National News : शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे भारत और घाना : धर्मेन्द्र प्रधान

Dharmendra
Dharmendra Pradhan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Nov 2022 10:38 PM
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National News : नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारत और घाना के बीच स्कूल पूर्व (प्री-स्कूल) स्तर से शोध स्तर तक साझी प्राथमिकताओं के अनुरूप सम्पर्क को मजबूत बनाने के लिये संस्थागत तंत्र एवं संयुक्त कार्य समूह गठित करने का बृहस्पतिवार को प्रस्ताव किया। धर्मेन्द्र प्रधान ने घाना के शिक्षा उपमंत्री जॉन नतिम फोरजॉर से अपने कार्यालय में मुलाकात की।

National News :

बैठक के बाद प्रधान ने ट्वीट किया, 'घाना के शिक्षा उपमंत्री जॉन नतिम फोरजॉर से मुलाकात अच्छी रही। हमने गर्मजोशी एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों को अधिक विविधतापूर्ण बनाने के बारे में सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में अपने द्विपक्षीय सम्पर्को को मजबूत बनाने पर चर्चा की।

Pakistan News : पाकिस्तान के कराची शहर में मेवे बेचकर गुजर बसर करती हैं हिंदू महिलाएं

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने भारत और घाना के बीच स्कूल पूर्व स्तर से शोध स्तर तक साझी प्राथमिकताओं के अनुरूप सम्पर्क को मजबूत बनाने के लिये संस्थागत तंत्र एवं संयुक्त कार्य समूह गठित करने का प्रस्ताव किया। प्रधान ने बताया कि जॉन ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखायी और अकादमिक संपर्कों को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।

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Pakistan News : पाकिस्तान के कराची शहर में मेवे बेचकर गुजर बसर करती हैं हिंदू महिलाएं

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Hindu women make a living by selling dry fruits in Karachi city of Pakistan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:03 PM
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Pakistan news : कराची (पाकिस्तान), बनारसी साड़ी और लाल चूड़ियां पहने 30 वर्षीय सविता कराची में फुटपाथ पर सूखे मेवे बेचकर अपना घर चलाती हैं लेकिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से होने के कारण कुछ दुकानदार अक्सर उससे झगड़ते रहते हैं जिनमें से ज्यादातर पश्तून समुदाय से हैं।

Pakistan news :

सविता पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची की सूक्ष्म अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है जहां हर साल हजारों प्रवासी आते हैं। कराची की अर्थव्यवस्था में सूखे मेवे के कारोबार का 40 फीसदी योगदान है। सविता की तरह करीब 200 महिलाएं एम्प्रेस मार्केट में मेवे बेचकर अपनी आजीविका कमाती है। हालांकि, इन महिलाओं के लिए जिंदगी इतनी आसान नहीं है। अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से होने के कारण उन्हें अक्सर पश्तून कारोबारियों के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है और ताने सहने पड़ते हैं। वह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की सदस्य हैं जो चहल-पहल वाले सदर इलाके में एम्प्रेस मार्केट बिल्डिंग के बाहर फुटपाथ पर सूखे मेवे बेचती हैं। उसने कहा, ‘‘मेरी दादी और नानी ने 1965 के युद्ध के बाद यहां काम करना शुरू किया था और फिर मेरी मां, बहन और अब मैं यह काम कर रही हूं।’’ एक अन्य हिंदू महिला विक्रेता 20 वर्षीय विजेता ने कहा, ‘‘कुछ दुकानदार, ज्यादातर पश्तून समुदाय के लोग हमसे लड़ते हैं कि हम उनके कारोबार में खलल डाल रहे हैं। ऐसी भी घटनाएं हुई है जब कुछ ने हमारी महिलाओं को भी प्रताड़ित किया।’’ लेकिन सविता के साथ ही एक अन्य विक्रेता माला कहती हैं कि जनता का बर्ताव उनके प्रति अच्छा है और उन्हें एम्प्रेस मार्केट के बाहर सुबह से शाम तक काम करने में डर नहीं लगता है। यह पूछने पर कि क्या उसकी बेटी भी यही काम करेगी इस पर सविता ने कहा, ‘‘वह अभी 15 साल की है, हम देखेंगे कि क्या करते हैं।’’ थोड़ा और टटोलने पर सविता ने बताया कि उसने अपनी बेटी को पड़ोसी इलाके में स्कूल जाने से रोक दिया है क्योंकि कुछ लड़कों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था। पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं के सामने अपहरण, जबरन धर्मांतरण और गैरकानूनी शादियां सबसे बड़ी चुनौती हैं और सविता की कहानी भी इससे अलहदा नहीं है। एक अन्य विक्रेता काजल ने कहा कि कोई यह सोच भी नहीं सकता कि फुटपाथ पर बैठकर कमायी करना कितना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बाजार में गश्त कर रहे पुलिस वालों से भी निपटना पड़ता है जो हमारे ठेले से सूखे मेवे मुट्ठी भरकर ले जाते हैं।’’ महामारी से पहले 2019 में यहां फुटकर विक्रेताओं को हटाने के अभियान ने भी इन महिलाओं की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अतिक्रमण रोधी अभियान तीन साल पहले शुरू किया गया और विश्व बैंक ने एम्प्रेस मार्केट की काया पलटने के लिए इसके वास्ते निधि मुहैया करायी थी। अभियान के तहत करीब 1,700 दुकानें ढहा दी गयी। कई हिंदू महिलाओं समेत करीब 3,000 विक्रेताओं को कहीं और जाने के लिए कहा गया। ऐसा अनुमान है कि इस अतिक्रमण रोधी अभियान में करीब 2,00,000 लोगों ने अपनी आजीविका गंवा दी थी। इस इलाके में दो दशक से अधिक समय से कारोबार कर रही शारदा देवी ने उस वक्त को याद किया जब उन्होंने प्राधिकारियों पर उन्हें कारोबार फिर से शुरू करने का मौका देने का दबाव बनाने के लिए कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया था। उसने कहा, ‘‘एक महिला पत्रकार ने हमारी बहुत मदद की थी और हमारी तरफ से अर्जियां भेजी थीं।’’ शारदा देवी ने बताया कि एम्प्रेस बाजार के नवीनीकरण के दौरान कई हिंदू महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि कुछ महिलाएं भूख से मर गयी। फिर इसके बाद कोविड महामारी आ गयी। उसने कहा, ‘‘कोरोना वायरस ने हमें भिखारी बना दिया क्योंकि हम बाहर नहीं जा पाए और सरकार तथा किसी अन्य संगठन से कोई मदद नहीं मिल पायी। हमारे जैसे अल्पसंख्यकों के पास कोई नहीं आया।’’ ये ज्यादातर महिलाएं कराची शहर के रणछौर लाइन तथा भीमपुरा इलाकों में रहती है जिनके पास विभाजन से पहले मंदिर बनाए गए थे। शारदा ने कहा, ‘‘घर में छह लोग मुझ पर निर्भर हैं क्योंकि मेरे पति की 15 साल पहले मृत्यु हो गयी थी।’’ इन महिलाओं के लिए जिंदगी अब भी चुनौतियों से भरपूर है। विजेता ने कहा, ‘‘चुनौतियों के बावजूद हम सम्मानजनक रूप से आजीविका कमाते हैं और अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं।’’ पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदू बड़ी तादाद में सिंध प्रांत में रहते हैं क्योंकि वहां उनकी संस्कृति, परंपराएं और भाषा मुस्लिम निवासियों से मिलती जुलती हैं।

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International News : भारत, खाड़ी सहयोग परिषद के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत 24 नवंबर से होगी शुरू

Fta
Talks on Free Trade Agreement between India, Gulf Cooperation Council will start from November 24
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:22 PM
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International News : नई दिल्ली। भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) दोनों क्षेत्रों के बीच वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देने की खातिर मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता शुरू करने की बृहस्पतिवार को घोषणा करेंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

International News :

जीसीसी खाड़ी क्षेत्र के छह देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का संघ है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जीसीसी को भारत से किया जाने वाला निर्यात 2021-22 में 58.26 फीसदी बढ़कर करीब 44 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 27.8 अरब डॉलर ही था। वहीं, भारत के कुल आयात में जीसीसी सदस्यों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 18 फीसदी हो गई, जो 2020-21 में 15.5 फीसदी थी। वहीं द्विपक्षीय व्यापार भी 2021-22 में बढ़कर 154.73 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 87.4 अरब डॉलर था।

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एक अधिकारी ने बताया कि जीसीसी के अधिकारी वार्ता की घोषणा करने के लिए यहां आएंगे। यह एफटीए वार्ता की एक प्रकार से बहाली होगी, क्योंकि भारत और जीसीसी के बीच दो दौर की वार्ता 2006 और 2008 में हो चुकी है। भारत सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों से मुख्य रूप से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है। वहीं मोती, बहुमूल्य रत्न, धातु, लोहा और इस्पात, रसायन आदि का भारत इन देशों को निर्यात करता है।

International News :

भारत के कुल निर्यात में इन छह देशों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 10.4 फीसदी हो गई, जो 2020-21 में 9.51 फीसदी थी। इसी प्रकार आयात भी 85.8 फीसदी बढ़कर 110.73 अरब डॉलर हो गया जो 2020-21 में 59.6 अरब डॉलर था।

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