U.P. शिया धर्म गुरु का बयान : मृतक परिवार को इंसाफ न मिला तो लखनऊ से होगा प्रदर्शन शुरू

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शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मिर्जा मोहम्मद मौलाना यासूब अब्बास
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:55 AM
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सहारनपुर। जनपद के थीतकी गांव में पुलिस छापेमारी के दौरान गोली लगने से हुई शिया समुदाय के व्यक्ति की मौत के मामले में शिया धर्मगुरू Shia Dharma Guru's ने बड़ा बयान जारी कर योगी सरकार से घटना की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही मृतक परिवार को न्याय न मिलने पर राजधानी लखनऊ से धरना प्रदर्शन की शुरुआत करने की चेतावनी दी है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मिर्जा मोहम्मद मौलाना यासूब अब्बास  maulana yasub abbas ने जारी बयान में कहा कि घटना वाले दिन 5 सितम्बर 2021 की रात में गांव थीतकी निवासी जीशान हैदर अपने घर में सो रहा था। पुलिस उसे घर से बुलाकर अपने साथ ले गई थी। जिसके कुछ देर बाद ही जीशान की मौत की सूचना घर वालों को मिल गई। कहा कि गोकशी के नाम पर पुलिस द्वारा जीशान की हत्या की गई है, जो बेहद निंदनीय है। मौलाना यासूब ने कहा कि हाल ही में गोरखपुर में भी व्यापारी मनीष गुप्ता का पुलिस ने मर्डर किया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दी और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ। लेकिन देवबंद में हुए जीशान हत्याकांड की कोई सुध नहीं ली गई है। कहा कि अगर जीशान हैदर के मामले में कार्रवाई करते हुए मृतक परिवार को इंसाफ न दिया गया तो तो लखनऊ और सहारनपुर सहित कई राज्यों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

आपको बता दें कि 5 सितंबर 2021 की रात पुलिस ने गोकशी की सूचना पर थीतकी गांव के जंगल में छापामारी की थी। इसी दौरान जीशान पैर में गोली लगने से घायल हो गया जिसकी बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस का कहना था कि जीशान हाथ में देसी तमंचा लिए हुआ था और उसकी गोली उसे स्वयं लगी है। जबकि मृतक जीशान की पत्नी अफरोज ने एसएसपी को तहरीर देकर देवबंद कोतवाली के तीन उपनिरीक्षकों सहित 13 पुलिसकर्मियों पर अपने पति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई थी। उधर, मृतक जीशान के चचेरे भाई सपा शासन में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे सैयद ईसा रजा मामले को लखनऊ पहुंचे थे। जिसके बाद घटना जांच क्राइम ब्रांच सहारनपुर और मुजफ्फरनगर एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गी को सौंपी गई थी।

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लाखों का चूना लगाकर चोर हुए फरार

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Oct 2021 01:46 PM
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 प्रयागराज:  जनपद के मीरापुर इलाके में रहने वाले कारोबारी सुमित केसरवानी के घर से सोमवार को लाखों की चोरी हो गई। घर में घुसे चाेरों ने नगदी समेत लाखों के जेवरात लूट लिया है। कारोबारी ने घर में ताला बन्द कर दिया था और वे परिवार के साथ बाहर चले गए। पुलिस (POLICE) को चोरी की सूचना दी गई। पुलिस पहुंची और जांच-पड़ताल में लग गई है।

चोरी की जानकारी कारोबारी के भाई को मिली तो वह मौके पर पहुंच गए। सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है। कारोबारी के घर के करीब सीसीटीवी फुटेज को देख लिया तो उसमें चोरों का पर्दाफाश हो गया। मामले की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस चोरों की जांच में लग गई है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही चोरों को गिरफ्तार (ARREST) किया जाएगा।

मालवीय नगर निवासी अमित केसरवानी और सुमित केसरवानी सगे भाई हैं। काफी वक्त से सुमित अपने परिवार के साथ मीरापुर में मकान में रहता है। अक्टूबर 1 को वह अपने परिवार के साथ मथुरा के लिए घूमने निकले थे। सोमवार को आसपास वालों ने सुमित के घर का ताला टूटा देख लिया तो उसे फोन पर इसकी सूचना दी। कमरें में सारा सामान बिखरा हुआ था और अलमारी में रखा नगदी और जेवरात भी गायब थे।

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अब नसों में जाकर बीमारी का पता लगाएगा रोबोट

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Oct 2021 12:17 PM
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 देश दुनिया में अपने बेहतरीन रिसर्च वर्क के लिए पहचाने जाने वाले आईआईटी कानपुर ने अब एक ऐसे रोबोट को बनाने का बीड़ा उठाया है जो इंसान के शरीर के अंदर जाकर उन तमाम बीमारियों की सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा जो अभी एक जटिल प्रक्रिया मानी जाती है। नसों, धमनियों और कोशिकाओं पर दिल, गुर्दा, फेफड़ा, लिवर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले रोग का सीधा असर पड़ता है। इन बीमारियों का असानी से पता लगाने के लिए अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), कानपुर नए प्रयोग पर काम कर रहा है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो इससे न केवल संबंधित बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा बल्कि रोगग्रस्त अंग तक दवा भी पहुंचाई जा सकेगी।

दरअसल, कानपुर आइआइटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञ माइक्रो रोबोट पर काम रहे हैं जो रक्तवाहिकाओं (धमनियों, नसों) तथा कोशिकाओं में जाकर न सिर्फ कारण पता लगाएगा बल्कि रोगग्रस्त अंग तक दवा भी पहुंचाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अधिकांश मरीजों में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। जहां रोगग्रस्त अंग में स्थिति अधिक नाजुक होगी, वहीं सर्जरी का वैकल्पिक इस्तेमाल किया जाएगा। इस माइक्रो रोबोट के अगले साल तक विकसित कर लिए जाने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट में आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ जर्मनी के इंस्टीट्यूट फार इंटेलीजेंस सिस्टम के विशेषज्ञों के साथ काम कर सकते हैं। इसके बनने के बाद पशुओं और मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के काम में सरकारी और निजी अस्पताल की मदद ली जा सकती है। बताया जा रहा है कि माइक्रो रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और मैथमेटिकल माडलिंग की तकनीक पर आधारित रहेगा। यह नस, धमनियों और कोशिकाओं के अंदर जाते ही आक्सीजन का स्तर, रक्त की गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रोटीन और अन्य कारकों की जांच करके रिपोर्ट स्वचालित तरीके से कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजेगा। यह अपने आप निर्णय ले सकता है। इसे शरीर से आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा।

कम लागत पर होगा खास ध्यान : 

यह तकनीक आम आदमी की पहुंच में रहे, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। विज्ञानी इसके लिए अभी से कार्ययोजना बना रहे हैं कि कैसे इसे बनाने और संचालित करने में कम से कम लागत की दिशा में काम किया जाए।

200 माइक्रान का होगा रोबोट :

शोध से जुड़े वैज्ञानिकों ने बताया कि नस की चौड़ाई 300 माइक्रान होती है। इसे यूं समझें कि बाल की मोटाई तकरीबन 100 माइक्रान होती है और नस उससे तीन गुना मोटी होती है। रोबोट 200 माइक्रान तक का होगा। उन्होंने बताया कि अगले साल तक माइक्रो रोबोट तैयार करने की योजना है।

इंजेक्शन द्वारा शरीर में भेजा जाएगा रोबोट : 

विशेषज्ञों के मुताबिक रोबोट को नसों के जरिये विशेष प्रकार के इंजेक्शन के द्वारा शरीर के भीतर भेजा जाएगा। इसके लिए अन्य सरल तरीके भी देखे जाएंगे। रोबोट अंगों में कैंसर, संक्रमण या अन्य किसी भी बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की स्थिति तथा वजह का पता लगाने के साथ ही रोगग्रस्त स्थान पर दवा पहुंचाकर रोगी हो ठीक करने में मदद पहुंचाएगा।