International News: संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाक की इंटरनेशनल बेज्जती
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर का राग आलापा हो उसे जब…
Sonia Khanna | September 25, 2021 9:01 AM
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर का राग आलापा हो उसे जब और जहां भी मौका मिलता है वह हर उस मंच से कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है लेकिन उसे हर बार भारत की तरफ से करारा जवाब मिला है और बार-बार उसके झूठ का भारत ने पर्दाफाश किया है। लेकिन पाकिस्तान है कि सुधरने का नाम ही नहीं लेता।
कल संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर बड़े जोर-शोर से कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है। दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। पाकिस्तान के साथ सार्थक और अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है। लेकिन भारत अपने दायित्वों को निभाने में हमेशा विफल रहा है। इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने ऐसा जवाब दिया कि इमरान खान के होश फाख्ता हो गए। अपने जोरदार और धारदार जवाब से स्नेहा दुबे ने न केवल पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी बल्कि जिस अंदाज में उन्होंने भारत के पक्ष को रखा इसको लेकर वह रातों रात सुर्खियों में आ गई हैं। लोग अनके माध्यमों के सहारे उनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारत की किसी जूनियर महिला ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया हो। इससे पहले एनम गंभीर और विदिशा मैत्रा भी यह भूमिका निभा चुकी हैं।
आखिर कौन हैं स्नेहा दुबे :
स्नेहा दुबे संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव हैं। स्नेहा ने 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। वह गोवा में पली-बढ़ीं और उनके बचपन का अधिकतर समय वहीं गुजरा। स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कालेज से स्नातक करने के बाद नई दिल्ली के जवाहरलाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) से भूगोल में परास्नातक किया। स्नेहा को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था, चूंकि उनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में रुचि थी, इसलिए दुबे ने जेएनयू से स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई पूरी की। घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि आईएफएस बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है। इंटरनेशनल सर्विस के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास में उन्हें नियुक्त किया गया। बता दें कि स्नेहा अपने परिवार में पहली थीं जो सरकारी सेवा में लगी हों।
आखिर इमरान ने ऐसा क्या बोला जिसके बाद स्नेहा उन पर बरस पड़ीं :
इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा था कि, पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है। दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर है। इस पर करारा जवाब देते हुए स्नेहा दुबे ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हमारे आंतरिक मामलों को यहां पर उठाकर वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का आतंकियों को पनाह देने, सहायता करने और उन्हें समर्थन देने की नीति का इतिहास रहा है। यह एक ऐसा देश है जिसे विश्व स्तर पर राज्य की नीति के रूप में आतंकवादियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और हथियार देने के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक ऐसा देश है जो खुद को फायर फाइटर बताकर आगजनी करता है।