Azam Khan : अखिलेश का साथ छोड़ कहां जाएंगे आजम खान?

Azam Khan news in hindi : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सपा के दमदार नेता शिवपाल यादव जहां भाजपा में जाने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी ही स्थिति से रामपुर विधायक आजम खान (Azam Khan) के सामने भी है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो, यदि आजम (Azam Khan) और अखिलेश के बीच खटपट होती है या अखिलेश, आजम का साथ साथ छोड़ते हैं तो आजम खान के सामने क्या विकल्प बचेगा। आजम खान किस राजनीतिक दल को चुनेंगे, यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चल रहा है।
Azam Khan news in hindi
उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में इन दिनों सपा विधायक आजम खान हैं। आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से आजम खान की जब से नाराजगी की बात सामने आई है, दूसरे दलों के नेताओं का जेल में उनसे मिलने की कवायद शुरू कर दी है। आजम खान ने शिवपाल यादव से लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से तो मुलाकात की, लेकिन सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को बैरंग वापस कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आजम खान अब अखिलेश यादव से अलग नई सियासी राह तलाश रहे हैं? अगर हां, तो उनके पास क्या-क्या राजनीतिक विकल्प हैं?
आपको बता दें कि विधायक आजम खान के खिलाफ दर्ज 78 मुकदमों में से 77 मामलों में उन्हें अलग-अलग अदालतों से जमानत मिल चुकी है। अब केवल एक मामला बचा हुआ है, उसमें भी सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी कोर्ट का फैसला नहीं आ सका है।
आजम खान लंबे वक्त से जेल में हैं, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव महज एक बार उनसे मिलने गए थे। उनकी रिहाई के लिए भी सपा लड़ती नजर नहीं आई। ऐसे में आजम खान के जेल से बाहर आने से पहले ही उन्हें लेकर सियासी तानाबना बुना जाने लगा है। पिछले छह दिन में आजम खान से लेकर उनके परिवार से नेताओं की मुलाकात का सिलसिला जारी है।
बताया जाता है कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर आजम परिवार से मुलाकात की तो अखिलेश के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले शिवपाल यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल में आजम खान से मिले थे। सोमवार को कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने जेल पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की। दलित नेता और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी आजम खान से मिलने के लिए तैयार बैठे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने तो आजम खान को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता तक भेज दिया है।
सपा का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक रविदास मल्होत्रा और सचिव अनुज मिश्रा की अगुवाई में रविवार को सीतापुर जेल पहुंचा था, लेकिन आजम खान ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। ऐसे में आजम खान का सपा नेताओं से न मिलना, साफ संकेत है कि अब आजम खान की सपा से दूरी बन रही है. अब मुद्दा सपा द्वारा आजम का साथ छोड़ने, मुस्लिमों की बात न करने तक पहुंच गई है।
आजम के सामने विकल्प
राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं को देखें तो आजम खान के सामने बसपा, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस, औवेसी की एआईएमआईएम ही विकल्प बचते हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में इन दलों का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है। ऐसे में आजम को यह भी देखना होगा कि कौन सा दल उनके लिए उपयुक्त हो सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि वह शिवपाल यादव की पार्टी को यूपी खड़ा कर सकते हैं या फिर अपनी ही पार्टी बना सकते हैं। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि आजम खान क्या कदम उठाते हैं।
Azam Khan news in hindi : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सपा के दमदार नेता शिवपाल यादव जहां भाजपा में जाने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी ही स्थिति से रामपुर विधायक आजम खान (Azam Khan) के सामने भी है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो, यदि आजम (Azam Khan) और अखिलेश के बीच खटपट होती है या अखिलेश, आजम का साथ साथ छोड़ते हैं तो आजम खान के सामने क्या विकल्प बचेगा। आजम खान किस राजनीतिक दल को चुनेंगे, यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चल रहा है।
Azam Khan news in hindi
उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में इन दिनों सपा विधायक आजम खान हैं। आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से आजम खान की जब से नाराजगी की बात सामने आई है, दूसरे दलों के नेताओं का जेल में उनसे मिलने की कवायद शुरू कर दी है। आजम खान ने शिवपाल यादव से लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से तो मुलाकात की, लेकिन सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को बैरंग वापस कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आजम खान अब अखिलेश यादव से अलग नई सियासी राह तलाश रहे हैं? अगर हां, तो उनके पास क्या-क्या राजनीतिक विकल्प हैं?
आपको बता दें कि विधायक आजम खान के खिलाफ दर्ज 78 मुकदमों में से 77 मामलों में उन्हें अलग-अलग अदालतों से जमानत मिल चुकी है। अब केवल एक मामला बचा हुआ है, उसमें भी सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी कोर्ट का फैसला नहीं आ सका है।
आजम खान लंबे वक्त से जेल में हैं, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव महज एक बार उनसे मिलने गए थे। उनकी रिहाई के लिए भी सपा लड़ती नजर नहीं आई। ऐसे में आजम खान के जेल से बाहर आने से पहले ही उन्हें लेकर सियासी तानाबना बुना जाने लगा है। पिछले छह दिन में आजम खान से लेकर उनके परिवार से नेताओं की मुलाकात का सिलसिला जारी है।
बताया जाता है कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर आजम परिवार से मुलाकात की तो अखिलेश के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले शिवपाल यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल में आजम खान से मिले थे। सोमवार को कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने जेल पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की। दलित नेता और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी आजम खान से मिलने के लिए तैयार बैठे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने तो आजम खान को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता तक भेज दिया है।
सपा का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक रविदास मल्होत्रा और सचिव अनुज मिश्रा की अगुवाई में रविवार को सीतापुर जेल पहुंचा था, लेकिन आजम खान ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। ऐसे में आजम खान का सपा नेताओं से न मिलना, साफ संकेत है कि अब आजम खान की सपा से दूरी बन रही है. अब मुद्दा सपा द्वारा आजम का साथ छोड़ने, मुस्लिमों की बात न करने तक पहुंच गई है।
आजम के सामने विकल्प
राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं को देखें तो आजम खान के सामने बसपा, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस, औवेसी की एआईएमआईएम ही विकल्प बचते हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में इन दलों का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है। ऐसे में आजम को यह भी देखना होगा कि कौन सा दल उनके लिए उपयुक्त हो सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि वह शिवपाल यादव की पार्टी को यूपी खड़ा कर सकते हैं या फिर अपनी ही पार्टी बना सकते हैं। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि आजम खान क्या कदम उठाते हैं।







