नई दिल्ली: काउंसिल ऑन पावर, सेटिंग एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) ने दावा कर दिया है कि 2050 में भारत की नई यात्री कारों को लेकर बात की जाए तो कुल बिक्री में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक कारों (Electric Vehicles) की जल्द होना शुरु हो जाएगी। एजेंसी की तरफ से दावा किया गया है कि भारत में 2030 में खरीदे जाने वाले लगभग 50 फीसदी नए दोपहिया वाहन और लगभग 50 फीसदी चारपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होने जा रहे हैं।
सीईईडब्ल्यू (Electric Vehicles) की तरफ से एक शोध हुआ था जिसमें दावा किया गया है कि इसके अतिरिक्त, 2050 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या नौ गुन इजाफा होने जा रहा है। हालांकि, शोध में यह भी बताया गया है कि आय में सुधार की वजह से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री कम होने लगना शुुरु हो जाएगी।
रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि लोगों की आय में सुधार से चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में बढ़ोतरी होने जा रही है और इसके साथ ही देश में बिजली की खपत में तेजी से बढ़ने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार देखा जाए तोे, भारत का परिवहन क्षेत्र कुल बिजली उत्पादन का 21 प्रतिशत खपत पर पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत विकसित देशों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों से कम उत्सर्जन को लेकर भी करना शुुरु किया गया है।
इसको लेकर यह भी कहा गया है कि देश में चार्जिंग स्टेशनों को लगाने को लेकर देखा जाए तो धीमी गति इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की प्रक्रिया को बाधित करना शुरु कर दिया है।
आपको बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत की सूची में शामिल हो गए हैं। फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) फेज- II योजना के तहत देखा जाए तो, 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी (EV) चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 हाईवे पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने को लेकर योजना का स्वीकृति मिलना शुरु हो गई है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Beauro of Energy Efficiency) के आंकड़ों के मुताबिक देखा जाए तो देश में कुल 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन चालू हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने को लेकर हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाने को लेकर पहल हो रही है, ताकि चार्जिंग की समस्या को कम करने में मदद मिल सके।
NHAI ने हाईवे और एक्सप्रेसवे के कई नए परियोजनाओं में चार्जिंग स्टेशनों भी कुछ समय में स्थापित कर दिया गया है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने को लेकर स्वच्छ ऊर्जा श्रोतों से बिजली तैयार करने पर जोर देना शुरु कर दिया है। इसके अलावा हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चला रहे वाहनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को तैयार करने को लेकर इकाइयों को प्रोत्साहित करने की बात करें तो सरकार ने बजटीय आवंटन की घोषणा कर दिया है।