उत्तर प्रदेश के भाई-भाई की जोड़ी ने कर दिया बड़ा कमाल

उत्तर प्रदेश के भाई-भाई की जोड़ी ने कर दिया बड़ा कमाल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:04 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के नागरिक अनेक क्षेत्रों में अपना नाम तथा उत्तर प्रदेश का सम्मान स्थापित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के ऐसे ही दो भाईयों ने बड़ा कमाल करते हुए उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। किसी समय मेडिकल स्टोर पर मामूली से कर्मचारी तथा मेडिकल प्रतिनिधि की नौकरी करने वाले उत्तर प्रदेश के इन भाई-भाई की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले हैं भाई-भाई

यहां हम बड़ा कमाल करने वाले जिन भाई-भाई की बात कर रहे हैं वे दोनों उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले राजीव जुनेजा ने कॉलेज छोड़कर 18 साल की उम्र में अपने बड़े भाई रमेश जुनेजा के साथ पारिवारिक बिजनेस में काम करना शुरू किया और मैनकाइंड जैसी प्रसिद्घ फार्मा कंपनी को खड़ा कर दिया। अब यह कंपनी भारत की चौथी बड़ी दवा कंपनी बन गई है। इस कंपनी का रेवेन्यू बढक़र 10,335 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक केमिस्ट की दुकान पर काम करने से की। जबकि उनके बड़े भाई दवा कंपनी में मार्केटिंग प्रतिनिधि (एमआर) थे।

मैनकाइंड फार्मा की कहानी

जैसा कि हमने बताया है कि जुनेजा भाई-भाई उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैं। बड़े जुनेजा एक फार्मा कंपनी के मार्केटिंग प्रतिनिधि थे और उनके छोटे भाई एक केमिस्ट की दुकान पर काम करते थे। उनके ऑन-फील्ड अनुभव और बैकग्राउंड ने उन्हें ग्रामीण और छोटे शहरों में उपभोक्ताओं की अनूठी जरूरतों और आकांक्षाओं पर ध्यान देने में मदद की।आपको मैनकाइंड के प्रेगा न्यूज, मैनफोर्स, हेल्थओके और गैस-ओ-फास्ट जैसे बेहद लोकप्रिय उपभोक्ता हेल्थ ब्रांड याद आएंगे। राजीव के बड़े भाई 69 वर्षीय रमेश जुनेजा ने भी इन सभी ब्रांड नामों को गढ़ा है, जिन्होंने बड़े बाजार हिस्से पर कब्जा किया है। जब उन्होंने 1995 में अपनी नई फार्मा कंपनी, मैनकाइंड फार्मा के लिए नाम गढ़ा, तो उनके पास शुरुआत करने के लिए केवल 50 लाख रुपये थे। राजीव जुनेजा ने मूल्य निर्धारण और मार्केटिंग रणनीति को लागू करने पर काम किया। वॉल्यूम बढ़ाने के लिए मैनकाइंड ने एक्सपर्ट्स की बजाय सामान्य डॉक्टरों को चुना। इसकी दवाओं की कीमत प्रतिस्पर्धा की तुलना में बहुत कम थी। विज्ञापन अभियान सेक्सुअल हेल्थ और एसिडिटी जैसे उपभोक्ता-केंद्रित विषयों पर केंद्रित थे। यह कंपनी पिछले पांच सालों से प्रीक्रिप्शन की संख्या के मामले में नंबर वन पर है। मैनफोर्स कंडोम, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव प्रेगा न्यूज और अनवांटेड 72, गैस-ओ-फास्ट (एंटासिड), एक्नेस्टार (स्किन ब्रांड) और मल्टीविटामिन हेल्थओके न्यूज भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले कंज्यूमर हेल्थ ब्रांड्स में से हैं।

15000 मार्केटिंग और सेल्स प्रतिनिधि UP News

मैनकाइंड अपने अधिकांश प्रतिनिधियों को छोटे शहरों से नियुक्त करता है और उन्हें बिक्री पर उदार कमीशन देता है, जिससे उन्हें करियर विकास का रास्ता दिखाई देता है। यह कम एट्रिशन दरों के साथ फील्ड फोर्स को प्रेरित रखता है। मैनकाइंड के पास 15,000 मार्केटिंग और बिक्री प्रतिनिधि हैं।

अमिताभ बच्चन बने ब्रांड एंबेसडर UP News

जैसे-जैसे इसका विस्तार हुआ, कंपनी ने बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया, साथ ही अन्य क्षेत्रीय फिल्म सितारों को भी शामिल किया, ताकि मैनकाइंड को घर-घर में एक ब्रांड बनाया जा सके। साथ ही, इसने एक अच्छी तरह से तैयार मार्केटिंग और बिक्री इंजन बनाया। पिछले साल मई में मैनकाइंड का आईपीओ सफल रहा था, जिसकी लिस्टिंग 20त्न प्रीमियम पर हुई थी। तब से स्टॉक में करीब 74त्न की तेजी आई है। वित्त वर्ष 23 में मैनकाइंड का रेवेन्यू 8,749 करोड़ रुपये और मुनाफा 1,310 करोड़ रुपये था। घरेलू रेवेन्यू कुल रेवेन्यू का 97त्न रहा। वित्त वर्ष 24 में रेवेन्यू बढक़र 10,335 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट बढक़र 1,942 करोड़ रुपये हो गया। 31 मार्च 2024 तक कंपनी के पास 3,260 करोड़ रुपये का नेट कैश बैलेंस था। जेआरडी टाटा से प्रेरित राजीव जुनेजा का लक्ष्य मैनकाइंड को एक संस्था बनाना है। उन्होंने कहा कि मेरे आदर्श जेआरडी टाटा रहे हैं। मैंने उनकी किताब 'Behind The Last Blue Mountain'' पढ़ी और तब से मैं सोच रहा हूं कि क्या हम किसी तरह की संस्था बना सकते हैं। उनका लक्ष्य मैनकाइंड को रेवेन्यू के मामले में भारत की नंबर-1 दवा कंपनी बनाना है। UP News

आखिर खरीद ली गई मुशर्रफ की उत्तर प्रदेश वाली जमीन, हुआ खूब मुनाफा

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आखिर खरीद ली गई मुशर्रफ की उत्तर प्रदेश वाली जमीन, हुआ खूब मुनाफा

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userचेतना मंच
calendar06 Sep 2024 08:27 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार जो सोच रही थी उससे ज्यादा बड़ा मुनाफा सरकार को हो गया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के एक जिले में मौजूद पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ वाली जमीन बिक गई है। आप यह भी कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में मौजूद मुशर्रफ वाली जमीन को खरीददार मिल गया है तथा जमीन खरीद ली गई है।

उत्तर प्रदेश के इस जिले में थी मुशर्रफ के परिवार की जमीन

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ तथा उसके परिवार की ढ़ेर सारी जमीन तथा प्रोपर्टी थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मौजूद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई और परिवार की जमीन नीलाम हो गयी है, जिसे खरीदने के लिए लोगों ने खूब बोली लगाई है। इस 13 बीघा जमीन का आधार मूल्य 39 लाख 6 हजार रुपये रखा गया था। पर यह जमीन अपने बेस प्राईज से ज्यादा एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपये में नीलाम हुई। नीलामी का यह पैसा केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक विभाग के खाते में जमा होगा। यह उत्तर प्रदेश में जमीन का आखिरी टुकड़ा है जो पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पूर्वजों का है। उत्तर प्रदेश के बापगत जिले में मौजूद यह 13 बीघे जमीन गांव कोताना में अब तक बेची गई जमीन के अन्य टुकड़ों से अलग है। बड़ौत के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अमर वर्मा ने बताया कि जमीन सीधे तौर पर मुशर्रफ की नहीं है। वर्मा ने कहा, "उनके पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन और मां जरीन बेगम दिल्ली जाने से पहले कोताना में रहे, जहां मुशर्रफ का जन्म हुआ था।" दिल्ली में उनका परिवार दरियागंज की नेहर वली हवेली, गोलचा सिनेमा के पास रहता था। अमर वर्मा ने बताया, "मुशर्रफ के पिता का कोताना में एक घर था जिसे बाद में स्थानीय लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया। उनके चाचा हुमायूँ जो कोताना में रहे, उन्होंने बाद में अपनी ज़मीन स्थानीय लोगों को बेच दी और देश छोड़ दिया लेकिन इस जमीन को भारत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया और शत्रु संपत्ति (Enemy Property) घोषित कर दिया।" शत्रु संपत्ति को भारत में पाकिस्तानी नागरिकों के स्वामित्व वाली संपत्ति के रूप में परिभाषित किया गया है। ऐसी संपत्तियों का स्वामित्व भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक (Custodian of Enemy Property for India) को दे दिया जाता है।

ग्रामीण कर रहे थे खेती UP News

उत्तर प्रदेश के बापगत जिले के कोताना गांव के ग्राम प्रधान मुदीन खान ने बताया कि "पिछले 10 सालों से इसे स्थानीय लोगों को तीन-तीन साल की अवधि के लिए पट्टे पर दिया गया था।" खान ने कहा कि ग्रामीण इस जमीन पर गेंदा, गेहूं और धान की खेती करते रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन पिछले साल, उन्होंने इसे पट्टे पर नहीं दिया। हमें इसका कारण नहीं पता था, 15 दिन पहले हमने कुछ अधिकारियों को जमीन की बिक्री की घोषणा करते हुए पोस्टर लगाते देखा था।" मुदीन खान ने बताया कि गांव के लोगों को पहले यह नहीं पता था कि जमीन मुशर्रफ के परिवार की है। गांव के केवल कुछ बूढ़े ही कभी-कभी इसके बारे में बात करते थे। ग्रामीणों का दावा है कि यह बस्ती कम से कम 200 साल पुरानी है। बारादरी दरवाजा (पैगंबर लक्खी बंजारा द्वारा बनवाए गए 12 दरवाजे) की लोककथाओं से लेकर एक पुराने कुएं तक, जिसका उपयोग विभाजन के दौरान लोगों द्वारा किया जाता था, जब एक बड़े समूह में लोग पाकिस्तान के लिए रवाना हुए थे। UP News

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नॉनवेज लाने पर स्कूल से मुस्लिम बच्चे को निकाला, अब कमेटी दिखाएगी प्रिंसिपल को आईना

नॉनवेज लाने पर स्कूल से मुस्लिम बच्चे को निकाला, अब कमेटी दिखाएगी प्रिंसिपल को आईना
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Sep 2024 04:33 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के अमरोहा (Amroha) के एक प्राइवेट स्कूल से एक बच्चे को सिर्फ इसलिए सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि बच्चा टिफिन में चिकन बिरयानी ले गया। जब इसकी जानकारी छात्र के पेरेंट्स को हुई तो वो स्कूल जा पहुंचे और छात्र को सस्पेंड करने का कारण पूछा तो महोदय ने उनसे बहस शुरू कर दी। इस पूरे घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अमरोहा के प्राइवेट स्कूल का ये अजीबो गरीब मामला तूल पकड़ रहा है।

प्रिंसिपल ने बच्चे पर लगाए गम्भीर आरोप

जानकारी के मुताबिक अमरोहा के एक प्राइवेट स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाला मुस्लिम छात्र कथित तौर पर नॉनवेज लाया था। जिसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा बच्चे को स्कूल से सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं बच्चे को काफी देर तक बाहर बिठाकर भी रखा गया साथ ही उसके पेरेंट्स को फोन कर बुलाया गया। जब बच्चे के पेरेंट्स स्कूल पहुंचे तो प्रिंसिपल ने उनसे तीखी बहस शुरू कर दी साथ ही बच्चे पर अन्य बच्चों को नॉनवेज खिलाकर धर्म बदलने और धर्मस्थल तोड़ने जैसे गम्भीर आरोप भी लगाए। प्रिंसिपल की इस हरकत का वीडियो बनाकर बच्चे के पेरेंट्स ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जो देखते ही देखते तेजी से वायरल हो गया। देखें वीडियो...

वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में

अमरोहा के निजी स्कूल का ये मामला तूल पकड़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया। वायरल वीडियो की जांच के लिए जिला प्रशासन ने तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी है। इस पर जिलाधिकारी का कहना है कि अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। वायरल वीडियो के आधार पर संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं, जिसमें टीम गठित की गई है। इस मामले में रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

खबरों की मानें तो स्थानीय मुस्लिम संगठन ने इस घटना को लेकर रोष प्रकट किया है। संगठन ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई करने की मांग की है। संगठन ने साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है, जिसमें प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। UP News

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