Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले पर अदालत में सुनवाई, फैसला 19 मई को

Mathura News: मथुरा (Mathura News) में जिला जज की अदालत में गुरुवार को श्री कृष्ण जन्मस्थान एवं शाही ईदगाह मामले की सुनवाई हुई। (Mathura News) सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से लंबी बहस हुई। जिसके बाद जिला जज ने रिवीजन बतौर दायर श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला जज की अदालत अब 19 मई को यह फैसला करेगी कि 8 लोगों द्वारा दायर की गई याचिका वाद के रूप में स्वीकार की जानी चाहिए या नहीं।
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गौरतलब रहे कि न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 30 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को Right To Sue का आधार मानते हुए खारिज कर दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ताओ ने रिवीजन के लिए जिला जज की अदालत का दरवाजा खटखटाया था और 16 अक्टूबर 2020 को जिला जज की अदालत ने अपील को स्वीकार करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ, शाही ईदगाह ट्रस्ट चारों को नोटिस जारी किये थे।
19 मई को फैसला देगी अदालत नोटिस मिलने पर चारो पक्षकारों ने अदालत में अपना पक्ष रखा और आज अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है । अब अदालत 19 मई को यह फैसला देगी की हरिशंकर जैन रंजना सहित 8 लोगों द्वारा दायर किया गया श्री कृष्ण विराजमान का वाद न्यायालय में चलने योग्य है या नहीं।
श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर क्या है वाद अधिवक्ता हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री ने जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को लेकर 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से मथुरा की सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मस्थान व शाही ईदगाह के बीच हुए 1967 में हुए समझौते को खारिज करने की मांग करते हुए 13.37 एकड़ जमीन के स्वामित्व को श्रीकृष्ण जन्मस्थान को सौंपने की मांग की गई है। जिस पर चार पक्षों को नोटिस जारी किए गए थे। चारों पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ, शाही ईदगाह ट्रस्ट ने अदालत में अपना पक्ष रख दिया है और अब अदालत 19 मई को अपना फैसला देगी।
Mathura News: मथुरा (Mathura News) में जिला जज की अदालत में गुरुवार को श्री कृष्ण जन्मस्थान एवं शाही ईदगाह मामले की सुनवाई हुई। (Mathura News) सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से लंबी बहस हुई। जिसके बाद जिला जज ने रिवीजन बतौर दायर श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला जज की अदालत अब 19 मई को यह फैसला करेगी कि 8 लोगों द्वारा दायर की गई याचिका वाद के रूप में स्वीकार की जानी चाहिए या नहीं।
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गौरतलब रहे कि न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 30 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को Right To Sue का आधार मानते हुए खारिज कर दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ताओ ने रिवीजन के लिए जिला जज की अदालत का दरवाजा खटखटाया था और 16 अक्टूबर 2020 को जिला जज की अदालत ने अपील को स्वीकार करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ, शाही ईदगाह ट्रस्ट चारों को नोटिस जारी किये थे।
19 मई को फैसला देगी अदालत नोटिस मिलने पर चारो पक्षकारों ने अदालत में अपना पक्ष रखा और आज अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है । अब अदालत 19 मई को यह फैसला देगी की हरिशंकर जैन रंजना सहित 8 लोगों द्वारा दायर किया गया श्री कृष्ण विराजमान का वाद न्यायालय में चलने योग्य है या नहीं।
श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर क्या है वाद अधिवक्ता हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री ने जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को लेकर 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से मथुरा की सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मस्थान व शाही ईदगाह के बीच हुए 1967 में हुए समझौते को खारिज करने की मांग करते हुए 13.37 एकड़ जमीन के स्वामित्व को श्रीकृष्ण जन्मस्थान को सौंपने की मांग की गई है। जिस पर चार पक्षों को नोटिस जारी किए गए थे। चारों पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ, शाही ईदगाह ट्रस्ट ने अदालत में अपना पक्ष रख दिया है और अब अदालत 19 मई को अपना फैसला देगी।







