रणवीर सिंह की नई फिल्म "धुरंधर" का धमाकेदार धमाका
"धुरंधर" एक विशाल स्केल पर बनी, एक्शन, जासूसी और गैंगस्टर ड्रामा का बेहतरीन मिश्रण है। यह फिल्म सीमाओं से परे जासूसी और राजनीति के जटिल जाल को सिनेमा की दुनिया में जीवंत करती है और दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।

रणवीर सिंह की नई फिल्म "धुरंधर" ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है, और यह फिल्म अपने बड़े पैमाने पर बनाई गई कहानी, दमदार अभिनय और थ्रिल से भरपूर एक्शन के साथ दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही है। लगभग 3 घंटे 32 मिनट लंबी यह फिल्म, अपने निर्माण और रिलीज़ दोनों में ही एक लंबा सफर तय कर चुकी है।
कहानी का आधार और प्रेरणा
फिल्म की कहानी 1999 के कंधार अपहरण और 2001 के संसद पर हमले जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन इसमें उससे भी अधिक व्यापक और जटिल घटनाक्रम को समेटा गया है। शुरुआत 30 दिसंबर 1999 से होती है, जब भारत आतंकियों की रिहाई के फैसले के खिलाफ खड़ा होता है। इस संघर्ष में आईबी के अधिकारी अजय सान्याल (आर. माधवन) का दृढ़ विरोध और उनके संघर्ष के बीच ही 'प्रोजेक्ट धुरंधर' का सूत्रपात होता है।
रणवीर सिंह का किरदार और अभिनय
फिल्म में रणवीर सिंह का किरदार है हमज़ा अली मज़ारी उर्फ़ जसकीरत सिंह रंगीली — एक ऐसा हथियार, जिसे पाकिस्तान के कराची के ल्यारी में घुसपैठ के लिए तैयार किया गया है। रणवीर का यह किरदार जंगली, चालाक और निर्दयी हत्यारा होने के साथ-साथ कहीं न कहीं इंसानियत की हल्की सी लौ भी दिखाता है। उनकी दिलकश अदाकारी और एक्शन सीक्वेंस इस फिल्म को खास बनाते हैं।
अभिनय की झलक
फिल्म में अक्षय खन्ना एक प्रभावशाली गैंगस्टर के रूप में उभरते हैं, संजय दत्त पाकिस्तानी सुपरकॉप असलम के किरदार में अपनी छाप छोड़ते हैं, और अर्जुन रामपाल आईएसआई मेजर इकबाल के रूप में दिखते हैं। नवोदित सारा अर्जुन का प्रदर्शन भी दर्शकों का ध्यान आकर्षित करता है।
सिनेमाई अनुभव और तकनीकी पक्ष
शाश्वत सचदेव का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की आत्मा बनकर उभरता है, और क्लासिक गीतों का इस्तेमाल इसे और भी जीवंत बनाता है। हालांकि, फिल्म का दूसरा भाग कई दर्शकों के लिए थोड़ा अलग महसूस हो सकता है, क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण दृश्य पहले ही ट्रेलर में दिखा दिए गए थे।
आगामी भाग का इंतजार
फिल्म का अंत एक सवाल छोड़ता है — क्या दूसरा भाग रणवीर सिंह को और भी बड़ा मंच देगा? इसका जवाब दर्शक मार्च 2026 में ही सिनेमाघरों में देख पाएंगे।
रणवीर सिंह की नई फिल्म "धुरंधर" ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है, और यह फिल्म अपने बड़े पैमाने पर बनाई गई कहानी, दमदार अभिनय और थ्रिल से भरपूर एक्शन के साथ दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही है। लगभग 3 घंटे 32 मिनट लंबी यह फिल्म, अपने निर्माण और रिलीज़ दोनों में ही एक लंबा सफर तय कर चुकी है।
कहानी का आधार और प्रेरणा
फिल्म की कहानी 1999 के कंधार अपहरण और 2001 के संसद पर हमले जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन इसमें उससे भी अधिक व्यापक और जटिल घटनाक्रम को समेटा गया है। शुरुआत 30 दिसंबर 1999 से होती है, जब भारत आतंकियों की रिहाई के फैसले के खिलाफ खड़ा होता है। इस संघर्ष में आईबी के अधिकारी अजय सान्याल (आर. माधवन) का दृढ़ विरोध और उनके संघर्ष के बीच ही 'प्रोजेक्ट धुरंधर' का सूत्रपात होता है।
रणवीर सिंह का किरदार और अभिनय
फिल्म में रणवीर सिंह का किरदार है हमज़ा अली मज़ारी उर्फ़ जसकीरत सिंह रंगीली — एक ऐसा हथियार, जिसे पाकिस्तान के कराची के ल्यारी में घुसपैठ के लिए तैयार किया गया है। रणवीर का यह किरदार जंगली, चालाक और निर्दयी हत्यारा होने के साथ-साथ कहीं न कहीं इंसानियत की हल्की सी लौ भी दिखाता है। उनकी दिलकश अदाकारी और एक्शन सीक्वेंस इस फिल्म को खास बनाते हैं।
अभिनय की झलक
फिल्म में अक्षय खन्ना एक प्रभावशाली गैंगस्टर के रूप में उभरते हैं, संजय दत्त पाकिस्तानी सुपरकॉप असलम के किरदार में अपनी छाप छोड़ते हैं, और अर्जुन रामपाल आईएसआई मेजर इकबाल के रूप में दिखते हैं। नवोदित सारा अर्जुन का प्रदर्शन भी दर्शकों का ध्यान आकर्षित करता है।
सिनेमाई अनुभव और तकनीकी पक्ष
शाश्वत सचदेव का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की आत्मा बनकर उभरता है, और क्लासिक गीतों का इस्तेमाल इसे और भी जीवंत बनाता है। हालांकि, फिल्म का दूसरा भाग कई दर्शकों के लिए थोड़ा अलग महसूस हो सकता है, क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण दृश्य पहले ही ट्रेलर में दिखा दिए गए थे।
आगामी भाग का इंतजार
फिल्म का अंत एक सवाल छोड़ता है — क्या दूसरा भाग रणवीर सिंह को और भी बड़ा मंच देगा? इसका जवाब दर्शक मार्च 2026 में ही सिनेमाघरों में देख पाएंगे।












