अगले माह 4 अक्टूबर को राज्यसभा की 6 सीटों के लिए उपचुनाव होगा,जबकि पुडुचेरी की एक सीट के लिए नियमित चुनाव कराया जाएगा। इसमें से भाजपा की असम व मध्यप्रदेश की दो सीटों पर जीत तय है। तो पश्चिम बंगाल की सीट टीएमसी के कब्जे जाएगी साथ ही पुडेचरी पर भी एनडीए का ही कब्जा होगा।हालांकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी अपने सहयोगियों की मदद से दो सीटें जीत सकती है। लेकिन इसके लिए पार्टी में दर्जन भर से ज्यादा दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। जो कांग्रेस की चिंता की बड़ी वजह बन गई है।
सूत्र बताते हैँ कि तमिलनाडु की दो सीटों में से एक कांग्रेस के खाते में जाएगी। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद,प्रमोद तिवारी सहित तकरीबन आधा दर्जन नेताओं ने दावेदारी कर दी है। जबकि राहुल गांधी यहां से पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती के पक्ष में पैरोकारी करते नजर आ रहे हैं। वहीं आजाद का खुद द्रमुक नेतृत्व के साथ बहुत अच्छा संबंध है तो प्रमोद तिवारी का दावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से नजदीकियों के चलते है। वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो यहां उच्च सदन की एक मात्र सीट पर जिन नेताओं की नजर है उसमें कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक से लेकर मिलिंद देवड़ा व संजय निरूपम सहित और कई नेता हैं। सबके अपने-अपने समीकरण हैं।
बता दें कि मध्यप्रदेश की एक सीट थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनाए जाने से रिक्त हुई है। जबकि असम की सीट बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के बिस्वजीत दैमारी के भाजपा में शामिल होने से खाली हुई। वहीं पश्चिमबंगाल की सीट टीएमसी के मानस भुइंया और तमिलनाडु की दो सीट अन्नाद्रमुक के केपी मुनुस्वामी और वैथिलिंगम के इस्तीफे के चलते रिक्त हुई है। जबकि महाराष्ट्र की एक सीट कांग्रेस के राजीव साटव के निधन के चलते खाली हुई है।