बड़ी खबर : महाराजा सुहेलदेव का विजयोत्सव मनाएगी योगी सरकार

Suheldev 1
UP News
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calendar02 Dec 2025 04:19 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मंगलवार को महाराजा सुहेलदेव का विजयोत्सव मनाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं बहराइच में रहेंगे। वे यहां चित्तौरा के समीप स्थापित की गई महाराजा सुहेलदेव की अश्वारोही प्रतिमा का अनावरण करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे। 40 फिट ऊंची कांस्य की इस प्रतिमा का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की देखरेख में कराया गया है। इसे सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री रामसुतार ने बनाया है। UP News

सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री रामसुतार ने किया है निर्माण

राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि महाराजा सुहेलदेव की यह प्रतिमा पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित की गई थी। इसका निर्माण उप्र संस्कृति विभाग के राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश द्वारा कराया गया है। इसे सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री रामसुतार, रामसुतार आर्ट क्रिएशन्स प्रा. लि. द्वारा बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस परियोजना का शुभारंभ किया था। इसमें ऐतिहासिक चित्तौरा झील के पास पर्यटन विकास के साथ ही महाराजा सुहेलदेव की अश्वारोही प्रतिमा की स्थापना भी शामिल थी। UP News

महाराजा सुहेलदेव की अश्वारोही प्रतिमा (एक नजर)

माध्यम- कांस्य प्रतिमा का वजन- 17 टन प्रतिमा की ऊंचाई- 40 फिट प्रतिमा की चौड़ाई- 17 फिट प्रतिमा की लंबाई- 40 फिट प्रतिमा की लागत- लगभग पौने पांच करोड़ रुपये UP News

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किसानों को खास तोहफा दे रही है उत्तर प्रदेश सरकार

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UP News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 01:47 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों को बहुत ही खास तोहफा दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस खास गिफ्ट से प्रदेश के किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे खास गिफ्ट से किसानों की आमदनी बढऩे के साथ ही प्रदेश के नागरिकों  की हेल्थ में भी सुधार आएगा।

मोटे अनाज के बीज बांट रही है उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया है कि खरीफ के सीजन में धान, दलहन और तिलहन (अरहर, उर्द, मूंग तिल, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, नाइजर सीड आदि) की फसलों के साथ मिलेट्स यानी मोटे अनाज भी मुस्कुराएंगे। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार खरीफ के मौजूदा सीजन (2025) में प्रगतिशील किसानों को अलग-अलग फसलों के बीज के 4.58 लाख मिनी किट निशुल्क बांटने का लक्ष्य रखा है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत ये काम चल भी रहा है। ये बीज आम तौर पर संबंधित फसलों को होने वाले प्रचलित रोगों के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। प्रगतिशील किसानों को डिमॉन्स्ट्रेशन के लिए इसलिए दिया जाता है ताकि बाकी किसान भी उनकी फसल को देखकर प्रेरणा लें। इसी क्रम ने मिलेटस, श्रीअन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा और रागी के बीजों का मिनी किट भी किसानों को दिया जा रहा है।मिनी किट के रूप में दिए जाने वाले 2.47 लाख सिर्फ मिलेट्स के हैं। UP News

पोषण के पॉवर यानि मोटे अनाज के बीज का व्यापक वितरण

उल्लेखनीय है कि मोटे अनाजों का शुमार विश्व के प्राचीनतम अनाजों में होता है। विश्व की  प्राचीनतम सभ्यता होने की वजह से ये मिलेट्स हमारी थाली का भी हिस्सा रहे हैं। ईसा पूर्व 3000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता में भी इनके प्रमाण मिले हैं। खेतीबाड़ी और मौसम की सटीक जानकारी देने वाले महाकवि घाघ ने इनकी बोआई के तरीकों के साथ कहीं-कहीं इनकी खूबियों, यहां तक कि इनके रेसिपी की भी चर्चा की है। मसलन बाजरे की खूबी के बाबत घाघ कहते हैं, "उठ के बाजरा यू हंसि बोलै, खाये बूढा जुवा हो जाय।" इसी तरह अपने एक दोहे में वह बताते हैं कि मडुआ के भात के साथ मछली और कोदो के भात को दूध या दही के साथ खाने में कोई जवाब नहीं है, "मडुआ मीन, पीन संग दही, कोदो का भात दूध संग दही)"। करीब डेढ़ दशक पहले हुए एक सर्वे के मुताबिक 1962 में देश में प्रति व्यक्ति मोटे अनाजों की सालाना खपत करीब 33 किलोग्राम थी। हालांकि 2010 में यह घटकर करीब 4 किलोग्राम पर आ गई। दरअसल हरित क्रांति के पहले कम खाद, पानी, प्रतिकूल मौसम में भी उपजने वाला और लंबे समय तक भंडारण योग्य मोटे अनाज हमारी थाली का मुख्य हिस्सा थे। पर, हरित क्रांति में गेहूं-धान पर सर्वाधिक फोकस, सिंचाई के ब?ते संसाधन एवं रासायनिक खादों एवं रसायनों की उपलब्धता की चकाचौंध में हमने "कुअन्न" का कलंक लगाकर इनको भुला दिया। पर इन कुअन्नों या मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर, प्रोटीन, बसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम एवं आयरन मिलते हैं। इस लिहाज से खुद में ये कुअन्न पोषण के पॉवर हाउस हैं। UP News

वैश्विक मिलेट्स उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है

वैश्विक मिलेट्स के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 20 फीसद है। एशिया के लिहाज से देखें तो यह हिस्सेदारी करीब 80 फीसद है। इसमें बाजरा एवं ज्वार हमारी मुख्य फसल है। बाजरा के उत्पादन में भारत विश्व में नंबर एक है। और, भारत में बाजरा उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर एक है। भारत 2018 में ही मिलेट्स वर्ष मना चुका हैं। भारत की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था। ऐसे में इस अभियान को आगे ले जाने की जिम्मेदारी भी भारत,  खासकर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की है। डबल इंजन की सरकार (मोदी और योगी की सरकार) अपनी इस जवाबदेही से बखूबी वाकिफ है। इसलिए खेतीबाड़ी से संबंधित हर अभियान में मोटे अनाजों की खूबियों के प्रति लोगों को विशेष रूप से जागरूक किया जाता है। विकसित कृषि संकल्प अभियान भी उन्हीं कार्यक्रमों की एक कड़ी है। अभियान के दौरान प्रगतिशील किसानों को मिनी किट के रूप में दिए जाने वाले नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण बीजों की इनके उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में 'मिलेट रिवॉल्यूशन' का जिक्र कर इस बाबत संकेत भी दे चुके हैं। उनकी मंशा के अनुरूप भारत सरकार ने मोटे अनाजों को पोषक अनाजों की श्रेणी में रखते हुए इनको प्रोत्साहन देने का काम शुरू किया है। इस दौरान प्रति हेक्टेयर उपज एवं उत्पादन के लिहाज से अब तक के नतीजे भी अच्छे रहे हैं। डबल इंजन सरकार से मिले प्रोत्साहन के कारण इनसे जुड़ी केंद्रीय संस्थाओं और प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों ने भी मोटे अनाजों के लिए बेहतरीन काम किया है। मसलन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (आईआईएमआर-हैदराबाद) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर न्यूट्री हब की स्थापना कर नए स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। स्टार्टअप शुरू करने वाले को हर तरह की मदद दी जाती है। यही नहीं मिलेट को बेस करके 500 से अधिक रेसिपी (रेडी टू ईट, रेडी टू कूक) भी तैयार की जा चुकी है। मोटे अनाजों की अधिक उपज देने वाली एवं रोग प्रतिरोधक 150  से अधिक बेहतर प्रजातियां भी लांच की जा चुकी हैं। इनमें 10 अतिरिक्त पोषण वाली और 9 बायोफर्टिफाइड ब्रीडिंग के जरिए पोषक तत्वों को बढ़ाने वाली हैं। UP News

ताकि भरपूर मात्रा में किसानों को मिले गुणवत्तापूर्ण बीज

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बीज कृषि निवेशों का प्रमुख घटक है। उत्पादन में इसकी भूमिका करीब 25 फीसद होती है। सरकार का 2018 में भारत में मिलेट वर्ष मनाने के पहले  से ही इस पर फोकस है। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के आयोजन के पहले गुणवत्ता पूर्ण बीज की उपलब्धता पर और फोकस किया गया। अब तो योगी सरकार हर तरह के और प्रदेश के सभी नौ तरह की कृषि जलवायु (एग्रो क्लाइमेट जोन) के अनुकूल गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता के लिए किसानों के मसीहा माने जाने वाले स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण के नाम पर पांच बीज पार्क भी बनाने जा रही है। लखनऊ के रहमान खेड़ा में स्थापित होने वाले बीज पार्क के लिए तो काम भी शुरू हो गया है। UP News

यूपी में 8 दिन बाद खुलने जा रहा पूर्वांचल का गेमचेंजर एक्सप्रेसवे, लखनऊ-गोरखपुर का सफर होगा आसान

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उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में बड़ी पहल

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:53 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह पहल की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार इस पहल के द्वारा प्रदेश को जल्दी से जल्दी आर्थिक महाशक्ति बनाना चाहती है। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि उत्तर प्रदेश भारत का ग्रोथ इंजन है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक तरक्की के साथ ही देश की आर्थिक तरक्की भी जुड़ी हुई है।

उत्तर प्रदेश के पीएसई को दी जा रही है नई ताकत

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को (पीएसई) कहा जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पीएसई सेक्टर को नई ताकत देकर उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य के 40 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSE) को नई ताकत और दिशा दी जा रही है, जिसका सीधा फायदा आम जनता को होगा। योगी सरकार ने इन उपक्रमों को और अधिक कुशल, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाने के लिए ठोस रणनीति लागू करने जा रही है। प्रदेश में 40 पीएसई संचालित हैं, जिनमें से 97.58 प्रतिशत पूंजी ऊर्जा क्षेत्र में निवेशित है, जबकि शेष 2.42 प्रतिशत पूंजी सेवा, निर्माण, उत्पादन, वित्त और व्यापार जैसे क्षेत्रों में लगी है। इनमें यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन जैसे प्रमुख उपक्रम राज्य की आर्थिक रीढ़ हैं। योगी सरकार ने इन उपक्रमों को सशक्त करने के लिए चार-सूत्री रणनीति अपनाई है।

चार सूत्रीय रणनीति से किया जाएगा उत्तर का भला

इसमें सुशासन को मजबूत करना, अधिकारियों की क्षमता निर्माण, आधुनिक तकनीक और बेंचमार्किंग का उपयोग और वित्तीय प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त करना शामिल है। इस रणनीति से बिजली, पानी और अन्य जरूरी सेवाएं पहले से कहीं अधिक सुलभ और किफायती होंगी, जिससे हर परिवार का जीवन आसान होगा। इन सुधारों का असर आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ दिखेगा। उदाहरण के लिए, यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत बिजली आपूर्ति में सुधार से गांवों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं तकनीकी उन्नयन, जैसे स्मार्ट मीटर और साइबर सिक्योरिटी पहल से बिजली वितरण में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। इसके अलावा, पीपीपी मॉडल और निजी भागीदारी के जरिए औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, जिससे शहरों और कस्बों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इन सबका फायदा हर वर्ग को, चाहे वह गांव का किसान हो या शहर का मध्यमवर्गीय परिवार, सबको मिलेगा।

AI और ML आधारित डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

वहीं सरकार ने प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम तीन साल का कार्यकाल और प्रासंगिक पेशेवर अनुभव सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही, औद्योगिक सुविधा सेल और एआई और एमएल आधारित डेटा एनालिटिक्स जैसी पहलें शुरू की गई हैं। ये कदम न केवल सेवाओं को बेहतर करेंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेंगे, जिससे वे अपने ही राज्य में बेहतर भविष्य बना सकेंगे। योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जैसे-जैसे ये सुधार जमीन पर उतर रहे हैं, वैसे-वैसे हर प्रदेश में खुशहाली की नई कहानी लिखी जा रही है। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, गांवों में खर्च होंगे 22 हजार करोड़

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