उत्तर प्रदेश के हर घर तक बैंक पहुंचा रही हैं बैंक वाली दीदी

क्या है बीसी सखी योजना?
उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश की अनेक महिलाएं मालामाल हो रही हैं। बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश को क्या फायदा हुआ है यह जानने से पहले बीसी सखी योजना के विषय में जान लेते हैं। उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्ष-2020 में पूरे उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना लागू की गई थी। उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को फैलाया गया है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन करती हैं। जिससे ग्रामीण लोगों को भी बैंक की सुविधाएं मिलती हैं और महिलाओं को भी रोजगार भी मिलता है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बैंकिंग सेवाएं लोगों को मिल पाती है। आपको बता दें कि महिलाओं को इस योजना से रोजगार मिलता ही है साथ में सरकार हर माह 4 हजार रुपये भी उन्हें आर्थिक मदद के रूप में प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत जो महिलाएं काम करती हैं उन्हें बैंक से भी लेनदेन पर कमीशन मिलता है। इस योजना में काम करने वाली महिलाओं को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट यानि बीसी सखी कहा जाता है।बीसी सखी योजना ने कर दिया कमाल
उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना ने कमाल कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बीसी सखियों ने बैंक को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे जहां बैंकिंग सेक्टर का ग्रामीण इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ। वहीं, बैंकों को 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिला। यही नहीं, 39 हजार बीसी सखियों ने कमीशन के तौर पर 75 करोड़ रुपये की कमाई भी की। सितंबर 2023 में बीसी सखियों की संख्या करीब 36 हजार थी। इन्होंने पिछले साल तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन किया। सितंबर 2023 से अब तक बीसी सखियों ने करीब 5 हजार करोड़ का लेनदेन किया है। बीसी सखी कार्यक्रम की शुरुआत CM योगी आदित्यनाथ ने की थी। कार्यक्रम का मकसद था कि कमाई ग्रामीण महिलाएं पैसे कमा सकें, हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचे और खियों वृद्ध व महिलाओं को बैंकों की लाइन में न लगना पड़े। छह साझेदार बैंकों के सहयोग से बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी 3 से सखी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। UP Newsउत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने कर दिया कमाल
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
क्या है बीसी सखी योजना?
उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश की अनेक महिलाएं मालामाल हो रही हैं। बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश को क्या फायदा हुआ है यह जानने से पहले बीसी सखी योजना के विषय में जान लेते हैं। उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्ष-2020 में पूरे उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना लागू की गई थी। उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को फैलाया गया है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन करती हैं। जिससे ग्रामीण लोगों को भी बैंक की सुविधाएं मिलती हैं और महिलाओं को भी रोजगार भी मिलता है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बैंकिंग सेवाएं लोगों को मिल पाती है। आपको बता दें कि महिलाओं को इस योजना से रोजगार मिलता ही है साथ में सरकार हर माह 4 हजार रुपये भी उन्हें आर्थिक मदद के रूप में प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत जो महिलाएं काम करती हैं उन्हें बैंक से भी लेनदेन पर कमीशन मिलता है। इस योजना में काम करने वाली महिलाओं को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट यानि बीसी सखी कहा जाता है।बीसी सखी योजना ने कर दिया कमाल
उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना ने कमाल कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बीसी सखियों ने बैंक को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे जहां बैंकिंग सेक्टर का ग्रामीण इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ। वहीं, बैंकों को 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिला। यही नहीं, 39 हजार बीसी सखियों ने कमीशन के तौर पर 75 करोड़ रुपये की कमाई भी की। सितंबर 2023 में बीसी सखियों की संख्या करीब 36 हजार थी। इन्होंने पिछले साल तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन किया। सितंबर 2023 से अब तक बीसी सखियों ने करीब 5 हजार करोड़ का लेनदेन किया है। बीसी सखी कार्यक्रम की शुरुआत CM योगी आदित्यनाथ ने की थी। कार्यक्रम का मकसद था कि कमाई ग्रामीण महिलाएं पैसे कमा सकें, हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचे और खियों वृद्ध व महिलाओं को बैंकों की लाइन में न लगना पड़े। छह साझेदार बैंकों के सहयोग से बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी 3 से सखी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। UP Newsउत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने कर दिया कमाल
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