UP congress election result: UP में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट कल आ गया है और इसमें बीजेपी और सपा के बीच कांटे की टक्कर देखने वाली थी। हालांकि इन चुनावों में कांग्रेस का तो कहीं अता पता ही नहीं था। कल के रिजल्ट देखने के बाद तो ऐसा लगता है मानो कांग्रेस का उत्तर प्रदेश की राजनीति से ही पत्ता साफ हो गया है।
403 सीटों पर उतारे गए प्रत्याशी:-
इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में सालों बाद ऐसा हुआ था कि कांग्रेस ने कुल 403 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा हो। प्रियंका के प्रतिनिधित्व में इस बार 403 की 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए थे। यही नहीं लड़कियों को बढ़ावा देते हुए और ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूं’ का नारा देते हुए प्रियंका ने 40 प्रतिशत प्रत्याशी महिला वर्ग की ही चुनी थी। फिर जब नतीज़े सामने आए तो कांग्रेस की स्तिथि तो देखने लायक भी नहीं थी और कांग्रेस का तो मानो नामोनिशान ही नहीं था।
UP congress election result में प्रियंका थीं आखिरी उम्मीद:-
कांग्रेस में अभी तक किसी का जादू तो चल नहीं रहा था। ऐसे में जब प्रियंका आईं तो उम्मीद जताई जा रही थी कि कांग्रेस अब कुछ कारनामा कर सकती है, लेकिन UP election में तो कांग्रेस का ये सिक्का भी खोटा निकल गया। कांग्रेस को UP विधानसभा चुनाव में महज 2 सीटें मिलीं। 403 में से अगर देखा जाए तो 144 उम्मीदवार महिला थी, फिर भी किस को जीत न मिली। केवल आराधना मिश्रा को ही जीत हासिल हुई और बाकी 143 महिलाओं की ज़मानत भी जब्त हो गयी।
प्रियंका के आने से पहले क्या थी कांग्रेस की विधानसभा चुनावों में हालत:-
अगर पिछले कुछ सालों के चुनाव का आंकलन किया जाए तो यह समझ आ जाएगा कि धीरे धीरे कांग्रेस विधानसभा चुनावों से गायब होती नजर आ रही है। अगर बात करें 2012 चुनाव की तब कांग्रेस ने केवल 28 सीट ही जीती थीं, उसके बाद 2014 में तो मोदी लहर ने ऐसी धूम मचाई कि सूबे में यह 2 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। फिर 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने हार नहीं मानी और मैदान में सपा के साथ गठबंधन करके उतरी। 2017 में 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मगर 2017 में कांग्रेस को महज 7 सीटों पर ही विजय प्राप्त हुई थी। फिर 2019 में प्रियंका ने खूब प्रचार प्रसार किया और कांग्रेस बस रायबरेली में ही अपनी इज्जत बचा पाने में सफल हुई थी।
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उम्मीद के रूप में आई प्रियंका पहली ही परीक्षा में हुईं फेल:-
प्रियंका कोई छोटा मोटा नाम नहीं है बल्कि कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा है। जब इन्होंने राजनीति में कदम रखा था तो जनता के मन में और साथ ही कांग्रेसियों के मन में भी एक नई उम्मीद की किरण जगी थी। 2019 में इन्हें महासचिव बना दिया गया था। सबको उम्मीद थी कि वो राजनीति के क्रिकेट में गेंद बाउंड्री पार लगा देंगी मगर यहां तो वो खुद ही क्लीन बोल्ड हो गईं और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सारी उम्मीदों को भी खत्म कर गईं।