ड्रोन के माध्यम से फसलों पर किया जा सकता है छिड़काव, तकनीक भी जरूरी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Nov 2022 12:50 AM
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Greater Noida- ग्रेटर नोएडा के लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इंजीनियरिंग के साथ अन्य विभाग के छात्रों ने ड्रोन के माध्यम से खेतों में दवा के छिड़काव करने का एक मॉडल बनाया है। ड्रोन के माध्यम से होने वाले छिड़काव के दौरान ड्रॉपलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसे गिरेगी। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है। इस मॉडल को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसानों की आय में अभिवृद्धि हेतु अभिनव प्रौद्योगिकियों" के विषय पर संस्थान के निदेशक डॉ राजीव अग्रवाल और मनीष सरस्वत हिस्सा लेंगे। जिसमें वे कृषि में ड्रोन के उपयोग के विषय के बारे में जानकारी देंगे। 16 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मौजूद रहेंगे। लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ राजीव अग्रवाल ने कहा कि संस्थान कई विभागों के छात्र-छात्राओं को मिलाकर ड्रोन से निगरानी के साथ ही एक फसल में इसकी मदद के लिए योगदान के लिए एक प्रयास किया है। 21वीं सदी तकनीकी सदी है और बिना तकनीकी की सहायता लिए हम किसी भी क्षेत्र में आर्थिक उन्नति नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान के छात्रों ने ड्रोन तैयार किया है, जिसमें फसलों में दवा छिडकाव के लिए भी कई चीजों लैस किया है। ड्रोन से फसलों में भी छिड़काव संभव है,जिनमें आकार बड़ा होने के नाते सामान्य तरीके से छिड़काव में दिक्कत आती है। साथ ही इन फसलों में छिड़काव करने वाला भी रसायन के दुष्प्रभाव से अ सुरक्षित होता है। मसलन गन्ना, अरहर आदि। उनका कहना है कि ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव बुआई के 30-40 दिन बाद जब खेत फसल से पूरी तरह करते हैं। ड्रोन से जो छिड़काव होता है उसके ड्रॉपलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसी होती हैं। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है। खड़ी फसल पर छिड़काव होने के नाते इसका असर जमीन तक नहीं पहुंचता लिहाजा यूरिया की लिंचिंग (रिसाव) से जल, जमीन को होने वाली क्षति भी नहीं होती। नैनो यूरिया के साथ पानी में घुलनशील कितने तरह के उर्वरक हैं उनको भी फसल की जरूरत के अनुसार मिलाया जा सकता है। उनका कहना है कि इसके लिए परिषद के द्वारा प्रोजेक्ट को चुना गया है। 16 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के द्वारा मॉडल को चयनित किया है। साथ ही किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए ,किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त कैसे किया जाए। इसमें ड्रोन जैसे तकनीक का इस्तेमाल कैसे प्रभावी होगा, इसको लेकर चर्चा की जाएगी।
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ड्रोन के माध्यम से फसलों पर किया जा सकता है छिड़काव, तकनीक भी जरूरी

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Greater Noida- ग्रेटर नोएडा के लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इंजीनियरिंग के साथ अन्य विभाग के छात्रों ने ड्रोन के माध्यम से खेतों में दवा के छिड़काव करने का एक मॉडल बनाया है। ड्रोन के माध्यम से होने वाले छिड़काव के दौरान ड्रॉपलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसे गिरेगी। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है। इस मॉडल को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसानों की आय में अभिवृद्धि हेतु अभिनव प्रौद्योगिकियों" के विषय पर संस्थान के निदेशक डॉ राजीव अग्रवाल और मनीष सरस्वत हिस्सा लेंगे। जिसमें वे कृषि में ड्रोन के उपयोग के विषय के बारे में जानकारी देंगे। 16 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मौजूद रहेंगे। लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ राजीव अग्रवाल ने कहा कि संस्थान कई विभागों के छात्र-छात्राओं को मिलाकर ड्रोन से निगरानी के साथ ही एक फसल में इसकी मदद के लिए योगदान के लिए एक प्रयास किया है। 21वीं सदी तकनीकी सदी है और बिना तकनीकी की सहायता लिए हम किसी भी क्षेत्र में आर्थिक उन्नति नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान के छात्रों ने ड्रोन तैयार किया है, जिसमें फसलों में दवा छिडकाव के लिए भी कई चीजों लैस किया है। ड्रोन से फसलों में भी छिड़काव संभव है,जिनमें आकार बड़ा होने के नाते सामान्य तरीके से छिड़काव में दिक्कत आती है। साथ ही इन फसलों में छिड़काव करने वाला भी रसायन के दुष्प्रभाव से अ सुरक्षित होता है। मसलन गन्ना, अरहर आदि। उनका कहना है कि ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव बुआई के 30-40 दिन बाद जब खेत फसल से पूरी तरह करते हैं। ड्रोन से जो छिड़काव होता है उसके ड्रॉपलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसी होती हैं। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है। खड़ी फसल पर छिड़काव होने के नाते इसका असर जमीन तक नहीं पहुंचता लिहाजा यूरिया की लिंचिंग (रिसाव) से जल, जमीन को होने वाली क्षति भी नहीं होती। नैनो यूरिया के साथ पानी में घुलनशील कितने तरह के उर्वरक हैं उनको भी फसल की जरूरत के अनुसार मिलाया जा सकता है। उनका कहना है कि इसके लिए परिषद के द्वारा प्रोजेक्ट को चुना गया है। 16 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के द्वारा मॉडल को चयनित किया है। साथ ही किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए ,किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त कैसे किया जाए। इसमें ड्रोन जैसे तकनीक का इस्तेमाल कैसे प्रभावी होगा, इसको लेकर चर्चा की जाएगी।
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Noida News : नशे में युवकों ने कार से ई-रिक्शा को मारी टक्कर, दो बच्चे समेत छह जख्मी

WhatsApp Image 2022 11 15 at 2.21.24 PM
Drunk youths hit an e-rickshaw
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:07 AM
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Noida News : नोएडा। थाना सेक्टर 39 इलाके में तेज रफ्तार कार ने ई-रिक्शा में टक्कर मार दी है। इस हादसे में छह लोग जख्मी हो गए। इनमें दो स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हादसे के दो आरोपी लड़कों को हिरासत में लिया है।

Noida News :

जानकारी के मुताबिक नोएडा के अगाहपुर के पास तेज रफ्तार कार ने आगे चल रहे ई-रिक्शा को जोरदार टक्कर मार दी। इससे ई-रिक्शा के परखच्चे उड़ गए। ई-रिक्शा में बैठी सवारी घायल हो गईं। पुलिस ने कार सवार दो युवकों को हिरासत में ले लिया है। लड़के अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी से लौट रहे थे। बताया जाता है कि बर्थडे पार्टी में लड़कों ने जमकर शराब पी थी। सेक्टर 39 थाना क्षेत्र के अगाहपुर गांव के सामने हुई घटना में मौके पर पहुंची पुलिस ने गाड़ी सीज कर ली है।