उत्तर प्रदेश का एक शहर भी रह चुका है भारत की राजधानी

उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर बना था भारत की राजधानी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। कुछ समय पहले तक प्रयागराज का नाम इलाहाबाद हुआ करता था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रख दिया था। प्राचीन इतिहास में भी इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हुआ करता था। प्रयागराज सदियों से धार्मिक आस्था का केन्द्र रहा है। इसी प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा सरस्वती के मिलन से त्रिवेणी बनी है। त्रिवेणी के घाट पर ही प्रत्येक 12 साल में कुंभ का मेला तथा 6 साल में अर्धकुम्भ का भव्य मेला लगता है। यही प्रयागराज एक दिन के लिए भारत की राजधानी बना था। वर्ष-1858 में ईष्ट इंडिया कंपनी ने भारत की कमान ब्रिटिश राज को सौंपी थी। ईष्ट इंडिया कंपनी तथा ब्रिटिश राज के बीच यह प्रक्रिया प्रयागराज में पूरी की गई थी। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले दिन प्रयागराज को भारत की राजधानी घोषित किया गया था।उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्यटन केन्द्र है प्रयागराज
प्रयागराज लंबे समय से एक प्रशासनिक और शिक्षा का केंद्र रहा है। और अब प्रयागराज के पर्यटन की बात करें, तो शहर के अंदर और आसपास कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। यहां घूमने के लिए कई लोग आते हैं। सबसे पहली जगह त्रिवेणी संगम है, ये एक ऐसी जगह है, जहां तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम देखने को मिलता है। ये जगह दुनियाभर में काफी मशहूर है, और इस जगह की वजह से कई लोग प्रयागराज को संगम नगरी भी कहते हैं। हर साल 12 में इस जगह पर कुंभ मेला लगता है और हर 6 साल में अर्ध कुंभ का आयोजन भी होता है। घूमने के लिहाज से इलाहाबाद में खुसरो बाग भी जा सकते हैं, यहां मुगल वास्तुकला को भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां का आनंद भवन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। ये कभी नेहरू परिवार की हवेली होता था। 1970 में इंदिरा गांधी ने इस हवेली को भारत सरकार को दान में दे दिया था। अब इस जगह को आनंद भवन के नाम से जानते हैं। अब आप जान गए हैं कि उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनने का गौरव हासिल कर चुका है। UP Newsउत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, फसल की कीमत बढ़ाई
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर बना था भारत की राजधानी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। कुछ समय पहले तक प्रयागराज का नाम इलाहाबाद हुआ करता था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रख दिया था। प्राचीन इतिहास में भी इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हुआ करता था। प्रयागराज सदियों से धार्मिक आस्था का केन्द्र रहा है। इसी प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा सरस्वती के मिलन से त्रिवेणी बनी है। त्रिवेणी के घाट पर ही प्रत्येक 12 साल में कुंभ का मेला तथा 6 साल में अर्धकुम्भ का भव्य मेला लगता है। यही प्रयागराज एक दिन के लिए भारत की राजधानी बना था। वर्ष-1858 में ईष्ट इंडिया कंपनी ने भारत की कमान ब्रिटिश राज को सौंपी थी। ईष्ट इंडिया कंपनी तथा ब्रिटिश राज के बीच यह प्रक्रिया प्रयागराज में पूरी की गई थी। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले दिन प्रयागराज को भारत की राजधानी घोषित किया गया था।उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्यटन केन्द्र है प्रयागराज
प्रयागराज लंबे समय से एक प्रशासनिक और शिक्षा का केंद्र रहा है। और अब प्रयागराज के पर्यटन की बात करें, तो शहर के अंदर और आसपास कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। यहां घूमने के लिए कई लोग आते हैं। सबसे पहली जगह त्रिवेणी संगम है, ये एक ऐसी जगह है, जहां तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम देखने को मिलता है। ये जगह दुनियाभर में काफी मशहूर है, और इस जगह की वजह से कई लोग प्रयागराज को संगम नगरी भी कहते हैं। हर साल 12 में इस जगह पर कुंभ मेला लगता है और हर 6 साल में अर्ध कुंभ का आयोजन भी होता है। घूमने के लिहाज से इलाहाबाद में खुसरो बाग भी जा सकते हैं, यहां मुगल वास्तुकला को भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां का आनंद भवन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। ये कभी नेहरू परिवार की हवेली होता था। 1970 में इंदिरा गांधी ने इस हवेली को भारत सरकार को दान में दे दिया था। अब इस जगह को आनंद भवन के नाम से जानते हैं। अब आप जान गए हैं कि उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनने का गौरव हासिल कर चुका है। UP Newsउत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, फसल की कीमत बढ़ाई
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