब की तरह ही नबी हैं, जिन्होंने खुदा के मैसेंजर के तौर पर दुनिया में जन्म लिया था। इस्लाम के अनुसार फिरौन प्राचीन मिस्र के शासक था, जो लोगों पर जुल्म और ज्यादतियां करता था। हजरत मूसा का जन्म हुआ तो फिरौन ने फैसला किया था कि सभी नर बच्चों को मार दिया जाना चाहिए ताकि वो बड़े होकर उससे लड़ने के लिए तैयार न हो सकें। मूसा की मां डर गई और उसने अपने बच्चे को फिरौन से बचाने के लिए 3 महीने तक छिपाने की कोशिश की। उसे डर था कि वह उसे ज्यादा समय तक फिरौन से नहीं छिपा पाएगी। इसलिए उसने उसे नील नदी के किनारे एक टोकरी में रख कर छोड़ दिया, इस उम्मीद में कि ईश्वर की शक्ति उसे बचा लेगी। मूसा नदी में बहता हुआ उस जगह पर पहुंचा, जहां फिरौन की बेटी नहा रही थी। उसने उसे बचाया और उसका नाम मूसा रखा, जो बाद में पैंगबर बने। Delhi Election

दिल्ली में पिछले तीन विधानसभा चुनावों का कैसा रहा हाल? यहां जानिए

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सीएम रेड्डी ने पीएम मोदी की तुलना महमूद गजनवी से की, भड़के भाजपाई

Cm reddi
Vivadit Bayan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 05:18 PM
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Vivadit Bayan : मध्यप्रदेश के इंदौर के महू में कांग्रेस की एक रैली में तेलंगाना के सीएम का एक बयान विवाद का कारण बन गया है। दरअसल सोमवार को यहां महू में हुई कांग्रेस की 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की तरफ से दिए गए एक बयान के बाद मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्मा गई है। हुआ यह कि रेवंत रेड्डी ने अपने बयान में पीएम मोदी की तुलना विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी से कर दी, जिसके बाद से ही बीजेपी रेवंत रेड्डी पर हमलवार नजर आ रही है। सीएम रेड्डी के बयान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाराज दिखे और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए तेलंगाना के सीएम पर पलटवार करते हुए उन्हें तुरंत माफी मांगने को कहा, साथ ही एमपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी रेवंत रेड्डी पर निशाना साधा है।

रेवंत रेड्डी ने दिया विवादित बयान

सीएम रेवंत रेड्डी ने महू में हुई कांग्रेस की रैली में कहा कि 'यह लड़ाई संविधान बचाने वालों और संविधान बदलने वालों के बीच में है, मोदी जी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से ही संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है। इसी दौरान उन्होंने पीएम मोदी की तुलना महमूद गजनवी से कर दी। सीएम रेड्डी ने कहा 'मैंने इतिहास में महमूद गजनवी के बारे में पढ़ा था उसने हिंदुस्तान को लूटने और हिंदुस्तान को हासिल करने के लिए बार-बार कोशिश की। वैसे ही महमूद गजनवी जैसे मोदी जी ने संविधान बदलने के लिए, आरक्षण रद्द करने लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। रेवंत रेड्डी के इस बयान की बीजेपी के नेताओं ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस बयान की भर्त्सना करने के साथ माफी मांगने के लिए भी कहा है।

एक विदेशी लुटेरे और आक्रांता से पीएम की तुलना निंदनीय

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के विवादित बयान पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बयान घोर निंदनीय है। भारत ही नहीं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम मोदी की तुलना एक विदेशी लुटेरे और आक्रांता महमूद गजनवी से करके कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने अपनी नफरती मानसिकता का परिचय दिया है। वह मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ उनका इस तरह की भाषा का प्रयोग करना अत्यंत शर्मनाक है, मैं उनके इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। कांग्रेस पार्टी और रेवंत रेड्डी को अपने इस घृणित बयान के लिए देश की जनता एवं आदरणीय प्रधानमंत्री जी से तत्काल माफी मांगनी चाहिए।

यह बयान बेहद शर्मनाक

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा यह बयान बेहद शर्मनाक है। 17 बार भारत पर लूट की मंशा से आक्रमण करने वाले विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी की तुलना विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम नरेंद्र मोदी से करके कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने एक बार फिर अपनी पार्टी और नेतृत्व के नफरती व जहरीली मानसिकता का परिचय दिया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। यह शर्मनाक बयान कांग्रेस पार्टी औन उनकी नफरत का परिचायक है।

महू रैली में पहुंचे थे सीएम रेवंत रेड्डी

इंदौर के पास महू में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली है। कांग्रेस ने इस रैली का आयोजन संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में किया था। बता दें कि रेवंत रेड्डी कांग्रेस की रैली में शामिल होने के लिए महू पहुंचे थे, इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष समेत विधानसभाओं में विपक्ष के लीडर भी शामिल हुए थे।

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