गौतमबुद्ध नगर के दुजाना में 8 प्रदेशों की 25 टीमों के बीच 68 मैच




Mainpuri bye election: इटावा। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बीच मनमुटाव दूर होने का दृश्य रविवार को देखने को मिला, जब मंच पर अखिलेश ने शिवपाल के पैर छुए और जोर देकर कहा कि चाचा-भतीजे के बीच दूरियां कभी नहीं रहीं।
शिवपाल ने भी अपने संबोधन में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव की बड़ी जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान होना है। सपा ने इस सीट पर अखिलेश की पत्नी और मुलायम की पुत्रवधू डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है।
रविवार को पारिवारिक गढ़ सैफई में आयोजित एक चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने कहा, “उपचुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) हमारे बीच नहीं हैं। पूरे देश की नजरें इस उपचुनाव पर हैं और मैं कह सकता हूं कि पूरा देश समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत का गवाह बनेगा।”
अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, “कई बार लोग कहते हैं कि बहुत दूरियां हैं। आप सबको बता दूं कि चाचा-भतीजे में कभी दूरियां नहीं थीं। हमारी राजनीति में दूरियां थीं।”
उन्होंने कहा, “मैंने कभी चाचा-भतीजे के रिश्ते में दूरियां नहीं मानीं और मुझे इस बात की खुशी है कि राजनीति की दूरियां भी आज खत्म हो गईं। इसलिए उसे (भाजपा को) घबराहट हो रही होगी, क्योंकि वह जानती है कि जसवंतनगर ने मन बना लिया है, करहल साथ चल दिया है, मैनपुरी के लोग समर्थन में हैं और भोगांव भी सपा के पक्ष में है।”
अखिलेश की इस टिप्पणी के बाद रैली में उमड़ी भीड़ ने जोरदार तालियां बजाईं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जसवंत नगर और करहल सीट का प्रतिनिधित्व क्रमश: शिवपाल और अखिलेश करते हैं।
रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश ने शिवपाल और सपा महासचिव राम गोपाल यादव के साथ मंच साझा किया।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले अखिलेश ने बृहस्पतिवार को अपनी पत्नी और पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव के साथ शिवपाल से मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट किया था, “नेताजी और परिवार के बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ-साथ मैनपुरी की जनता भी हमारे साथ है।” अखिलेश ने शिवपाल के साथ ली गई एक तस्वीर भी साझा की थी।
वहीं, शिवपाल ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी और उपचुनाव में सपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया था। चुनाव में शिवपाल की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका विधानसभा क्षेत्र जसवंत नगर मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
शिवपाल का मैनपुरी की जनता से गहरा नाता है और सपा संस्थापक के न रहने पर क्षेत्र में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में वह मुलायम के प्रतिनिधि के तौर पर जाते थे।
शिवपाल का डिंपल के पक्ष में प्रचार करना इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया है, जो कभी शिवपाल के करीबी रहे थे। मैनपुरी में मतदान पांच दिसंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को की जाएगी।
क्षेत्र में मुकाबला मुख्य रूप से सपा की डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य के बीच है।
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र-मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर आते हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि मैनपुरी और भोगांव सीटों में भाजपा को विजय हासिल हुई थी।
इस मौके पर अखिलेश यादव ने भाजपा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह पहली सरकार है, जो अपने वादों को भूल गई है। सपा प्रमुख ने अपना हमला और तेज करते हुए कहा, 'जब 'दूरी' होती है तो कहते हैं कि झगड़ा है और जब हम एक हो जाते हैं तो वे हमें 'परिवारवादी' पार्टी कहते हैं, यही समस्या भाजपा के लोगों की है और रहेगी, क्योंकि वे हर जगह कमियां ढूंढते हैं।
भाजपा पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि हमें 'नेताजी' ने हमेशा भाईचारे और सौहार्द की राजनीति सिखाई है।
सपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को 'नेताजी' के दिखाए रास्ते पर चलना होगा और देश और समाज की दिशा बदलनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नेताजी अड़े न होते तो लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे 23 महीने के अंतराल में नहीं बन पाता। इस एक्सप्रेस-वे को देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस-वे पाया गया। जब उन्हें (नेताजी) शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया गया था तो शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा था कि वे शिलान्यास तभी करेंगे, जब उन्हें उद्घाटन की तारीख पता होगी. जिस दिन शिलान्यास हुआ था, उस दिन 'नेताजी' का जन्मदिन था, और जिस दिन उसका उद्घाटन हुआ था, उसी दिन भी उनका जन्मदिन था।’’
अपने संबोधन में शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा ने गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और उसने पूरे प्रदेश की जनता को परेशान करने का काम किया है, जनता को किसी भी कार्यालय में जाना पड़े तो रिश्वत देनी पड़ती है।
Mainpuri bye election: इटावा। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बीच मनमुटाव दूर होने का दृश्य रविवार को देखने को मिला, जब मंच पर अखिलेश ने शिवपाल के पैर छुए और जोर देकर कहा कि चाचा-भतीजे के बीच दूरियां कभी नहीं रहीं।
शिवपाल ने भी अपने संबोधन में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव की बड़ी जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान होना है। सपा ने इस सीट पर अखिलेश की पत्नी और मुलायम की पुत्रवधू डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है।
रविवार को पारिवारिक गढ़ सैफई में आयोजित एक चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने कहा, “उपचुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) हमारे बीच नहीं हैं। पूरे देश की नजरें इस उपचुनाव पर हैं और मैं कह सकता हूं कि पूरा देश समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत का गवाह बनेगा।”
अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, “कई बार लोग कहते हैं कि बहुत दूरियां हैं। आप सबको बता दूं कि चाचा-भतीजे में कभी दूरियां नहीं थीं। हमारी राजनीति में दूरियां थीं।”
उन्होंने कहा, “मैंने कभी चाचा-भतीजे के रिश्ते में दूरियां नहीं मानीं और मुझे इस बात की खुशी है कि राजनीति की दूरियां भी आज खत्म हो गईं। इसलिए उसे (भाजपा को) घबराहट हो रही होगी, क्योंकि वह जानती है कि जसवंतनगर ने मन बना लिया है, करहल साथ चल दिया है, मैनपुरी के लोग समर्थन में हैं और भोगांव भी सपा के पक्ष में है।”
अखिलेश की इस टिप्पणी के बाद रैली में उमड़ी भीड़ ने जोरदार तालियां बजाईं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जसवंत नगर और करहल सीट का प्रतिनिधित्व क्रमश: शिवपाल और अखिलेश करते हैं।
रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश ने शिवपाल और सपा महासचिव राम गोपाल यादव के साथ मंच साझा किया।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले अखिलेश ने बृहस्पतिवार को अपनी पत्नी और पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव के साथ शिवपाल से मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट किया था, “नेताजी और परिवार के बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ-साथ मैनपुरी की जनता भी हमारे साथ है।” अखिलेश ने शिवपाल के साथ ली गई एक तस्वीर भी साझा की थी।
वहीं, शिवपाल ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी और उपचुनाव में सपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया था। चुनाव में शिवपाल की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका विधानसभा क्षेत्र जसवंत नगर मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
शिवपाल का मैनपुरी की जनता से गहरा नाता है और सपा संस्थापक के न रहने पर क्षेत्र में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में वह मुलायम के प्रतिनिधि के तौर पर जाते थे।
शिवपाल का डिंपल के पक्ष में प्रचार करना इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया है, जो कभी शिवपाल के करीबी रहे थे। मैनपुरी में मतदान पांच दिसंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को की जाएगी।
क्षेत्र में मुकाबला मुख्य रूप से सपा की डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य के बीच है।
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र-मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर आते हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि मैनपुरी और भोगांव सीटों में भाजपा को विजय हासिल हुई थी।
इस मौके पर अखिलेश यादव ने भाजपा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह पहली सरकार है, जो अपने वादों को भूल गई है। सपा प्रमुख ने अपना हमला और तेज करते हुए कहा, 'जब 'दूरी' होती है तो कहते हैं कि झगड़ा है और जब हम एक हो जाते हैं तो वे हमें 'परिवारवादी' पार्टी कहते हैं, यही समस्या भाजपा के लोगों की है और रहेगी, क्योंकि वे हर जगह कमियां ढूंढते हैं।
भाजपा पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि हमें 'नेताजी' ने हमेशा भाईचारे और सौहार्द की राजनीति सिखाई है।
सपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को 'नेताजी' के दिखाए रास्ते पर चलना होगा और देश और समाज की दिशा बदलनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नेताजी अड़े न होते तो लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे 23 महीने के अंतराल में नहीं बन पाता। इस एक्सप्रेस-वे को देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस-वे पाया गया। जब उन्हें (नेताजी) शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया गया था तो शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा था कि वे शिलान्यास तभी करेंगे, जब उन्हें उद्घाटन की तारीख पता होगी. जिस दिन शिलान्यास हुआ था, उस दिन 'नेताजी' का जन्मदिन था, और जिस दिन उसका उद्घाटन हुआ था, उसी दिन भी उनका जन्मदिन था।’’
अपने संबोधन में शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा ने गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और उसने पूरे प्रदेश की जनता को परेशान करने का काम किया है, जनता को किसी भी कार्यालय में जाना पड़े तो रिश्वत देनी पड़ती है।

UP News उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले में एक कंप्यूटर टीचर का शव बंद घर में फंदे से लटका मिला। बताया जा रहा कि शिक्षिका पिछले चार दिनों से किसी का फोन नहीं उठा रही थी। इसी दौरान शिक्षिका की मां को बुरे सपने आए तो वह बेटे को लेकर बेटी के कमरे पर पहुंच गईं। जब वह बेटी के कमरे पर पहुंची तो उसका शव फंदे से झूलता मिला। जिसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पाकबाड़ा थाना क्षेत्र में कैल्सा रोड स्थित ग्राम देवड़ी वाजिदपुर निवासी चरन सिंह वाहन चालक हैं।
चरन सिंह की बेटी काजल कंप्यूटर टीचर है। काजल मझोला थाना क्षेत्र स्थित नया मुरादाबाद के सेक्टर 13 में किराए के मकान में रहकर एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाती थी। काजल की मां ने बताया कि बीते 4 दिन से वह किसी का फोन नहीं उठा रही थी। उन्होंने बताया कि करीब एक महीने पहले उनकी बेटी इस मकान में शिफ्ट हुई थी। इससे पहले वह मुरादाबाद में कहीं और रहती थी। बता दें कि मृतका के परिजनों को भी इस मकान के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन किसी परिचित द्वारा बेटी को देखे जाने पर परिवार को घर बदलने की बात की जानकारी हुई थी।
मृतका की मां सुनीता ने बताया कि इस बीच उनको बुरा सपना आया। जिसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी बुरे सपने आने लगे। इस पर वह बेटे को साथ लेकर बेटी का मकान ढूंढने निकल पड़ी। उन्होंने बताया कि जैसे ही वह घर के पास आईं तो दरवाजे पर पहुंचते ही हमें दुर्गंध आने लगी। इस दौरान उन्हें बेटी के साथ अनहोनी होने का अंदेशा हो गया था। वहीं पुलिस के आने के बाद मकान का दरवाजा तोड़ा गया तो देखा कि शिक्षिका का शव फंदे पर लटक रहा था।
वहीं SP सिटी अखिलेश भदौरिया ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि घर अंदर से बंद था। आसपास से तेज दुर्गंध भी आ रही थी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया से यह मामला आत्महत्या का लग रहा है। वहीं शिक्षिका का शव कम से कम दो दिन पुराना है। SP सिटी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का स्पष्ट कारण पता चल सकेगा। वहीं परिजनों के अनुसार, बीते गुरुवार से काजल फोन नहीं रिसीव कर रही थी। ऐसे में अंदेशा है कि उसकी मौत गुरुवार को ही हो गई थी।
UP News उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले में एक कंप्यूटर टीचर का शव बंद घर में फंदे से लटका मिला। बताया जा रहा कि शिक्षिका पिछले चार दिनों से किसी का फोन नहीं उठा रही थी। इसी दौरान शिक्षिका की मां को बुरे सपने आए तो वह बेटे को लेकर बेटी के कमरे पर पहुंच गईं। जब वह बेटी के कमरे पर पहुंची तो उसका शव फंदे से झूलता मिला। जिसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पाकबाड़ा थाना क्षेत्र में कैल्सा रोड स्थित ग्राम देवड़ी वाजिदपुर निवासी चरन सिंह वाहन चालक हैं।
चरन सिंह की बेटी काजल कंप्यूटर टीचर है। काजल मझोला थाना क्षेत्र स्थित नया मुरादाबाद के सेक्टर 13 में किराए के मकान में रहकर एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाती थी। काजल की मां ने बताया कि बीते 4 दिन से वह किसी का फोन नहीं उठा रही थी। उन्होंने बताया कि करीब एक महीने पहले उनकी बेटी इस मकान में शिफ्ट हुई थी। इससे पहले वह मुरादाबाद में कहीं और रहती थी। बता दें कि मृतका के परिजनों को भी इस मकान के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन किसी परिचित द्वारा बेटी को देखे जाने पर परिवार को घर बदलने की बात की जानकारी हुई थी।
मृतका की मां सुनीता ने बताया कि इस बीच उनको बुरा सपना आया। जिसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी बुरे सपने आने लगे। इस पर वह बेटे को साथ लेकर बेटी का मकान ढूंढने निकल पड़ी। उन्होंने बताया कि जैसे ही वह घर के पास आईं तो दरवाजे पर पहुंचते ही हमें दुर्गंध आने लगी। इस दौरान उन्हें बेटी के साथ अनहोनी होने का अंदेशा हो गया था। वहीं पुलिस के आने के बाद मकान का दरवाजा तोड़ा गया तो देखा कि शिक्षिका का शव फंदे पर लटक रहा था।
वहीं SP सिटी अखिलेश भदौरिया ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि घर अंदर से बंद था। आसपास से तेज दुर्गंध भी आ रही थी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया से यह मामला आत्महत्या का लग रहा है। वहीं शिक्षिका का शव कम से कम दो दिन पुराना है। SP सिटी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का स्पष्ट कारण पता चल सकेगा। वहीं परिजनों के अनुसार, बीते गुरुवार से काजल फोन नहीं रिसीव कर रही थी। ऐसे में अंदेशा है कि उसकी मौत गुरुवार को ही हो गई थी।