अमेरिका में शटडाउन का तांडव, खतरे में 3 लाख नौकरियां

तेल अवीब, चेतना मंच। इज़राइल हमास के बीच युद्धविराम के बाद पुनः शुरू हुई जंग अब भीषण रूप ले रही है



अमेरिका में संघीय सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 से शटडाउन की स्थिति घोषित कर दी है। यह सात सालों में पहला मौका है जब अमेरिकी सरकार बंद हुई है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट में फेडरल फंडिंग बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी, जबकि बजट पास करने की अंतिम समय सीमा मध्यरात्रि थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर सरकार बंद कराने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि फेडरल कर्मचारियों की नौकरी पर भी असर पड़ सकता है। America Shutdown
संयुक्त राज्य में शटडाउन तब होता है जब सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट पास करने में असफल रहती है। इस स्थिति में कई सरकारी विभाग और सेवाएं कामकाज रोक देती हैं। अमेरिकी संसद या कांग्रेस को हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट को मंजूरी देनी होती है। यदि सहमति नहीं बनती, तो सरकार के कुछ विभागों को संचालन के लिए आवश्यक फंड नहीं मिल पाता और शटडाउन की स्थिति बन जाती है। America Shutdown
कांग्रेस के नियमों के मुताबिक, कानून को आगे बढ़ाने के लिए सीनेट में कम से कम 60 वोट चाहिए थे। लेकिन इस बार नतीजा 55-45 रहा, जिससे बुधवार से अमेरिकी सरकारी एजेंसियों ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी काम बंद करने का रास्ता अपनाया। यही शटडाउन है।शटडाउन का असर सिर्फ सरकारी दफ्तरों तक सीमित नहीं रहता। संघीय सेवाओं में देरी, कर्मचारियों की सैलरी रुकना और छोटे व्यवसायों में अस्थिरता इसके सीधा परिणाम हैं।
बजट न बनने की वजह से कई विभाग काम रोक देते हैं और कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जाता है। हालांकि, पुलिस, आपातकालीन अस्पताल और एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहती हैं, लेकिन बाकी सरकारी सेवाएं जैसे पार्क, कार्यालय, इमीग्रेशन और पासपोर्ट सेवाएं धीमी या ठप हो जाती हैं। कर्मचारियों की वेतन भुगतान में देरी होती है, और कामकाज के ठहरने से आम जनता और व्यवसायों पर भी भारी असर पड़ता है।
शटडाउन की वजह से आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर पड़ता है। इस दौरान पासपोर्ट और वीज़ा जारी करने में लंबी देरी हो सकती है, जबकि सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर जैसी सेवाओं में बाधा आती है। सरकारी वेबसाइट्स और हेल्पलाइन या तो बंद रहती हैं या बेहद धीमी हो जाती हैं। साथ ही, नेशनल पार्क्स, संग्रहालय और सरकारी कार्यक्रम भी ठप हो सकते हैं। सरकारी विभागों के बंद रहने या कर्मचारियों की अनुपस्थिति की वजह से छोटे व्यवसायों को वित्तीय मदद या भुगतान में भी देरी का सामना करना पड़ता है। वहीं, सरकारी ठेके पर काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स को भी समय पर पैसा नहीं मिल पाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। America Shutdown
BBC के अनुसार, कांग्रेस बजट ऑफिस के डायरेक्टर ने शटडाउन से पहले जारी एक पत्र में चेतावनी दी है कि अमेरिकी सरकार के शटडाउन का असर अर्थव्यवस्था पर गंभीर हो सकता है। इस पत्र में बताया गया है कि हर दिन लगभग 7.5 लाख संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा सकता है, जिससे रोजाना 400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि शटडाउन सिर्फ सरकारी सेवाओं को नहीं, बल्कि पूरे आर्थिक तंत्र को हिला सकता है। America Shutdown
अमेरिका में पहला शटडाउन 1995 में हुआ था। इसके बाद देश ने कुल छह बार शटडाउन का सामना किया, जिसमें से तीन बार ट्रंप प्रशासन में हुआ। सबसे लंबा शटडाउन पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के समय 35 दिन तक चला। 1995 से जनवरी 1996 तक 21 दिनों का शटडाउन रहा, जबकि नवंबर 1995 में पांच दिनों के लिए भी शटडाउन हुआ था। पिछले बड़े शटडाउन की बात करें तो 2018 के अंत से 2019 की शुरुआत तक अमेरिकी संघीय सरकार 34 दिनों तक बंद रही। इस दौरान लगभग 3.4 लाख कर्मचारियों को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया। हालांकि यह आंशिक शटडाउन था, क्योंकि कुछ खर्च संबंधी विधेयक पहले ही पास हो चुके थे, जिससे कई कर्मचारी काम कर सके और उन्हें वेतन भी मिला। America Shutdown
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, इस शटडाउन में 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को छुट्टी पर जाना पड़ सकता है। सरकारी विभागों और सैन्य सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में देरी होती है, जबकि छोटे व्यवसायों को काम रोकना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, 2013 में शटडाउन के दौरान सुरक्षा ठेकेदार कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने 3,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा, जो सरकारी प्रतिष्ठानों में काम करते थे।
साल 2013 के शटडाउन में अमेरिकी सरकार ने सरकारी जमीन पर ड्रिलिंग के लिए परमिट, बीयर व वाइन के निर्यात प्रमाणपत्र और छोटे व्यवसायों, मकान मालिकों और डेवलपर्स के लिए लोन जारी करना बंद कर दिया। भुगतान में देरी की वजह से कई छोटे व्यवसायों ने कर्मचारियों को हटाया और कामकाज घटा दिया।
आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुमान के अनुसार, उस शटडाउन में प्राइवेट सेक्टर में लगभग 1.2 लाख नौकरियों पर असर पड़ा। अनुदानों में देरी और खाद्य व औषधि प्रशासन की जांच में रुकावट ने Life Sciences जैसे उद्योगों को भी प्रभावित किया। इसके अलावा, हवाई अड्डों में देरी और राष्ट्रीय उद्यानों के बंद होने से पर्यटन और यात्रा योजनाओं पर भी बड़ा असर पड़ा। America Shutdown
अमेरिकी ट्रैवल एसोसिएशन ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि शटडाउन के कारण यात्रा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है। उनका अनुमान है कि हर सप्ताह पर्यटन क्षेत्र को लगभग 1 बिलियन डॉलर का झटका लग सकता है। इसके अलावा, TSA कर्मचारी और हवाई यातायात नियंत्रक बिना वेतन काम करेंगे, जिससे हवाई सुरक्षा जांच और उड़ानों पर असर पड़ सकता है। बता दें कि 2019 में भी इसी तरह की स्थिति में सुरक्षा जांचों में बाधा आई थी और कई उड़ानें देरी का शिकार हुई थीं। इस बार भी हवाई यात्रा पर असर की संभावना है, जिससे पर्यटकों और उद्योग दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। America Shutdown
अमेरिका में संघीय सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 से शटडाउन की स्थिति घोषित कर दी है। यह सात सालों में पहला मौका है जब अमेरिकी सरकार बंद हुई है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट में फेडरल फंडिंग बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी, जबकि बजट पास करने की अंतिम समय सीमा मध्यरात्रि थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर सरकार बंद कराने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि फेडरल कर्मचारियों की नौकरी पर भी असर पड़ सकता है। America Shutdown
संयुक्त राज्य में शटडाउन तब होता है जब सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट पास करने में असफल रहती है। इस स्थिति में कई सरकारी विभाग और सेवाएं कामकाज रोक देती हैं। अमेरिकी संसद या कांग्रेस को हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट को मंजूरी देनी होती है। यदि सहमति नहीं बनती, तो सरकार के कुछ विभागों को संचालन के लिए आवश्यक फंड नहीं मिल पाता और शटडाउन की स्थिति बन जाती है। America Shutdown
कांग्रेस के नियमों के मुताबिक, कानून को आगे बढ़ाने के लिए सीनेट में कम से कम 60 वोट चाहिए थे। लेकिन इस बार नतीजा 55-45 रहा, जिससे बुधवार से अमेरिकी सरकारी एजेंसियों ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी काम बंद करने का रास्ता अपनाया। यही शटडाउन है।शटडाउन का असर सिर्फ सरकारी दफ्तरों तक सीमित नहीं रहता। संघीय सेवाओं में देरी, कर्मचारियों की सैलरी रुकना और छोटे व्यवसायों में अस्थिरता इसके सीधा परिणाम हैं।
बजट न बनने की वजह से कई विभाग काम रोक देते हैं और कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जाता है। हालांकि, पुलिस, आपातकालीन अस्पताल और एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहती हैं, लेकिन बाकी सरकारी सेवाएं जैसे पार्क, कार्यालय, इमीग्रेशन और पासपोर्ट सेवाएं धीमी या ठप हो जाती हैं। कर्मचारियों की वेतन भुगतान में देरी होती है, और कामकाज के ठहरने से आम जनता और व्यवसायों पर भी भारी असर पड़ता है।
शटडाउन की वजह से आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर पड़ता है। इस दौरान पासपोर्ट और वीज़ा जारी करने में लंबी देरी हो सकती है, जबकि सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर जैसी सेवाओं में बाधा आती है। सरकारी वेबसाइट्स और हेल्पलाइन या तो बंद रहती हैं या बेहद धीमी हो जाती हैं। साथ ही, नेशनल पार्क्स, संग्रहालय और सरकारी कार्यक्रम भी ठप हो सकते हैं। सरकारी विभागों के बंद रहने या कर्मचारियों की अनुपस्थिति की वजह से छोटे व्यवसायों को वित्तीय मदद या भुगतान में भी देरी का सामना करना पड़ता है। वहीं, सरकारी ठेके पर काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स को भी समय पर पैसा नहीं मिल पाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। America Shutdown
BBC के अनुसार, कांग्रेस बजट ऑफिस के डायरेक्टर ने शटडाउन से पहले जारी एक पत्र में चेतावनी दी है कि अमेरिकी सरकार के शटडाउन का असर अर्थव्यवस्था पर गंभीर हो सकता है। इस पत्र में बताया गया है कि हर दिन लगभग 7.5 लाख संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा सकता है, जिससे रोजाना 400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि शटडाउन सिर्फ सरकारी सेवाओं को नहीं, बल्कि पूरे आर्थिक तंत्र को हिला सकता है। America Shutdown
अमेरिका में पहला शटडाउन 1995 में हुआ था। इसके बाद देश ने कुल छह बार शटडाउन का सामना किया, जिसमें से तीन बार ट्रंप प्रशासन में हुआ। सबसे लंबा शटडाउन पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के समय 35 दिन तक चला। 1995 से जनवरी 1996 तक 21 दिनों का शटडाउन रहा, जबकि नवंबर 1995 में पांच दिनों के लिए भी शटडाउन हुआ था। पिछले बड़े शटडाउन की बात करें तो 2018 के अंत से 2019 की शुरुआत तक अमेरिकी संघीय सरकार 34 दिनों तक बंद रही। इस दौरान लगभग 3.4 लाख कर्मचारियों को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया। हालांकि यह आंशिक शटडाउन था, क्योंकि कुछ खर्च संबंधी विधेयक पहले ही पास हो चुके थे, जिससे कई कर्मचारी काम कर सके और उन्हें वेतन भी मिला। America Shutdown
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, इस शटडाउन में 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को छुट्टी पर जाना पड़ सकता है। सरकारी विभागों और सैन्य सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में देरी होती है, जबकि छोटे व्यवसायों को काम रोकना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, 2013 में शटडाउन के दौरान सुरक्षा ठेकेदार कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने 3,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा, जो सरकारी प्रतिष्ठानों में काम करते थे।
साल 2013 के शटडाउन में अमेरिकी सरकार ने सरकारी जमीन पर ड्रिलिंग के लिए परमिट, बीयर व वाइन के निर्यात प्रमाणपत्र और छोटे व्यवसायों, मकान मालिकों और डेवलपर्स के लिए लोन जारी करना बंद कर दिया। भुगतान में देरी की वजह से कई छोटे व्यवसायों ने कर्मचारियों को हटाया और कामकाज घटा दिया।
आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुमान के अनुसार, उस शटडाउन में प्राइवेट सेक्टर में लगभग 1.2 लाख नौकरियों पर असर पड़ा। अनुदानों में देरी और खाद्य व औषधि प्रशासन की जांच में रुकावट ने Life Sciences जैसे उद्योगों को भी प्रभावित किया। इसके अलावा, हवाई अड्डों में देरी और राष्ट्रीय उद्यानों के बंद होने से पर्यटन और यात्रा योजनाओं पर भी बड़ा असर पड़ा। America Shutdown
अमेरिकी ट्रैवल एसोसिएशन ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि शटडाउन के कारण यात्रा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है। उनका अनुमान है कि हर सप्ताह पर्यटन क्षेत्र को लगभग 1 बिलियन डॉलर का झटका लग सकता है। इसके अलावा, TSA कर्मचारी और हवाई यातायात नियंत्रक बिना वेतन काम करेंगे, जिससे हवाई सुरक्षा जांच और उड़ानों पर असर पड़ सकता है। बता दें कि 2019 में भी इसी तरह की स्थिति में सुरक्षा जांचों में बाधा आई थी और कई उड़ानें देरी का शिकार हुई थीं। इस बार भी हवाई यात्रा पर असर की संभावना है, जिससे पर्यटकों और उद्योग दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। America Shutdown
