पैरेंट्स की गलतियों से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
Sonia Khanna
निकिता चौहान
बच्चों की परवरिश हर पैरेंट्स के लिए चैलेंजींग होती है और बच्चों की परवरिश में मां-बाप कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन माता-पिता की छोटी सी गलती भी बच्चों के वर्तमान और भविष्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि कई बार पैरेंट्स कुछ ऐसी बातें कह देते हैं या कुछ ऐसा कर देते हैं जिसका सीधा असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। आईये जानते हैं डॉ. मालिनी साबा साइकोलॉजिस्ट से कि बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है…..
बच्चे की बात को न टालें
बहुत बार बच्चे किसी बात को लेकर परेशान हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे को खुश करने के लिए पैरेंट्स कह देते हैं कि ‘ये कोई बड़ी बात नहीं है’ या इसे लेकर ज्यादा दुखी होने की जरूरत नहीं है’। ऐसे में बच्चों को लगता है कि भावनाएं ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती हैं। इसलिए बच्चे की बात को ध्यान से सुने और उन्हें खुद की भावनाओं को संभालने और उनसे निपटना सिखाएं।
बच्चे की लड़ाई खुद न लड़ें
कई बार ऐसा होता है की पैरेंट्स अपने बच्चे का पक्ष लेते हैं ताकि बच्चे को मुश्किलों और चुनौतियों का सामना न करना पड़े। इस वजह से वो अपने बच्चों की लड़ाई खुद ही लड़ने लगते हैं। हर मां-बाप अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने बनाना चाहते हैं लेकिन ऐसा करके आप बच्चे को डरपोक बना देते हैं।
बच्चों की हर बात पूरी न करें
आजकल बच्चे पैरेंट्स से कुछ भी मांगते हैं तो वे उन्हें दिला देते हैं लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो इससे बच्चे मानसिक रूप से मजबूत जैसे कि खुद काे अनुशासन में रखने से पीछे हट जाते हैं। बच्चों को फोन देने की बजाय उनके साथ समय बिताएं। इससे आप अपने बच्चे के मन की इच्छाओं को समझ पाएंगे।
बच्चे को मानसिक रूप से न बनाएं कमजोर
बच्चे को बहुत सी चीजे अनकंफर्टटेबल फील करवाती हैं जैसे कि नया स्कूल या नए फ्रेंड्स या कुछ नया काम ट्राई करना। इस दौरान आप अपने बच्चे को इन चीजों से बचा लेते हैं तो असल में आप उसे मानसिक रूप से कमजोर बना रहे हैं। इसलिए अपने बच्चे को नई चीजें ट्राई करने के लिए प्रेरित करें।