Business News : रिलायंस कैपिटल मामले में होगी एक और दौर की नीलामी : एनसीएलएटी

Nclt
Reliance Capital case to have another round of auction: NCLAT
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:57 AM
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के समाधान के मामले में ऋणदाताओं की नीलामी की एक और दौर की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है।

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एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के पास ऊंची बोली के प्रयास करने का अधिकार है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीओसी को चुनौती तंत्र को जारी रखने और दो सप्ताह बाद बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति दी है।

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एनसीएलएटी ने यह आदेश विस्ट्रा आईटीसीएल (इंडिया) लिमिटेड की याचिका पर दिया है। विस्ट्रा अनिल अंबानी प्रवर्तित कंपनी के ऋणदाताओं में से है। याचिका में एनसीएलटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें दिवालिया कंपनी के लिए और नीलामी पर रोक लगाई गई थी।

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रिलायंस कैपिटल के मामले में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। हालांकि, कंपनी की ऋणदाताओं की समिति ने दूसरा चुनौती तंत्र चलाने का फैसला किया। उसके बाद हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने संशोधित बोली जमा कराई।

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टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष इसे चुनौती दी। एनसीएलटी ने दो फरवरी को कहा कि वित्तीय बोली के लिए चुनौती व्यवस्था या तंत्र 21 दिसंबर, 2022 को पूरा हो गया है। इसके बाद टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने नौ जनवरी को नई याचिका दायर कर न्यायाधिकरण से ऋणदाताओं की नए सिरे से नीलामी की योजना पर रोक लगाने की अपील की। बाद में आईआईएचएल ने भी एक याचिका दायर कर एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी। आईआईएचएल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की। समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Big Decision : प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे सीईसी, ईसी की नियुक्ति

Supreme court
President will appoint CEC, EC on the recommendation of Prime Minister, Leader of Opposition and CJI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:40 AM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बृहस्पतिवार को व्यवस्था दी कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की समिति की सिफारिश पर निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाए।

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न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्म​ति फैसले में कहा कि यह नियम, संसद द्वारा इस मुद्दे पर कानून बनाए जाते तक कायम रहेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं हैं तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी समिति में शामिल किया जाएगा। संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र नाजुक है, और कानून के शासन पर बयानबाजी इसके लिए नुकसानदेह हो सकती है। पीठ ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से काम करने के लिए बाध्य है, उसे संवैधानिक ढांचे के भीतर कार्य करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मत फैसले में चुनाव प्रक्रियाओं में निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र लोगों की इच्छा से जुड़ा है।

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पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल हैं। पीठ ने पिछले साल 24 नवंबर को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने पूर्व नौकरशाह अरुण गोयल को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल 24 घंटे में विभागों से बिजली की गति से पास हो गयी थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Excise Policy Scam : दिल्ली में ईडी फिर सक्रिय शराब के व्यापारी को दबोचा

Ed
ED arrests liquor baron on charges of money laundering
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Mar 2023 05:40 PM
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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब व्यवसायी एवं ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप ढल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ढल को पूछताछ के बाद बुधवार की रात धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में ले लिया गया था।

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Excise Policy Scam

अधिकारियों के मुताबिक, ढल को बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के पदाधिकारी विजय नायर, मनोज राय, अमनदीप ढल और समीर महेंद्रू वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी का धन शोधन मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर ही आधारित है।

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प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में अब तक दो आरोपपत्र दायर कर चुका है। ढल सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पिछले साल अगस्त में रद्द कर दी गई थी। बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई से सरकारी अधिकारियों, नौकरशाहों और शराब व्यापारियों द्वारा की गई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच करने को कहा था। इस मामले में सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।