BCCI : मुंबई टी20 फिक्सिंग मामला: BCCI ने मालिक पर गिराई गाज

BCCI : मुंबई टी20 लीग में सोबो सुपरसोनिक्स के पूर्व सह-मालिक, गुरमीत सिंह भामराह को मैच फिक्सिंग के आरोप में बीसीसीआई ने बैन कर दिया है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से:
1. फिक्सिंग के आरोप और बैन का कारण
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गुरमीत सिंह भामराह, जो पहले मुंबई टी20 लीग की सोबो सुपरसोनिक्स फ्रेंचाइजी के सह-मालिक थे, पर फिक्सिंग के आरोप लगे थे।
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उन्होंने 2019 में खेले गए टूर्नामेंट के दौरान कुछ खिलाड़ियों से मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क किया था।
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बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट ने इन आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए गुरमीत सिंह भामराह को बैन कर दिया।
2. खिलाड़ियों से संपर्क करने का मामला
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भामराह ने धवल कुलकर्णी और भाविन ठक्कर से फिक्सिंग के लिए संपर्क किया था।
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इस संबंध में बीसीसीआई की एसीयू ने जांच की और पाया कि भामराह के कहने पर सोनू वासन नाम के व्यक्ति ने भाविन ठक्कर से संपर्क किया था और उन्हें पैसे और अन्य लाभ की पेशकश की थी।
3. बैन की अवधि का नहीं हुआ खुलासा
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बीसीसीआई ने गुरमीत सिंह भामराह पर लगे बैन की अवधि को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
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बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति पर फिक्सिंग का आरोप सिद्ध होता है, तो उसे कम से कम 5 साल और अधिकतम आजीवन बैन किया जा सकता है।
4. अनुच्छेद 4 और 5 के तहत कार्रवाई
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बीसीसीआई की एसीयू ने इस मामले में अनुच्छेद 4 और अनुच्छेद 5 के तहत गुरमीत सिंह भामराह के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की थी।
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इन अनुच्छेदों के तहत दोषी व्यक्ति को पांच साल से लेकर आजीवन बैन तक की सजा हो सकती है।
5. धवल कुलकर्णी का करियर
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धवल कुलकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे, जिन्होंने 2014 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था।
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कुलकर्णी ने 12 वनडे मैचों में 19 विकेट लिए थे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 3 विकेट चटकाए थे।
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उनका करियर भी मैच फिक्सिंग के इस मामले में प्रभावित हुआ है, लेकिन एसीयू ने उनका बयान दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है। BCCI :
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1. फिक्सिंग के आरोप और बैन का कारण
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गुरमीत सिंह भामराह, जो पहले मुंबई टी20 लीग की सोबो सुपरसोनिक्स फ्रेंचाइजी के सह-मालिक थे, पर फिक्सिंग के आरोप लगे थे।
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उन्होंने 2019 में खेले गए टूर्नामेंट के दौरान कुछ खिलाड़ियों से मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क किया था।
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बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट ने इन आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए गुरमीत सिंह भामराह को बैन कर दिया।
2. खिलाड़ियों से संपर्क करने का मामला
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भामराह ने धवल कुलकर्णी और भाविन ठक्कर से फिक्सिंग के लिए संपर्क किया था।
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इस संबंध में बीसीसीआई की एसीयू ने जांच की और पाया कि भामराह के कहने पर सोनू वासन नाम के व्यक्ति ने भाविन ठक्कर से संपर्क किया था और उन्हें पैसे और अन्य लाभ की पेशकश की थी।
3. बैन की अवधि का नहीं हुआ खुलासा
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बीसीसीआई ने गुरमीत सिंह भामराह पर लगे बैन की अवधि को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
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बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति पर फिक्सिंग का आरोप सिद्ध होता है, तो उसे कम से कम 5 साल और अधिकतम आजीवन बैन किया जा सकता है।
4. अनुच्छेद 4 और 5 के तहत कार्रवाई
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बीसीसीआई की एसीयू ने इस मामले में अनुच्छेद 4 और अनुच्छेद 5 के तहत गुरमीत सिंह भामराह के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की थी।
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इन अनुच्छेदों के तहत दोषी व्यक्ति को पांच साल से लेकर आजीवन बैन तक की सजा हो सकती है।
5. धवल कुलकर्णी का करियर
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धवल कुलकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे, जिन्होंने 2014 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था।
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कुलकर्णी ने 12 वनडे मैचों में 19 विकेट लिए थे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 3 विकेट चटकाए थे।
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उनका करियर भी मैच फिक्सिंग के इस मामले में प्रभावित हुआ है, लेकिन एसीयू ने उनका बयान दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है। BCCI :







