बहुत शुभ होते हैं ये 5 पौधे, चुंबक की तरह खिंचा चला आता है पैसा

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calendar27 Nov 2021 06:15 AM
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वास्‍तु शास्‍त्र (vastu Shastra) में घर-दफ्तर के लिए कई शुभ-अशुभ चीजों के बारे में बताया है। इनमें पौधे भी शामिल होते हैं। यदि घर में अशुभ पौधे लगा लिए जाएं तो अच्‍छी-भली शांत जिंदगी में उथल-पुथल आ जाती है। घर में झगड़े होने लगते हैं, अशांति फैल जाती है। वहीं कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जो घर में पॉजिटिविटी लाते हैं। इतना ही नहीं कुछ पौधों का घर में होना मां लक्ष्‍मी के घर में वास करने जैसा है। ये पौधे घर में अपार धन-दौलत लाते हैं।

बांस का पौधा बांस के पौधे को घर में लगाना बहुत शुभ होता है। यदि इसे ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में या उत्तर दिशा में लगाया जाए तो घर पर पैसा बरसता है। यह पौधा जिस घर में हो वहां कभी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है।

हल्दी का पौधा हल्दी का पौधा भी बहुत शुभ होता है। यह गुरु ग्रह से संबंधित है और गुरु ग्रह को ज्‍योतिष शास्‍त्र में सबसे ज्‍यादा शुभ ग्रह माना गया है। यदि व्‍यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हो तो उसे खूब सफलता, मान-सम्‍मान और खुशहाल जिंदगी मिलती है। घर में हल्‍दी का पौधा लगाकर रोज उसकी पूजा करें, आपकी मनोकामना पूरी होने में देर नहीं लगेगी। इसके अलावा यह पौधा औषधीय गुणों के लिहाज से भी बेहद लाभकारी है।

क्रासुला क्रासुला को मनी ट्री भी कहते हैं। यह पौधा जिस घर में हो, वहां दिन दूना-रात चौगुना पैसा बढ़ता है। याद रखें कि इस पौधे को घर के मुख्‍य द्वार के अंदर लगाएं।

तुलसी का पौधा वैसे तो तुलसी का पौधा हर घर में होता है। इसे मां लक्ष्मी का अंश माना गया है। यह पौधा घर में सकारात्‍मकता और सुख-समृद्धि लाता है। रविवार और एकादशी छोड़कर तुलसी के पौधे में पानी डालें, साथ ही रोज शाम को दीपक लगाएं। दिन बदल जाएंगे।

शमी का पौधा शमी के पौधे को भी बहुत शुभ माना गया है। यह पौधा लगाने से घर में बरकत आती है। यदि कुंडली में शनि दोष हो तो शमी के पौधे के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाने से शनि अच्‍छा फल देने लगते हैं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिचार्य

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भारत की जनसंख्या रिपोर्ट में बंगाल ने मारी बाजी, यूपी बिहार को मिला सबक

National Family Health Survey Report
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calendar26 Nov 2021 09:22 PM
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भारत की जनसंख्या बढ़नी रुक गई है! सुनने में यह बात अटपटी लग सकती है लेकिन, यह सच है। 24 नवंबर जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 2 प्रतिशत हो गई है।

कैसे रुक गई भारत की जनसंख्या वृद्धि सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगर हमारी जनसंख्या हर साल दो प्रतिशत बढ़ रही है तो, जनसंख्या वृद्धि रुकने की बात कहां से आई?

विशेषज्ञों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि दर दो प्रतिशत या उससे कम होने पर जनसंख्या में वास्तविक बढ़त नहीं होती क्योंकि, हर साल लगभग इतने ही लोगों (2%) की मृत्यु भी होती है। इसे कहा जाता है, जनसंख्या का स्थिर हो जाना।

क्या 2050 में चरम पर होगी भारत की जनसंख्या? दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल, लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जनसंख्या 2050 में चरम पर (160 करोड़) होगी। इसके बाद यह घटनी शुरू हो जाएगी और 21वीं सदी के अंत तक यह घटकर 140 करोड़ हो जाएगी।

हालांकि, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के आंकड़ों को देखकर लगता है कि भारत की जनसंख्या 160 करोड़ के आंकड़े को छूने से बहुत पहले ही घटनी शुरू हो जाएगी। कौन सा अनुमान सही साबित होता है यह तो वक्त के साथ ही पता चलेगा लेकिन, दो प्रतिशत की वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर सकारात्मक उम्मीद बंधाती है। वजह साफ है कि आने वाले वक्त में शिक्षा और जागरुकता का स्तर बढ़ेगा और जनसंख्या वृद्धि की दर और भी कम होगी।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ने का कारण इस सर्वे में जिस बात को सबसे ज्यादा प्रमुखता दी जा रही है वह है पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी का बढ़ जाना। सर्वे के मुताबिक भारत में 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 1020 हो गई है।

जबकि, 2015-16 के सर्वे में प्रति एक हजार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 991 थी। इसकी दो वजहें हैं। पहली, प्रति हजार नवजात शिशुओं में लड़कियों की संख्या 2015-16 में 919 हुआ करती थी, जो 2019-21 के वर्तमान सर्वे में बढ़कर 929 हो गई है।

दूसरी वजह पुरुषों की परेशानी बढ़ाने वाली है। भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की उम्र ज्यादा होती है। महिलाएं, पुरुषों की अपेक्षा औसतन तीन साल ज्यादा जीती हैं। वजह भी स्पष्ट है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा संयमित और नियमित होती हैं।

इन राज्यों ने बढ़ाई चिंता इस सर्वे में सकारात्मक बातों के अलावा कुछ बातें चिंता बढ़ाने वाली हैं। भारत की औसत जनसंख्या वृद्धि दर भले ही दो प्रतिशत हो गई है लेकिन, अभी भी कुछ राज्य ऐसे हैं जिनका औसत राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है।

इस मामले में सबसे खराब स्थिति बिहार की है। बिहार की जनसंख्या वृद्धि दर देश में सबसे ज्यादा (3%) है। जो राष्ट्रीय औसत से लगभग 50% ज्यादा है। जनसंख्या वृद्धि के मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में दूसरा नंबर मेघालय (2.9%), तीसरा यूपी (2.4%) और चौथा झारखंड (2.3%) का है।

बिमारू (BIMARU: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, यूपी) राज्यों में होने के बावजूद राजस्थान और मध्य प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि दर 2% है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है।

इन राज्यों ने पेश की मिसाल इन राज्यों की तुलना में गोवा (1.3%), पंजाब (1.6%), पश्चित बंगाल (1.6%), महाराष्ट्र (1.7%) सहित दक्षिण भारत के ज्यादातर राज्यों की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। हालांकि, अच्छा संकेत यह है कि बिहार, झारखंड और यूपी की जनसंख्या वृद्धि दर पिछले सर्वें के मुकाबले कम हुई है।

साथ ही पश्चिम बंगाल (1.6%) और गोवा (1.3%) की जनसंख्या वृद्धि दर इस भ्रम को भी तोड़ती है कि जनसंख्या बढ़ने के लिए कोई धर्म या समुदाय विशेष के लोग जिम्मेदार हैं। संकेत साफ है कि जिन राज्यों में साक्षरता दर, महिलाओं की स्थिति और रोजगार के बेहतर अवसर हैं वहां बिना किसी सख्त उपाए के ही जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार कम होती है।

क्या यूपी, बिहार लेंगे ये सबक? यह सर्वे, जनसंख्या विस्फोट के नाम पर दुनिया को डराने वाले विशेषज्ञों को भी संदेश है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में धीमे ही सही लेकिन, सुधार जारी है। यहां, न तो चीन जैसे सख्त जनसंख्या कानून की जरूरत है, न ही किसी धर्म या समुदाय विशेष को निशाना बनाने की। जरूरत है तो, उन राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को मुख्य मुद्दा बनाने की जो अभी भी जाति और धर्म की राजनीति में उलझे हुए हैं।

- संजीव श्रीवास्तव

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5 दिसंबर से बदल जाएगी इन राशि वालों की किस्मत, जानिए अपनी राशि

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calendar01 Dec 2025 11:38 PM
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नवंबर माह समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। इसलिए ज्योतिष के हिसाब से अब हम बात करेंगे दिसंबर माह की। दिसंबर माह में चार ग्रह अपनी अपनी राशि बदल रहे हैं, जिसका असर कुछ राशियों के जातकों पर पड़ेगा। पांच ऐसी राशियां हैं, जिनके जातकों का भाग्य परिवर्तन होगा।

मंगल : 5 दिसंबर 2021 को मंगल तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर 5 दिसंबर 2021 को सुबह 5:01 बजे से 4 जनवरी 2022, सुबह 4:52 बजे तक रहेगा।

शुक्र : 8 दिसंबर 2021 को शुक्र का धनु से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। शुक्र का मकर राशि में गोचर 8 दिसंबर 2021 को रात्रि 12:56 बजे से 30 दिसंबर 2021 को सुबह 9:57 बजे तक रहेगा। इसके बाद 19 दिसंबर 2021 को शुक्र ग्रह मकर राशि में ही मार्गी से वक्री हो जाएंगे। शुक्र की वक्री चाल 29 जनवरी 2022 दोपहर 01:00 बजे तक रहेगी और उसके बाद यह मार्गी हो जाएंगे।

बुध : 10 दिसंबर 2021 को बुध का वृश्‍चिक राशि ने निकलकर धनु राशि में गोचर करेंगे। बुध का धनु राशि में गोचर 10 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 29 दिसंबर को सुबह 11:15 बजे तक रहेगा। इसके बाद 29 दिसंबर 2021 को बुध ग्रह धनु से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। बुध का गोचर 29 दिसंबर 2021 को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर मकर राशि में होगा।

सूर्य : 16 दिसंबर 2021 को सूर्य वृश्कि राशि ने निकलकर धनु राशि में गोचर करेंगे। सूर्य ग्रह 16 दिसंबर 2021 को सुबह 3 बजकर 28 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेगा और 14 जनवरी 2022 दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक गोचर रहेगा।

किन राशि वालों को मिलेगा फायदा

मेष गुरु आपकी राशि के लाभ भाव में विराजमान हैं। लाभ भाव अर्थात एकादश भाव में गुरु विराजमान हैं। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो उन्नती मिलेगी। कारोबार में भी लाभ अर्जित करेंगे। हर तरह की मनोकामना पूर्ण होगी। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। बाई बहनों का सहयोग मिलेगा। करियर की दृष्‍टि से भी यह माह शुभ है।

मिथुन बृहस्पति आपकी राशि के नवम भाव में गोचर कर रहा है। आपको भाग्य और परिवार का भरपूर साथ मिलेगा और रुके हुए काम पूर्ण होंगे। आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान देना होगा तो निश्‍चित ही सफलता मिलेगी। धार्मिक गतिविधियां बढ़ेगी। निजी जीवन और कार्यक्षेत्र में परिस्थितियां आपके पक्ष में रहेगी। यात्रा का योग बनेगा। रुका हुआ धन वापस मिलने के योग बनेंगे।

सिंह बृहस्पति आपकी राशि के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव जीवनसाथी और साझेदारी का घर है। इसका मतलब यह है कि दांपत्य जीवन में खुशियां आएगी और यदि कोई साझेदारी का व्यापार कर रहे हैं तो उसमें लाभ मिलेगा। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए ठीक रहेगा। नौकरीपेश लोगों को अभी जहां हैं वहीं जमे रहना चाहिए। अभी कहीं पर भी निवेश न करें। सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।

धनु बृहस्पति आपकी राशि के तीसरे घर में गोचर करेगा। यह गोचर आपके लिए बहुत भाग्यशाली रहेगा। आपको और भी पराक्रम दिखाने की जरूरत है। मेहनत का फल मिलेगा। विवाह और यात्रा के योग बन रहे हैं। बेरोजगार हैं तो नौकरी मिलेगी। आपके लिए जरूरी है कि आलस्य छोड़कर अपने सपने के पीछे भागना प्रारंभ कर दें क्योंकि यह समय आपके लिए अनुकूल है। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। नया व्यापार शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह माह उत्तम है।

कुंभ बृहस्पति आपकी राशि के पहले भाव में गोचर करेगा। यदि आप किसी के साथ कोई कार्य साझेदारी में कर रहे हैं तो उसमें फायदा मिलेगा। नौकरी बदलने, शहर बदलने और नए व्यवसाय में पैसा लगाने का यह एक उत्कृष्ट समय है। मेहनत के अनुरूप अच्छे परिणाम मिलेंगे। धन लाभ होगा और पहले किए गए निवेश का लाभ मिल सकता है। रिश्तेदार का सहयोग मिलेगा।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक ज्योतिषी