Saturday, 30 November 2024

तालिबान की अमेरिका को धमकी, अंजाम भुगतने के लिए रहे तैयार

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद वापसी करने वाला तालिबान अब अमेरिका को ही आंखे दिखाने लगा…

तालिबान की अमेरिका को धमकी, अंजाम भुगतने के लिए रहे तैयार

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद वापसी करने वाला तालिबान अब अमेरिका को ही आंखे दिखाने लगा है। तालिबान ने अमेरिका को अफगान हवाई क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के खिलाफ चेतावनी दी है और अंजाम भुगतने को तैयार रहने को कहा है। तालिबान ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अफगानिस्तान हवाई क्षेत्र में ड्रोन का संचालन बंद करने के लिए कहा है। साथ ही धमकी भरे लहजे में यह भी कहा है कि उसे अगर किसी नकारात्मक परिणामों से बचना है तो इसका पालन करना ही होगा। बता दें कि तालिबान का यह बयान उस घटना के संदर्भ में आया है, जिसमें आतंकियों पर अमेरिका ने ड्रोन हमला किया था, मगर गलती से इस हमले में निर्दोष मारे गए थे।

आपको बता दें कि 1990 की शुरुआत में उत्तरी पाकिस्तान में तालिबान का उदय माना जाता है। इस दौर में सोवियत सेना अफगानिस्तान से वापस जा रही थी। पश्तून आंदोलन के सहारे तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी जड़ें जमा ली थीं। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि लोगों को धार्मिक मदरसों में जाना चाहिए। इन मदरसों का खर्च सऊदी अरब द्वारा दिया जाता था। 1996 में तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। 2001 के आफगानिस्तान युद्ध के बाद यह लुप्तप्राय हो गया था पर 2004 के बाद इसने अपनी गतिविधियां दक्षिणी अफगानिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में फिर से बढ़ा दी थीं। फरवरी 2009 में इसने पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सरहद के करीब स्वात घाटी में पाकिस्तान सरकार के साथ एक समझौता किया जिसके तहत वे लोगों को मारना बंद करेंगे और इसके बदले उन्हें शरीयत के अनुसार काम करने की छूट मिलेगी।

उधर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अमेरिका के कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन करार देते हुए सभी देशों से कहा कि वे आपसी दायित्वों के अनुसार काम करें, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहें। अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (आईईए) द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, सभी देश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने देशों की क्षेत्रीय और हवाई संप्रभुता के एकमात्र मालिक हैं। इसलिए इस्लामिक अमीरात, अफगानिस्तान की एकमात्र कानूनी इकाई के रूप में अफगानिस्तान की भूमि और हवाई क्षेत्र का संरक्षक है।

मुजाहिद ने कहा कि हमने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका को दोहा, कतर में इस्लामिक अमीरात के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय अधिकारों, कानून और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करते हुए देखा, क्योंकि अफगानिस्तान के पवित्र हवाई क्षेत्र पर अमेरिकी ड्रोन द्वारा हमला किया जा रहा है। इन उल्लंघनों को सुधारा जाना चाहिए और रोका जाना चाहिए।

मुजाहिद ने सभी देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से किसी भी नकारात्मक परिणाम को रोकने के लिए पारस्परिक दायित्वों के अनुसार कार्य करने का आह्वान किया। बता दें कि पिछले महीने अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमले से ISIS-K के आतंकवादियों को निशाना बनाया, जिसमें सात बच्चों सहित 10 नागरिक मारे गए। मगर बाद में पता चला कि अमेरिका ने जहां ड्रोन हमला किया, उसमें आतंकी नहीं मारे गए, बल्कि निर्दोष मारे गए। सच सामने आने के बाद इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने इस दुखद गलती के लिए माफी मांगी थी।

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