Political Analysis : अब खट्टरकी बारी

Manohar Lal Khattar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Sep 2021 04:00 PM
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नई दिल्ली/चंडीगढ। उत्तराखंड, कर्नाटक व गुजरात में मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी बदला जाएगा। श्री खट्टर के साथ ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम रमेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बदले जाने के आसार नजर आ रहे हैं। सब जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पैमाने पर खरे नहीं उतरने के कारण भाजपा शासित तीन प्रदेशों उत्तराखंड, कर्नाटक व गुजरात के मुख्यमंत्री बदल दिए गए हैं। उत्तराखंड में तो मात्र 6 महीने में दो मुख्यमंत्री बदले गए है।। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में विधानसभा चुनाव से मात्र 15 महीने पहले मुख्यमंत्री को बदला गया है। भारतीय जनता पार्टी में chetnamanch.com के विश्वसनीय सूत्रों ने दावा किया है कि अगले दो तीन महीनों में तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री और बदले जाएंगे।

जिन मुख्यमंत्रियों को बदले जाने की योजना है उनमें सबसे पहले नाम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का है। सूत्र बता रहे हैं कि किसान आंदोलन को ठीक ढंग से हैंडल न कर पाने के कारण बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व senior leadership उनसे खफा है। वैसे भी श्री खट्टर हरियाणा के जातिगत समीकरणों में फिट नहीं बैठते। हरियाणा में जाट जाति का बाहुल्य है। इस कारण बीजेपी की नजर अब जाट नेताओं की तरफ है। खट्टर को हटाकर वहां किसी जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम रमेश व मध्य प्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बदले जाने की संभावना जताई जा रही है।

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Political Update: नहीं थम रहा पंजाब कांग्रेस का घमासान

Congress
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:39 AM
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पंजाब कांग्रेस में चल रहा घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है। पार्टी महासचिव व पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने इस बाबत पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात कर विवाद को सुलझाने का आग्रह किया है।

बतादें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू  ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इसी को लेकर अपनी परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने से पहले रावत बुधवार को दोनों शीर्ष नेताओं से मिलकर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा। इससे पहले उन्होंने चंडीगढ़ का दौरा कर स्थानीय कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी भेंट की। इस मामले में वे राहुल गांधी से भी पिछले सप्ताह भेंट की थी। लेकिन पंजाब का विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। बताया जा रहा है कि सिद्धू समर्थक तकरीबन 40 विधायकों ने एक बार फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है। वे इसके लिए दिल्ली से दो तटस्थ पर्यवेक्षकों को भेजने की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी बात हाईकमान तक पहुंच सके। माना जा रहा है कि शनिवार को अपनी दूसरे चरण की यात्रा से पहले वे एक बार फिर से पंजाब का दौरा सकते हैं।

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Political Update: प्रियंका गांधी रायबरेली या अमेठी से चुनाव लड़ने की कर रही तैयारी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:25 PM
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लखनऊ: यूपी से कांग्रेस महासचिव और चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद लगाई जा रही है। हालांकि इसको लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी के ऑफिस की तरफ से चुनावी तैयारियां शुरू की जा चुकी है। इसके लिए रायबरेली और अमेठी के डेटा जुटाया जा रहा है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद वहां गांधी परिवार का दबदबा कम हो चुका है। कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं होने की वजह से रायबरेली में भी गांधी परिवार का जनता से संपर्क कम होता जा रहा है।

प्रियंका के चुनाव लड़ने से अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की जनता के साथ कांग्रेस के संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। रायबरेली और अमेठी बरसों से गांधी परिवार में हमेशा गांघी परिवार के सदस्त चुनाव लड़ते रहे हैं और उनका रिकाॅर्ड भी संतोशजनक रहा है। प्रियंका इसको ध्यान रखकर चुनावी मैदान में जाना चाहती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद तो औपचारिक रूप से बताया है कि यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका कांग्रेस का चेहरा हो सकती हैं।

रायबरेली में कांग्रेस का रिकाॅर्ड रहा है बेहतर 

रायबरेली तो कांग्रेस का ऐतिहासिक चुनाव मैदान माना जाता है। सन 1952 से लेकर 2019 तक लोकसभा चुनाव में सिर्फ तीन बार कांग्रेस हार चुकी है। साल 1977, 1988 और 1996 में इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी, शीला कौल, अरुण नेहरू और सतीश शर्मा चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे।

अमेठी में 16 बार कांग्रेस ने हासिल की जीत 

अमेठी में 17 लोकसभा और 2 उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीतकर परचल लहराया है। यहाँ सिर्फ तीन बार 1977, 1998 और 2019 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ गया है। सन 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में पहली बार कांग्रेस को हार मिली थी। इसके बाद 1980 में संजय गांधी यहां से सांसद चुना गया। संजय की मौत के बाद राजीव गांधी ने अमेठी की बागडोर संभाल लिया था। फिर 1999 में सोनिया गांधी ने चुनाव में जीत हासिल किया था। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी यहां से जीते , लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल को शिकस्त दी थी।