APJ Abdul Kalam Birth Anniversary- अब्दुल कलाम एक ऐसा नाम है जो आज भले ही दुनिया में नहीं है, लेकिन सबके दिलों में आज भी जिंदा है। फिर चाहे कोई भारतीय हो या कोई विदेशी हर किसी के लिए अब्दुल कलाम एक मिसाल हैं। इनकी सादगी और इनकी पर्सनालिटी सब कुछ इन्हें एकदम अलग बनाती है। आइये जानते हैं इनके बारे मे।
अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर को हुआ था। ये भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। अब्दुल कलाम की हर एक बात हमें कोई न कोई सीख देती है, मगर एक सबसे बड़ी बात जो हमें इनसे सीखनी चाहिए वो है इनकी सादगी, इनकी सिम्पलीसिटी। इतनी बड़ी हस्ती होने के बाद भी ये एक साधारण व्यक्ति थे। इतने नर्म, इतने खुशमिजाज, सच में ऐसे व्यक्तित्व की क्या ही तारीफ की जाए। अब्दुल कलाम आध्यात्मिक बातों में ज्यादा विश्वास किया करते थे और धार्मिक थोड़ा कम ही थे।
संघर्षों से भरा हुआ बचपन-
उनका बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। तमिलनाडु के रामेश्वरम में उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ था। उनके पिता तीर्थ यात्रियों को नाव से यात्रा कराते थे। फिर उनके पिता का ये व्यवसाय भी खो गया और आर्थिक संकटों से जुझना पड़ा। ऐसे में डॉ. कलाम ने घर की आर्थिक स्थिति को सही करने के लिए और घर संभालने के लिए अखबार बेचने का काम किया। बचपन से ही वो जिज्ञासु थे और नई-नई चीजों को सीखने की, उन्हें जानने की रुचि रखते थे। शिक्षक से मिली सीख उस समय हर तरफ भेदभाव चल रहा था, इसके बावजूद डॉ. कलाम हर धर्म के प्रति प्रेमभाव रखते थे। उनके विज्ञान के शिक्षक थे शिवसुब्रमन्यम अय्यर। ये ब्राह्मण थे लेकिन फिर भी हर धर्म के प्रति आदर भाव रखते थे। उन्हीं से कलाम ने हर धर्म को समान दृष्टि से देखना सीखा। वो कलाम से कहते थे कि, ‘वो चाहते हैं कि वो अपना ऐसा विकास करें कि वो बड़े शहरों के शिक्षित लोगों के बीच में बैठ सकें।’
डॉ. कलाम के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है वर्ल्ड स्टूडेंट डे-
डॉ. कलाम सभी स्टूडेंट के लिए इंस्पिरेशन हैं। उनकी पर्सनालिटी बच्चों को कुछ बड़ा करने के लिए और सक्सेसफुल होने के लिए प्रेरित करती है। जब अब्दुल कलाम राष्ट्रपति (APJ Abdul Kalam) पद से हटे तो वो आईआईएम शिलांग, आईआईएम इंदौर और आईआईएम अहमदाबाद में विजिटिंग फैकल्टी बने। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक बच्चों के लिए काम किया। डॉ. कलाम का मानना था कि किसी भी देश का भविष्य स्टूडेंट्स ही हैं। उन्होंने हमेशा बच्चों को प्रोत्साहित किया इसीलिए उनके जन्मदिन के दिन ही वर्ल्ड स्टूडेंट डे मनाया जाता है।
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