Up Election 2022: युपी चुनाव में किन 10 सीटों पर निर्भर हैं दिग्गज नेताओं की किस्मत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Mar 2022 04:19 PM
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Up Chunav: यूपी में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections in UP) चल रहे हैं। जिसमे पांच चरणों का चुनाव समाप्त हो चुका हैं और छठे चरण का चुनाव प्रचार आज से रोक दिया जाएगा। इस चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होना है। वही जिन जिलों में वोटिंग होनी है उनमें बलिया, गोरखपुर, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, बस्ती और अंबेडकर नगर शामिल हैं। इन जिलों के 2.14 करोड़ से अधिक मतदाता 676 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। छठे चरण में जनता के दरबार में सीएम योगी भी है शामिल। दरअसल आपको बता दे की छठे चरण की लड़ाई भी काफी दिलचस्प है। इस बार चुनाव मैदान में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) हैं। वही 18 साल बाद यह पहली बार होगा जब यूपी में कोई मौजूदा मुख्यमंत्री चुनाव लड़ रहा है। इसके पहले साल 2003-04 में मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए गुन्नौर से चुनाव लड़ा था। तब से लेकर आज तक जिसने भी यूपी की सत्ता संभाली हैं वह विधान परिषद के रास्ते ही सीएम की कुर्सी तक पहुंचा हैं। फिर वह 2007 में मायावती हों या 2012 अखिलेश यादव चाहें 2017 में योगी आदित्यनाथ। वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से चुनावी मैदान में हैं। उनके अलावा भी छठे चरण में कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर है। दलबदल कर आए नेताओं की चुनौती। वहीं, आपको बता दे की चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार पडरौना की जगह फाजिलनगर से चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्या 2012 और 2017 में पडरौना सीट से विधायक चुने गए थे। अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यह सीट 2012 और 2017 में भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार स्वामी प्रसाद के मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है। इसके अलावा अंबेडकरनगर की तीन सीटें भी काफी महत्वपूर्ण है। कटेहरी सीट बसपा का गढ़ माना जाता है। पिछली बार इस सीट से लालजी वर्मा जीते थे, लेकिन वह इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं।  
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UP Elections 2022 : मुख्यमंत्री योगी को क्यों आई मुस्लिम लीग की याद?

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UP Elections 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:13 PM
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UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) अब अपने अंतिम दौर की ओर पहुंच रहा है। पांच चरणों (UP Elections 2022) का मतदान होने के बाद अब दो चरणों का मतदान शेष रह गया है। इन दो चरणों में सभी राजनीतिक दल पूरी तरह से जोर शोर लगा रहे हैं। इन पांच चरणों में मायावती अभी तक भाजपा के खिलाफ नहीं बोल रही थी, लेकिन पांचवें चरण में उन्होंने भाजपा को निशाना बनाया तो भाजपा की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मायावती को अपने निशाने पर लिया।

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बसपा द्वारा कई सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने पर सवाल उठाते हुए सीएम योगी ने कहा कि बसपा की सूची देखने के बाद ऐसा लगा कि यह मुस्लिम लीग की सूची तो नहीं है। सीएम योगी ने कहा कि भाजपा ने सामाजिक न्याय के आधार पर हर जाति, हर वर्ग के उम्मीदवार को वोट का नेता बनाया है। दूसरी ओर एसपी की सूची में पेशेवर दंगाइयों, पेशेवर माफियाओं, धमकियों, कारोबारियों का शोषण, दंगाइयों और खुलेआम आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोग सपा की सूची में जगह पाते हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि लेकिन जब मैंने बसपा की लिस्ट देखी तो समझ नहीं आया कि ये लिस्ट बसपा की मुस्लिम लीग की है। पहली ही लिस्ट में बसपा ने 29 मुसलमानों को टिकट देकर क्या साबित करने की कोशिश की। टिकट देना हर राजनीतिक दल की जिम्मेदारी और अधिकार है, लेकिन अगर हम वोट बैंक बनाने के लिए टिकट बांटते हैं तो यह एक आपदा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। आप किसी को भी टिकट दे सकते हैं, लेकिन सूची यह साबित करती है कि समाजवादी पार्टी द्वारा तुष्टिकरण की नीति के तहत जो काम पहले किया गया था, वह बहनजी द्वारा किया गया लगता है।

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए विकास का मतलब कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाना है, लेकिन हमारे लिए विकास का मतलब लोगों के घर-द्वार पर पानी, बिजली, राशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार 20 लाख युवाओं को युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट देगी। उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने कारनामों के लिए जानी जाती है।

योगी ने कहा कि गुंडागर्दी, अराजकता, धमकी, व्‍यापारियों का पलायन इसी मानसिकता के साथ इस बार भी चुनावी मैदान में उतरी है। 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार में 364 दंगे और उसके बाद 2012 से 2017 तक सपा की सरकार में सात सौ दंगे हुए थे। भाजपा के पांच साल के कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ है। दंगामुक्‍त, भयमुक्‍त माहौल देने का काम किसी ने किया है तो भाजपा ने किया है। सीएम योगी ने अपनी पांच साल की उपलब्‍ध‍ियां गिनाते हुए कहा कि कोरोना काल हो या कोई अन्‍य चुनौती भाजपा ने बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए काम किया है।

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UP Elections 2022 आखिर अब भाजपा के खिलाफ आक्रामक क्यों हो रहीं हैं बसपा सुप्रीमो?

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UP Elections 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:15 PM
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UP Elections 2022  : उत्तर प्रदेश (UP Elections 2022) में 3 मार्च को छठें चरण का मतदान होना है। उसे लेकर सभी पार्टियां अपना (UP Elections 2022 ) अपना प्रचार करने में पूरा जोर लगा रही हैं। इस बीच चुनाव का आधा रास्त तय करने के बाद मायावती ने अचानक भाजपा पर तीखा हमला क्यों बोल दिया है। पहले से चौथे चरण तक लेकर मायावती ने केवल आठ बार राजनीतिक बयान जारी किए, लेकिन वह अचानक भाजपा के खिलाफ आक्रामक हो गई हैं। पहले चार चरणों में वह सपा के खिलाफ अधिक आक्रामक थी, लेकिन मायावती ने अपने दलित और मुस्लिम मतदाताओं से गोरखपुर में योगी को हराने की अपील कर सबको चौंका दिया है।

UP Elections 2022

मायावती ने इसके साथ ही उन्होंने योगी सरकार पर मुसलमानों के साथ भेदभाव करने का गंभीर आरोप भी लगाया। पूरे चुनाव में पहली बार मायावती ने योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला बोला हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मायावती का रवैया हैरान करने वाला है। इस चुनाव में पहली बार मायावती बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ आक्रामक नजर आई हैं। अब तक वह अखिलेश यादव के खिलाफ ज्यादा आक्रामक नजर आ रही थीं। क्या यह मायावती की बदली चुनावी रणनीति है, कोई मजबूरी है या फिर खुद को और अपनी पार्टी को चुनाव में प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश है।

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बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जगाए रखा है। योगी हर भाषण में हाथी का जिक्र करते हैं। गौरतलब है कि छठे चरण में गोरखपुर में 3 मार्च को मतदान होगा और योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर की सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती ने योगी सरकार पर कानून व्यवस्था में सुधार के नाम पर बड़े पैमाने पर मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। मायावती पहली बार योगी और उनकी सरकार के मुस्लिम विरोधी रवैये पर जमकर बरसी।

पांचवें चरण के मतदान से पहले मायावती ने अपने और अपनी पार्टी के बीजेपी के साथ गुप्त समझौते के आरोपों पर भी सफाई दी है। या यूं कहें कि उन्हें इस मुद्दे पर सफाई देने पर मजबूर होना पड़ा है। इस चुनाव में मायावती का बीजेपी के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर देखकर बसपा को भाजपा की बी टीम कहा जा रहा है। इसके उलट मायावती ने सवाल किया कि अगर बसपा बीजेपी की बी टीम थी तो सपा और कांग्रेस ने पार्टी के साथ मिलकर चुनाव क्यों लड़ा।

मायावती ने कहा कि दलितों और मुसलमानों की स्थिति को लेकर गृह मंत्री के बसपा के बयान के बाद मीडिया और विरोधियों ने उनकी पार्टी को बीजेपी की बी टीम कहना शुरू कर दिया है। मायावती ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए उल्टा समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह को बीजेपी से मिलीभगत के कटघरे में खड़ा कर दिया।

मायावती ने मुलायम सिंह पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि मुसलमानों ने मुलायम सिंह को वोट दिया और उन्हें कई बार मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन मुलायम सिंह ने लोकसभा में मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद देकर बीजेपी की मदद की। मायावती यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने आगे बढ़कर कहा कि 2003 में जब बीजेपी के साथ उनकी गठबंधन सरकार गिर गई तो मुलायम सिंह यादव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आशीर्वाद लेकर बीजेपी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। मायावती ने यह भी याद दिलाया कि कैसे मुलायम सिंह ने कल्याण सिंह को गले लगाया था।

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