Azam Khan : अखिलेश का साथ छोड़ कहां जाएंगे आजम खान?

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calendar26 Apr 2022 07:38 PM
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Azam Khan news in hindi : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सपा के दमदार नेता शिवपाल यादव जहां भाजपा में जाने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी ही स्थिति से रामपुर विधायक आजम खान (Azam Khan) के सामने भी है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो, यदि आजम (Azam Khan) और अखिलेश के बीच खटपट होती है या अखिलेश, आजम का साथ साथ छोड़ते हैं तो आजम खान के सामने क्या विकल्प बचेगा। आजम खान किस राजनीतिक दल को चुनेंगे, यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चल रहा है।

Azam Khan news in hindi

उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में इन दिनों सपा विधायक आजम खान हैं। आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से आजम खान की जब से नाराजगी की बात सामने आई है, दूसरे दलों के नेताओं का जेल में उनसे मिलने की कवायद शुरू कर दी है। आजम खान ने शिवपाल यादव से लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से तो मुलाकात की, लेकिन सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को बैरंग वापस कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आजम खान अब अखिलेश यादव से अलग नई सियासी राह तलाश रहे हैं? अगर हां, तो उनके पास क्या-क्या राजनीतिक विकल्प हैं?

आपको बता दें कि विधायक आजम खान के खिलाफ दर्ज 78 मुकदमों में से 77 मामलों में उन्हें अलग-अलग अदालतों से जमानत मिल चुकी है। अब केवल एक मामला बचा हुआ है, उसमें भी सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी कोर्ट का फैसला नहीं आ सका है।

आजम खान लंबे वक्त से जेल में हैं, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव महज एक बार उनसे मिलने गए थे। उनकी रिहाई के लिए भी सपा लड़ती नजर नहीं आई। ऐसे में आजम खान के जेल से बाहर आने से पहले ही उन्हें लेकर सियासी तानाबना बुना जाने लगा है। पिछले छह दिन में आजम खान से लेकर उनके परिवार से नेताओं की मुलाकात का सिलसिला जारी है।

बताया जाता है कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर आजम परिवार से मुलाकात की तो अखिलेश के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले शिवपाल यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल में आजम खान से मिले थे। सोमवार को कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने जेल पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की। दलित नेता और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी आजम खान से मिलने के लिए तैयार बैठे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने तो आजम खान को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता तक भेज दिया है।

सपा का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक रविदास मल्होत्रा और सचिव अनुज मिश्रा की अगुवाई में रविवार को सीतापुर जेल पहुंचा था, लेकिन आजम खान ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। ऐसे में आजम खान का सपा नेताओं से न मिलना, साफ संकेत है कि अब आजम खान की सपा से दूरी बन रही है. अब मुद्दा सपा द्वारा आजम का साथ छोड़ने, मुस्लिमों की बात न करने तक पहुंच गई है।

आजम के सामने विकल्प

राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं को देखें तो आजम खान के सामने बसपा, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस, औवेसी की एआईएमआईएम ही विकल्प बचते हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में इन दलों का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है। ऐसे में आजम को यह भी देखना होगा कि कौन सा दल उनके लिए उपयुक्त हो सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि वह शिवपाल यादव की पार्टी को यूपी खड़ा कर सकते हैं या फिर अपनी ही पार्टी बना सकते हैं। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि आजम खान क्या कदम उठाते हैं।

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UP Government- तय मानक से अधिक आवाज होने पर तुरंत उतारे जाए लाउडस्पीकर-CM योगी

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योगी आदित्यनाथ
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calendar02 Dec 2025 02:11 AM
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UP Government- पूरे देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश की सरकार (UP Government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में यह निर्देश जारी किया गया है सभी धार्मिक स्थलों पर चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद तय मानक सीमा से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जाने पर लाउडस्पीकर तुरंत उतार लिया जाए। इस निर्देश को पालन करते हुए अब तक प्रदेश में 100 से भी अधिक लाउडस्पीकर उतार लिए गए हैं जबकि सरकार द्वारा लगाए गए नियम का पालन करते हुए हजारों लाउडस्पीकर की आवाज कम हो गई है।

देश भर में हो रही धार्मिक हिंसा को देखते हुए योगी सरकार का फैसला -

गौरतलब है कि हिंदू धार्मिक पर्व हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) और रामनवमी (Ramnavami) के मौके पर, देश के कई हिस्सों में लाउडस्पीकर के लेकर काफी बवाल हुआ और हिंसा जागृत हुई। देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे बवाल को देखते हुए अब देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) काफी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील जिलों के साथ-साथ प्रदेश के हर हिस्सों में लाउडस्पीकर के लिए एक मानक ध्वनि सीमा तय कर दी है। और इससे अधिक आवाज होने पर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतार लेने का निर्देश जारी किया गया है। जारी किए गए नियमों का कड़ाई से पालन हो सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने ऐसे धार्मिक स्थलों की थानावार सूची बनाने का आदेश दिया है, जहां पर तय सीमा से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जाते हैं। धार्मिक पर्व व त्योहारों के दौरान प्रदेश में शांति का माहौल बना रहे इसके लिए प्रदेश सरकार (UP Government) ने यह नियम लगाया है कि कोई भी धार्मिक यात्रा अथवा जुलूस निकालने से पहले आयोजकों द्वारा सरकार से परमिशन ली जाए और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाया जाए। प्रदेश में शांति बनी रहे इस को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 4 मई तक सभी पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है।
Yogi Adityanath- इलाहाबाद हाईकोर्ट यूपी सीएम के नाम से योगी शब्द को हटाने की मांग को किया खारिज लगाया जुर्माना

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए जारी की गई नई गाइडलाइन -

प्रदेश सरकार (UP Government) ने सभी धार्मिक स्थलों, मंदिर तथा मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत किसी भी धार्मिक स्थल पर बजने वाले लाउड स्पीकर की आवाज उस धर्म स्थल से बाहर नहीं जानी चाहिए। जांच पड़ताल के दौरान यदि किसी भी धार्मिक स्थल पर नियम उल्लंघन होता हुआ दिखाई दिया तो उस धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर उतार लेने का आदेश दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि धर्मगुरुओं से संवाद और समन्वय के आधार पर अवैध लाउडस्पीकरों को हटवाया जाए और निर्धारित डेसिबल का पालन कराया जाए।  
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Yogi Adityanath- इलाहाबाद हाईकोर्ट यूपी सीएम के नाम से योगी शब्द को हटाने की मांग को किया खारिज लगाया जुर्माना

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योगी आदित्यनाथ
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calendar01 Dec 2025 02:59 PM
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Yogi Adityanath- एक याचिका की सुनवाई में फैसला करते हुये इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ के पहले लगे योगी शब्द को हटाने की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही साथ 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High court) के न्यायाधीश राजेश बिंदल एवं पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने ये आदेश जारी किया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के अनुसार योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में अलग अलग नाम से नामांकन करते हैं। उन्हें अपने आधिकारिक नाम से ही नामांकन करना चाहिए।
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आगे यह भी कहा गया कि 2004, 2009, 2014 में इन्होंने आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नाम से शपथ लिया उसके बाद अपने नाम के आगे योगी जोड़ लिया। उन्हें अपने नाम के आगे योगी शब्द जोड़ने से रोका जाए। यह इस्तेमाल उन्ही शब्दो की तरह है जैसे डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि अपने नाम के साथ करते हैं। कोर्ट ने सुनवाई करते हुये मुकदमे को खारिज किया साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना कोर्ट का समय बर्बाद करने के कारण लगाया।