Wednesday, 24 April 2024

Health : गुलाब का फूल दिखने में खूबसूरत ही नहीं, सेहत के लिए भी है फायदेमंद…….

 विनय संकोची (Rose) गुलाब अपनी खुशबू और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है और फूलों का राजा कहा जाता है। कम…

Health : गुलाब का फूल दिखने में खूबसूरत ही नहीं, सेहत के लिए भी है फायदेमंद…….

 विनय संकोची

(Rose) गुलाब अपनी खुशबू और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है और फूलों का राजा कहा जाता है। कम ही लोग जानते होंगे कि लाल गुलाब के फूल एड्रीनल ग्रंथि (adrenal gland) को प्रभावित कर मनुष्य की ऊर्जा में वृद्धि करते हैं। शायरों और कवियों ने तो गुलाब के फूल और पंखुड़ियों को अपनी रचनाओं में खूब शामिल किया ही है, आयुर्वेद ने भी गुलाब के औषधीय गुणों को पहचान कर इसे अनेक रोगों के उपचार में औषधि के रूप में प्रयोग किया है। कहा जा सकता है कि गुलाब खुशबू, खूबसूरती और स्वास्थ्य का अनोखा खजाना है। इसे संस्कृत में तरुणी, शतपत्री, कर्णिका, चारुकेशरा, हिंदी, गुजराती, पंजाबी और नेपाली में गुलाब, बांग्ला में गोलाम, तमिल में रोजा और गोलप्पू, मलयाली में गुलाबपुष्पम कहा जाता है। गुलाब का वानस्पतिक नाम रोजा है सेन्टीफोलिया है।

गुलाब थोड़ा मधुर, कड़वा, तीखा, शीतल होता है। गुलाब की छोटी सी पत्तियों में विटामिन-ए(Vitamin A), विटामिन-सी(Vitamin C), विटामिन-ई(Vitamn-E), आयरन (Iron)और कैल्शियम (Calcium)जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। गुलाब अपने आयुर्वेदिक औषधीय गुणों की वजह से तमाम तरह के रोगों के उपचार में उपयोग में लाया जाता है। आइए जानते हैं खूबसूरत गुलाब के औषधीय गुणों के बारे में।

• गुलाब के फूल खुद तो सुंदर होते ही हैं साथ ही हमारी त्वचा को सुंदर बनाने में भी सहायक होते हैं। गुलाब में मौजूद विटामिन त्वचा की नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। त्वचा को दाग धब्बों से मुक्त करने, मौसमी संक्रमण और एलर्जी से भी त्वचा की रक्षा करता है गुलाब।

• गुलाब के फूलों की पत्तियां चबाने में दिक्कत हो तो गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों से तैयार की गई चाय का सेवन कर अपनी त्वचा को बेदाग और चमकदार बनाया जा सकता है। ‘रोज टी’ बनाने के लिए एक कप पानी गर्म करें और उसमें गुलाब के फूल की कुछ पंखुड़ियां डालकर 3 से 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। थोड़ी देर ढककर रख दें। फिर छानकर उसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर सेवन करें। यदि मधुमेह से पीड़ित हों तो शहद का इस्तेमाल ना करें।

• त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाए रखने के लिए गुलाब जल लगाने के साथ गुलाब की पत्तियों का उपयोग खाने में भी किया जा सकता है। गुलकंद का सेवन तो एक अच्छा विकल्प है ही।

• गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई मिलाकर 10-15 मिनट होठों पर लगाकर रखने और फिर धो देने से होठों का कालापन दूर होता है और होंठ मुलायम हो जाते हैं। मलाई के स्थान पर ग्लिसरीन का प्रयोग भी किया जा सकता है।

• गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर गरारे व कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। यदि पेट की गर्मी के कारण मुंह में छाले हुए हों तो गुलाब के सूखे फूलों को एक गिलास पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह पत्तियों को मसलकर छान लें और दो चम्मच चीनी मिलाकर पीएं। इससे पेट की गर्मी दूर होती है, जिससे छाले अपने आप ठीक हो जाते हैं

• गुलाब के फूलों का ताजा रस कानों में डालने से कान दर्द में राहत मिलती है।

• गुलाब के फूलों का रस और नींबू का ताजा रस बराबर मात्रा में मिलाकर दाद पर लगाने से वांछित लाभ होता है। यह ‘रस मिश्रण’ मुहांसों से भी छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकता है।

• गुलाब जल आंखों में डालने से सामान्य नेत्र रोग में विशेष लाभ मिलता है।

• गुलाब-रस, सौंफ-रस और पुदीना-रस की चार-चार बूंदों को पानी में मिलाकर नियमित पीने से पेट के कई रोग ठीक हो जाते हैं। 5 ग्राम मुलहठी और 5 ग्राम गुलाब की पंखुड़ियों को 500 मिलीलीटर पानी में उबालकर बनाए गए काढ़े के सुबह-शाम सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।

• शीत पित्त उछलने पर गुलाब रस में थोड़ा-सा चंदन का तेल मिलाकर लगाने से राहत मिलती है।

• माइग्रेन आधासीसी में राहत पाने के लिए दो दाने इलायची, एक चम्मच मिश्री और एक तोला (10 ग्राम) गुलाब की पत्तियों को पीसकर सुबह सवेरे खाली पेट सेवन करें, आराम मिलेगा।

• एक बाल्टी जल में 10 ग्राम गुलाब जल तथा एक नींबू का रस निचोड़ कर नहाने से शरीर की बदबू खत्म हो जाती है।

• आधा कप गुलाब जल में एक नींबू निचोड़ कर थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर 3-3 घंटे में सेवन करने से हैजे में लाभ होता है।

• गुलाब का इत्र माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम आता है।

( विशेष : गुलाब का उपयोग दिल दिमाग और आमाशय की शक्ति को बढ़ाता है और मन को प्रसन्न रखता है। तमाम रोगों से मुक्ति में भी गुलाब सहायक है। लेकिन यहां गुलाब के औषधीय गुणों में उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है। रोग विशेष में उपचार से पूर्व किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य कर लें, क्योंकि गुलाब के उपयोग की सही विधि और उचित मात्रा की जानकारी का अभाव लाभ के स्थान पर हानि पहुंचा सकता है। सामान्य जानकारी किसी भी योग्य चिकित्सक की बराबरी नहीं कर सकती।)

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