उत्तर प्रदेश में ईरानी बहू के साथ दहेज उत्पीड़न का मामला, जान से मारने की दी धमकी
पंकज दिवाकर, जो एक यूट्यूबर हैं और अपना कैफे भी चलाते हैं, ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और समझौता कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली ईरानी महिला फायजा अवंर्दी ने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, शादी के कुछ ही समय बाद सास कुंता देवी, तीन ननदें और नंदोई ने उन्हें लगातार परेशान करना शुरू कर दिया। पीड़िता का कहना है कि महंगे तोहफे और रुपये देने से इनकार करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। फायजा ने आरोप लगाया कि उनके निजी पलों की वीडियो और तस्वीरें ससुराल पक्ष ने उनके अनुमति के बिना रिकॉर्ड कीं और उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की। इसके अलावा, जब उन्होंने विरोध किया, तो जान से मारने की धमकी भी दी गई। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का यह मामला घरेलू उत्पीड़न (दहेज उत्पीड़न) का गंभीर उदाहरण माना जा सकता है, जिसमें विदेशी पत्नी होने के कारण सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव भी जुड़ गया।
पुलिस में शिकायत और जांच
पीड़िता अपने पति पंकज कुमार दिवाकर के साथ मुरादाबाद के महिला थाने गईं और पूरी घटना पुलिस को बताई। उन्होंने लिखित तहरीर देकर दहेज उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और जान से मारने की धमकी के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पंकज दिवाकर, जो एक यूट्यूबर हैं और अपना कैफे भी चलाते हैं, ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और समझौता कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली। पति-पत्नी अब ईरान में सेटल होने का निर्णय ले चुके हैं। दिवाकर ने बताया कि परिवार में छोटी-मोटी समस्याएँ सामान्य हैं, लेकिन माहौल उनके लिए उचित नहीं था, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में परिस्थितियाँ अनुकूल हुईं, तो वे भारत वापस आ सकते हैं।
सामाजिक और कानूनी परिप्रेक्ष्य
* यह मामला घरेलू उत्पीड़न, दहेज मांग और ब्लैकमेलिंग का गंभीर उदाहरण है।
* विदेशी पत्नी होने के कारण सामाजिक और पारिवारिक तनाव बढ़ गया।
* शिकायत वापस लेने के बावजूद पुलिस जांच महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भविष्य में किसी भी तरह की अनियमितताओं या खतरे को रोकने में मदद कर सकती है।
* परिवार में समझौता होना और विदेश जाने का निर्णय एक तरह का निजी समाधान है, लेकिन कानून के तहत आरोपी पक्ष की जवाबदेही बनी रहती है।
परिवार और कैफे का जीवन
दिवाकर और फायजा मुरादाबाद में ही रहते थे। दिवाकर का कैफे काफी लोकप्रिय है, जिसमें 30 से अधिक प्रकार की ईरानी चाय मिलती हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक इसका स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह मामला दर्शाता है कि निजी और सार्वजनिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। घरेलू उत्पीड़न और दहेज विरोध की घटनाएँ केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं होतीं, बल्कि समाज और कानून की दृष्टि से भी गंभीर होती हैं। विदेशी नवविवाहिता के मामले में सामाजिक, सांस्कृतिक और कानूनी पहलू और जटिल हो जाते हैं। पति-पत्नी का ईरान में स्थायी रूप से सेटल होने का निर्णय विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश है। हालांकि, पुलिस जांच जारी रहना और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन होना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली ईरानी महिला फायजा अवंर्दी ने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, शादी के कुछ ही समय बाद सास कुंता देवी, तीन ननदें और नंदोई ने उन्हें लगातार परेशान करना शुरू कर दिया। पीड़िता का कहना है कि महंगे तोहफे और रुपये देने से इनकार करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। फायजा ने आरोप लगाया कि उनके निजी पलों की वीडियो और तस्वीरें ससुराल पक्ष ने उनके अनुमति के बिना रिकॉर्ड कीं और उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की। इसके अलावा, जब उन्होंने विरोध किया, तो जान से मारने की धमकी भी दी गई। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का यह मामला घरेलू उत्पीड़न (दहेज उत्पीड़न) का गंभीर उदाहरण माना जा सकता है, जिसमें विदेशी पत्नी होने के कारण सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव भी जुड़ गया।
पुलिस में शिकायत और जांच
पीड़िता अपने पति पंकज कुमार दिवाकर के साथ मुरादाबाद के महिला थाने गईं और पूरी घटना पुलिस को बताई। उन्होंने लिखित तहरीर देकर दहेज उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और जान से मारने की धमकी के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पंकज दिवाकर, जो एक यूट्यूबर हैं और अपना कैफे भी चलाते हैं, ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और समझौता कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली। पति-पत्नी अब ईरान में सेटल होने का निर्णय ले चुके हैं। दिवाकर ने बताया कि परिवार में छोटी-मोटी समस्याएँ सामान्य हैं, लेकिन माहौल उनके लिए उचित नहीं था, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में परिस्थितियाँ अनुकूल हुईं, तो वे भारत वापस आ सकते हैं।
सामाजिक और कानूनी परिप्रेक्ष्य
* यह मामला घरेलू उत्पीड़न, दहेज मांग और ब्लैकमेलिंग का गंभीर उदाहरण है।
* विदेशी पत्नी होने के कारण सामाजिक और पारिवारिक तनाव बढ़ गया।
* शिकायत वापस लेने के बावजूद पुलिस जांच महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भविष्य में किसी भी तरह की अनियमितताओं या खतरे को रोकने में मदद कर सकती है।
* परिवार में समझौता होना और विदेश जाने का निर्णय एक तरह का निजी समाधान है, लेकिन कानून के तहत आरोपी पक्ष की जवाबदेही बनी रहती है।
परिवार और कैफे का जीवन
दिवाकर और फायजा मुरादाबाद में ही रहते थे। दिवाकर का कैफे काफी लोकप्रिय है, जिसमें 30 से अधिक प्रकार की ईरानी चाय मिलती हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक इसका स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह मामला दर्शाता है कि निजी और सार्वजनिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। घरेलू उत्पीड़न और दहेज विरोध की घटनाएँ केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं होतीं, बल्कि समाज और कानून की दृष्टि से भी गंभीर होती हैं। विदेशी नवविवाहिता के मामले में सामाजिक, सांस्कृतिक और कानूनी पहलू और जटिल हो जाते हैं। पति-पत्नी का ईरान में स्थायी रूप से सेटल होने का निर्णय विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश है। हालांकि, पुलिस जांच जारी रहना और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन होना जरूरी है।







