Omicron: 17 राज्‍यों में फैल चुका है ओमिक्रॉन, यहां जानें अपने प्रदेश का हाल

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ओमीक्रोन हो रहा है खतरनाक. (pc- twitter)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:02 AM
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नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में बढ़ोतरी लगातार जारी है. कोरोना वायरस के ओमीक्रोन (Omicron) वेरिएंट के केस भी देश में बढ़ रहे हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ओमीक्रोन अब तक देश के 17 राज्‍यों तक फैल चुका है. देश में अब तक इसके कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्‍ट्र इससे सर्वाधिक प्रभावित है. वहां ओमीक्रोन (Omicron) के अब तक 108 मामले दर्ज हो चुके हैं. इसके बाद 79 मामलों के साथ दिल्‍ली दूसरे स्‍थान पर है. वहीं देश में अब तक ओमीक्रोन के 415 मामलों में से 115 लोग ठीक हो चुके हैं. वहीं गुजरात में अब तक ओमीक्रोन (Omicron) के 43 केस आए हैं. इनमें से 5 लोग ठीक हो चुके हैं. चौथे स्‍थान पर तेलंगाना है. वहां अब तक ओमीक्रोन के 38 केस दर्ज किए गए हैं. पांचवें स्‍थान पर केरल है. वहां अब तक नए वेरिएंट के 37 मामले आए हैं. इनमें से एक व्‍यक्ति ठीक हो चुका है. उत्‍तर प्रदेश में अब तक ओमीक्रोन के 2 मामले आए हैं. दोनों ही मरीज ठीक हो चुके हैं. राजस्‍थान में 22 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से 19 लोग ठीक हो चुके हैं. उत्‍तराखंड, चंडीगढ़ और लद्दाख में अब तक 1-1 मामले सामने आए हैं.   देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 7,189 नए कोरोना केस (Coronavirus) दर्ज किए गए हैं. इस दौरान 387 लोगों की मौत हुई है. वहीं 7286 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं. भारत में मौजूदा समय में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 77,032 सक्रिय केस हैं. वहीं देश में अब तक कोरोना से 4,79,520 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में अब तक वैक्‍सीन की 141.01 करोड़ डोज लग चुकी हैं. कोरोना वायरस के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में नाइट कर्फ्यू की घोषणा की गई है. राज्‍य सरकारों ने कोरोना संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने के मकसद से यह कदम उठाया है.
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Prediction 2022 : 5 खतरनाक भविष्यवाणियां, क्या अगले वर्ष होगी भारी तबाही ?

Venga baba
Venga baba
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:15 AM
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Prediction 2022 : कुछ अच्छी और कुछ बुरी यादों के साथ अब वर्ष 2021 विदा होने जा रहा है। इसी के साथ ही नए साल 2022 को लेकर प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां (Prediction 2022) भी सामने आने लगी हैं।

बुल्गारिया के रहने वाले नेत्रहीन वांगेलिया पांडवा गुश्टेरोवा उर्फ ​​बाबा वेंगा फकीर बाबा वेंगा (Baba Vanga) ऐसे ही एक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता रहे। कहा जाता है कि आंखों की रोशनी न होने के बावजूद वे आने वाले भविष्य को साफ-साफ महसूस कर सकते थे। माना जाता है कि उनके द्वारा की गई कई भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं।

1. वेंगा बाबा के मुताबिक वर्ष 2022 में दुनिया में पानी का संकट गहराने वाला है। कई शहरों में पीने के पानी की किल्लत हो जाएगी। नदियों का पानी प्रदूषित हो जाएगा और झील, तालाब सिकुड़ते जाएंगे। पानी की कमी की वजह से लोग दूसरी जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। 2. भविष्यवाणी के मुताबिक इस साल लोग मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त गुजारेंगे। उनकी यह आदत धीरे-धीरे लत का रूप ले लेगी, जिससे लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ेगी और वे दिमागी रूप से बीमार होते जाएंगे।

3. दुनिया में बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग इस साल प्रलयंकारी सिद्ध होगी। वार्मिंग की वजह से रूस के साइबेरिया इलाके में बर्फ पिघलने लगेगी, जिससे वैज्ञानिकों की टीम एक घातक वायरस की खोज करेगी। यह वायरस बहुत संक्रामक होगा और तेजी से फैलने लगेगा। इस संक्रमण से निपटने में दुनिया के तमाम इंतजाम फेल हो जाएंगे।

4. भारत पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर पड़ेगा। इसके चलते देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाएंगा। तापमान बढ़ने की वजह से टिड्डियों की पैदावार बढ़ेगी और वह करोड़ों की संख्या में हरे-भरे इलाकों में खेतों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर डालेंगी। इससे देश में अकाल के हालात पैदा हो जाएंगे।

5. वेंगा बाबा के मुताबिक वर्ष 2022 में दुनिया में भूकंप और सुनामी का खतरा बढ़ेगा। हिंद महासागर में भूंकप के बाद एक बड़ी सुनामी उठेगी, जो ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, भारत समेत दुनिया के देशों के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लेगी। इस सुनामी में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।

आपको बता दें कि वेंगा बाबा का वर्ष 1996 में निधन हो चुका हैं। उनकी भविष्यवाणियां कहीं लिखी हुई नहीं हैं। हालांकि कहा जाता है कि अपने अनुयायियों को उन्होंने मौखिक रूप से इन भविष्यवाणियों से अवगत कराया था। उनकी कई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं तो कई गलत भी निकली हैं। अब वर्ष 2022 के बारे में उनका आकलन कितना सही निकलता है, ये आने वाला वक्त ही बताएगा।

घोषणा: चेतना मंच डॉट कॉम इन दावों, भविष्यवाणी की कोई पुष्टि नहीं करता है।

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Omicron: इन 5 वजहों से भारत में बढ़ रहा है तीसरी लहर का खतरा!

Omicron in India
Omicron in India
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:27 AM
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ये संकेत कुछ कहते हैं यूरोपीय देश कनाडा (Canada) में पहली बार लगातार पांच दिनों से कोरोना (Corona) संक्रमितों की संख्या ने पिछले सारे रिकॉड तोड़ दिए हैं। केवल 24 दिसंबर को ही 20 हजार से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट को लेकर कनाडा (Canada) में लोग किस कदर भयभीत हैं इसका अंदाजा अस्पतालों के बाहर लग रही लंबी कतारों से लगाया जा सकता है। कनाडा में जांच करने की क्षमता से कहीं ज्यादा लोग आरटीपीसीआर टेस्ट (RT PCR Test) के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार को लोगों से अपील करनी पड़ी है कि वे एंटीजन टेस्ट (Antigen Test) कराएं।

स्वास्थ्य कर्मियों को बिना छुट्टी के काम करना पड़ा रहा है और वे कई-कई घंटे अतिरिक्त काम कर रहे हैं। ओमिक्रॉन (Omicron) के बारे में दुनिया भर के डॉक्टर इस बात से सहमत हैं कि यह चेचक (Measles) के बाद यह सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस है।

हमें कनाडा से क्या लेना देना? कनाडा की ये खबरें इसलिए क्योंकि, पहली या दूसरी लहर आने से पहले भारत में लोग यही सोच रहे थे कि कोरोना (Corona), यूरोप जैसे अमीर देशों में फैलने वाला वायरस है। हमें कुछ नहीं होने वाला।

इस लापरवाही का नतीजा पहली लहर में ज्यादा गंभीर नहीं हुआ क्योंकि, 2020 में कठोर लॉकडाउन (Lockdown) के चलते वायरस का संक्रमण देश के कुछ हिस्सों में ही सिमट कर रह गया। इस उत्साह में सरकार ने टीकाकरण (Vaccination) में देरी की। बंगाल और यूपी जैसे बड़े राज्यों में विधान सभा और पंचायत के चुनाव कराए गए। बड़ी-बड़ी जनसभाएं और सार्वजनिक रैलियां हुईं।

इसके बाद आई कोरोना की दूसरी लहर। इसने महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों की सूची में भारत को दूसरे नंबर पर लाकर खड़ा कर दिया। अब, केवल अमेरिका हमसे आगे है।

गांव, कस्बों, छोटे शहरों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक में लोग ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पताल और सड़कों पर दम तोड़ रहे थे। नदियों में लाशें उफनाने लगीं, कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ने लगी, श्मसान घाटों पर शव जलाने के लिए लक​ड़ियां कम पड़ गईं।

सरकार ने किया एक अच्छा काम इस भयावह मंजर के बाद सरकार की आंख खुली और टीकाकरण (Vaccination) पर ध्यान गया। 24 दिसंबर तक देश में एक सौ इकतालिस करोड़ (1,41,02,50,280) से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं।

प्रतिदिन 50 से 60 लाख टीके लग रहे हैं। रोजाना लगभग 15 से 20 लाख लोग टीका लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं और दस लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट भी हो रहे हैं। भारत सरकार के टीकाकरण (Vaccination) अभियान की उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) तक ने तारीफ की है।

कनाडा दे रहा है एक संकेत अब एक बार फिर से परीक्षा की घड़ी आ गई है। कनाडा का उदाहरण इसी बात का संकेत है कि भारत में किसी भी वक्त तीसरी लहर (Third Wave) आ सकती है। देश के अधिकतर राज्यों में कोरोना (Corona) के नए वैरियंट, ओमिक्रॉन (Omicron) ने दस्तक दे दी है। संक्रमण तेजी से फैल रहा है और हर बार की तरह इस बार भी इसकी शुरुआत दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में हुइ है।

भारत में पहली लहर के पहले, सख्त लॉकडाउन लगने के कारण कोरोना का संक्रमण बड़े शहरों या देश के कुछ हिस्सों में ही भयावह रूप दिखा सका। दूसरी लहर की आशंका के बावजूद हरिद्वार में कुंभ, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव और यूपी में पंचायत चुनाव कराये गए। इन घटनाओं ने दूसरी लहर की भूमिका तैयार की जिसका नतीजा पूरे देश को भुगतना पड़ा।

इन 5 चीजों से है भारत को खतरा कोरोना के नए वैरिएंट, ओमिक्रॉन (Omicron) ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इसकी संक्रमण दर अब तक के किसी भी वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा है। आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर से भारत में सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

1. इसकी कई वजहे हैं। पहली, भारत में टीकाकरण (Vaccination) के चलते लोग यह मान कर चल रहे हैं कि उन्हें अब कुछ नहीं होगा। जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर दुनिया भर के डॉक्टर लगातार यह कह रहे हैं कि टीकाकरण कोरोना के फैलने पर लगाम नहीं लगाता।

2. दूसरी वजह, नेताओं का रवैया। दो महीने से भी कम समय में यूपी जैसे बड़े राज्य और कई अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election 2022) होने वाले हैं। प्रधानमंत्री सहित हर राजनीतिक दल के नेता बड़ी-बड़ी चुनावी सभाएं और रैलियां कर रहे हैं। कोई भी रैली सुपर स्प्रेडर इवेंट (Super Spreader Event) बन सकती है और जंगल में आग की तरह कोराना को पूरे देश में फैला सकती है। इस खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग (Election Commission) और प्रधानमंत्री से चुनावी सभाओं पर रोक और चुनाव टालने की अपील की है।

3. तीसरी वजह, आमतौर पर दिसंबर का आखिरी सप्ताह नए साल की तैयारियों और छुट्टियों का मौसम होता है। लोगों ने बड़े पैमाने पर घुमने-फिरने और जश्न का कार्यक्रम बना रखा है। ऐसे आयोजन इंसानों की तरह कोरोना को भी बेहद पसंद हैं क्योंकि, यहां उसे पनपने और फलने-फूलने का सुनहरा मौका मिलता है।

4. चौथी वजह, देश में वैसे तो कोराना ​टेस्टिंग की सुविधा का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है लेकिन, ओमिक्रॉन (Omicron) का पता लगाने के लिए यह सुविधा पर्याप्त नहीं है। इस नए वैरिएंट के संक्रमण की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेसिंग (Genome Sequencing) की सुविधा युक्त लैब की आवश्यकता होती है। भारत ही नहीं, दुनिया के ज्यादातर देशों में इस सुविधा की कमी को ओमिक्रॉन (Omicron) के फैलने की बड़ी वजह माना जा रहा है।

5. पांचवीं वजह, पिछले दो साल से लगातार महामारी का डर बना हुआ है। इसके चलते लोगों में महामारी (Pandemic) के प्रति चलताऊ रवैया घर करने लगा है। शुरुआत में मास्क, हाथ धुलने और सामाजिक दूरी को लेकर जो सजगता थी, वह भी कम हुई है।

उम्मीद बंधाने वाला एक आंकड़ा हमें नहीं भूलना चाहिए कि इस महामारी ने पिछले दो साल में लगभग 28 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में लिया है और 54 लाख से ज्यादा लोगों की इससे मौत हुई है। मौत का आंकड़ा भले ही दो प्रतिशत से भी कम है लेकिन, महामारी (Pandemic) से होने वाले अन्य नुकसान की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती।

निराशा के इस दौर में भी इस बात से उम्मीद बंधती है कि ओमिक्रॉन (Omicron) से संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और इससे होने वाली मौतों की संख्या, डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की तुलना में 50 से 70% तक कम है।

हालांकि, इस बात को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि अभी यह वैरिएंट शुरुआती दौर में है और डेटा का आधार बेहद छोटा है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि ओमिक्रॉन कितना जानलेवा है।

दवा नहीं, लेकिन यह रास्ता तो है भले ही हमारे पास इस बीमारी की कोई दवा नहीं है लेकिन, पिछले दो साल का अनुभव ही सबसे बड़ी सीख है। यह अनुभव हमें बताता है कि कोरोना (Corona) को भीड़, लापरवाही, टीकाकरण (Vaccination) की धीमी गति और इंसानों का अति-आत्मविश्वास बेहद पसंद है। जब-जब और जहां-जहां ये चीजें बढ़ती हैं, कोरोना वहां भयानक तांडव मचाता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि जान है तो जहान है। यह बात सही भी है क्योंकि, ज़िंदगी रही तो, चुनाव और जश्न तो कभी भी किए जा सकते हैं।

- संजीव ​श्रीवास्तव