उत्तर प्रदेश के हर घर तक बैंक पहुंचा रही हैं बैंक वाली दीदी

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calendar02 Dec 2025 04:31 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार की एक खास योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस खास योजना का नाम बैंक वाली दीदी अथवा बीसी सखी योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार की बीसी सखी योजना पूरे प्रदेश में कमाल का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में काम कर रही बीसी सखी योजना के माध्यम से अब तक 27 हजार करोड़ रूपए का लेन-देन हो चुका है। बैंक वाली दीदी बनकर बीसी सखियों ने उत्तर प्रदेश में 75 करोड़ रूपए कमा लिए हैं।

क्या है बीसी सखी योजना?

उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश की अनेक महिलाएं मालामाल हो रही हैं। बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश को क्या फायदा हुआ है यह जानने से पहले बीसी सखी योजना के विषय में जान लेते हैं। उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्ष-2020 में पूरे उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना लागू की गई थी। उत्तर प्रदेश की बीसी सखी योजना से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को फैलाया गया है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन करती हैं। जिससे ग्रामीण लोगों को भी बैंक की सुविधाएं मिलती हैं और महिलाओं को भी रोजगार भी मिलता है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बैंकिंग सेवाएं लोगों को मिल पाती है। आपको बता दें कि महिलाओं को इस योजना से रोजगार मिलता ही है साथ में सरकार हर माह 4 हजार रुपये भी उन्हें आर्थिक मदद के रूप में प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत जो महिलाएं काम करती हैं उन्हें बैंक से भी लेनदेन पर कमीशन मिलता है। इस योजना में काम करने वाली महिलाओं को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट यानि बीसी सखी कहा जाता है।

बीसी सखी योजना ने कर दिया कमाल

उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना ने कमाल कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बीसी सखियों ने बैंक को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे जहां बैंकिंग सेक्टर का ग्रामीण इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ। वहीं, बैंकों को 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिला। यही नहीं, 39 हजार बीसी सखियों ने कमीशन के तौर पर 75 करोड़ रुपये की कमाई भी की। सितंबर 2023 में बीसी सखियों की संख्या करीब 36 हजार थी। इन्होंने पिछले साल तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन किया। सितंबर 2023 से अब तक बीसी सखियों ने करीब 5 हजार करोड़ का लेनदेन किया है। बीसी सखी कार्यक्रम की शुरुआत CM योगी आदित्यनाथ ने की थी। कार्यक्रम का मकसद था कि कमाई ग्रामीण महिलाएं पैसे कमा सकें, हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचे और खियों वृद्ध व महिलाओं को बैंकों की लाइन में न लगना पड़े। छह साझेदार बैंकों के सहयोग से बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी 3 से सखी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। UP News

उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने कर दिया कमाल

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उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने कर दिया कमाल

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UP News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 06:45 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मूल निवासी बड़े-बड़े काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक बड़ा काम उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किया है। उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव दुनिया के दो प्रतिशत प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के इस प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने एक बड़ा आविष्कार किया है। इस वैज्ञानिक आविष्कार से पूरी मानवता को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है।

बना दिया डोपामाइन नापने वाला सेंसर

उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक गजब का सेंसर विकसित किया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाले प्रो. टी.पी. यादव ने अपने वैज्ञानिक साथियों के साथ मिलकर ऐसा सेंसर तैयार किया है कि जो मानव मस्तिष्क से निकले डोपामाइन रसायन को कुछ सेकंडों में परख लेगा। सेंसर बताएगा कि स्राव हुआ है या नहीं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसका अधिक स्राव इंसान को इस कदर उत्तेजित कर देता है वह आत्मघाती कदम उठाने से लेकर गंभीर अपराध तक कर बैठता है। प्रतिष्ठित जर्नल अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में प्रकाशित इस शोध को इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के भौतिक विज्ञान विभाग- के वैज्ञानिक प्रो. टीपी यादव, आईआईटी खडग़पुर के प्रो. चंद्रशेखर तिवारी और ब्राजील की सैंपियाना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. डोगलस संयुक्त रूप से कर रहे हैं। दुनिया के शीर्ष 2त्न वैज्ञानिकों में शुमार प्रो. टीपी यादव के मुताबिक, शरीर में डोपामाइन की मात्रा पता लगाने के लिए अभी रक्त की जांच करानी होती है। इसकी रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग जाता है। उनका सेंसर मुंह में रखते ही कुछ ही सेकंडों में बता देगा कि दिमाग में डोपामाइन का स्राव हुआ है कि नहीं। शोध के अगले चरण में सेंसर को अपग्रेड किया जाना है। प्रो. यादव के अब सेंसर को अपग्रेड करके डोपामाइन के स्राव की सटीक मात्रा और उससे मानव मस्तिष्क पर होने वाले सकारात्मक व नकारात्मक असर का पता लगाएंगे।

क्या होता है डोपामाइन?

डोपामाइन नापने का सेंसर बन गया है। आप यह जरूर जानना चाहेंगे कि यह डोपामाइन क्या होता है? हम आपको बता देते हैं कि आखिर यह डोपामाइन क्या होता है। डोपामाइन एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है जो ब्रेन में जाकर हमे ऐसी चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है जिससे हमें त्वरित खुशी मिलती है। अब सोशल मीडिया चलाना या वीडियो गेम्स खेलने वाले व्यक्ति के ब्रेन में डोपामाइन रिलीज होता है और वह अब व्यक्ति को बार-बार वही चीजें करने को प्रेरित करता है। इसीलिए ज्यादा डोपामाइन रिलीज होना भी खतरनाक साबित हो सकता है। आपको बता दें कि ज्यादा डोपामाइन रिलीज होना शरीर के लिए हानिकारक होता है। जानकारी के मुताबिक ज्यादा डोपामाइन रिलीज होने से व्यक्ति में धैर्य की कमी होने लगती है। साथ ही वह मानसिक रूप से भी कमजोर होने लगता है। किसी भी चीज की लत से व्यक्ति अपना आपा भी खो सकता है। ज्यादा डोपामाइन रिलीज लोगों के अंदर चिड़चिड़ापन पैदा करने लगता है। इसी डोपामाइन को नापने का सेंसर उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने विकसित किया है। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, फैसले की हो रही है खूब तारीफ

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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, फैसले की हो रही है खूब तारीफ

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locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:03 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। यह भी कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा फैसला है। उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले की उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में खूब तारीफ हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले की घोषणा खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है।

क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला?

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने का बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले के पूरी तरह लागू हो जाने से उत्तर प्रदेश में एक भी व्यक्ति गरीब नहीं रहेगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है। उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों में से 18 प्रतिशत यानि कि साढ़े चार करोड़ नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे निवास करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने का बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांधी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे बड़े फैसले की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा करते हुए कहा है कि अगले मात्र एक साल में उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बना दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी घोषणा करते हुए प्रदेश में जीरो पॉवर्टी अभियान लांच कर दिया है।

क्या है उत्तर प्रदेश का जीरो पॉवर्टी अभियान?

बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक बड़े अभियान को लांच किया है। उत्तर प्रदेश के इस बड़े अभियान को जीरो पॉवर्टी अभियान नाम दिया गया है। इस अभियान को एक वर्ष में पूरा किया जाना है। इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को एक साल के अंदर गरीब मुक्त प्रदेश बना दिया जाएगा। दूसरा मानक यह देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में कितने परिवार भूमिहीन परिवार हैं। तीसरे मानक में यह देखा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में कितने नागरिक दिहाड़ी मजदूर के रूप में अथवा खेती बाड़ी के मजदूर के रूप में काम करते हैं। चौथा मानक यह देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में कितने नागरिकों को खाने की कमी रहती है। इन चार मानकों के आधार पर मापअप मोबाइल एप पर डाटा एकत्र करके इन तमाम नागरिकों की अर्थ व्यवस्था में सुधार करते हुए उन्हें गरीबी की रेखा के नीचे से ऊपर लाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने जारी कर दिए दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। उत्तर प्रदेश के जिलाधिकारियों को भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में निर्धनतम 10 से 25 परिवार चिह्नित किए जाएंगे। उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर फंड) की भी मदद ली जाएगी। शासनादेश में कहा गया है कि सभी निर्धन परिवारों को भोजन, वस्त्र, अच्छी शिक्षा, चिकित्सा और मकान की उपलब्धता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए निर्धन परिवारों के मापन-सूचक बेंचमार्क पर एक ठोस डिजिटल डाटाबेस तैयार होगा, ताकि शासन के हस्तक्षेप से निर्धनतम परिवारों की स्थिति में जो बदलाव आए, उसे जीरो पॉवर्टी पोर्टल पर रिकॉर्ड किया जा सके। आजीविका के लिए सहायता और उद्यमियों के साथ विजन साझा करके आर्थिक व वित्तीय स्थिति में बदलाव आदि आयामों पर काम किया जाएगा। योजना की खास बात यह होगी कि इसका क्रियान्वयन और रिपोर्टिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म से होगी। पेंडेंसी की रिपोर्टिंग भी अनिवार्य होगी। विशेषज्ञों की प्रोफेशनल टीम सभी आयामों को लागू करेगी, जिसे सीएम हेल्पलाइन व आईजीआरएस सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। निर्देशों में कहा है कि अभियान का तेज गति से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि एक वर्ष बाद प्रदेश को जीरो पॉवर्टी प्रदेश घोषित किया जा सके। UP News

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा, कायम रहेगी जीरो टॉलरेंस वाली नीति

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