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Dadri Land Scam Exclusive-सरकारी जमीन को लूटकर सैकड़ों करोड़ डकारने वाले बेखौफ ले रहे हैं मजे

Greater noida Land Scam

Greater noida Land Scam

आर.पी. रघुवंशी

दादरी/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले (Dadri Land Scam) के जरिए सरकारी जमीन को लूटने वाले गिरोह के सदस्य बेखौफ मजे ले रहे हैं। छोटे-छोटे मामलों में बुल्डोजर चलाने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की निगाह से ये घोटालेबाज आज तक बचे हुए हैं। इस घोटाले का मास्टर माइंड व सरगना बताकर जिस माफिया यशपाल तोमर को घेरा गया है। दरअसल वह तो इस गिरोह का एक छोटा सा मोहरा था।

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सर्वविदित तथ्य है कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला दादरी के गांव चिटहैरा (Dadri Land Scam) में हुआ है। इस घोटाले में सैकड़ों बीघे सरकारी जमीन (एमएलसी) के पहले तो फर्जी पट्टे किए गए फिर उन पट्टों को गैर कानूनी तरीके से खरीदा व बेचा गया। साथ ही असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय में बदलकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) से 300 करोड़ रूपए से भी अधिक का मुआवजा हड़प लिया गया। इस लूट में एक दर्जन से अधिक सरकारी अफसर, चिटहैरा के तीन पूर्व प्रधान, एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पूरा का पूरा परिवार, अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहकर सत्ता का मजा चखने वाला एक बड़ा नेता जो वर्तमान में भी सत्तारूढ दल (भाजपा) में ही है शामिल रहे हैं।

कई बड़े अफसर व नेता हैं असली माफिया

इस लूट में एक दर्जन से अधिक सरकारी अफसर, चिटहैरा के तीन पूर्व प्रधान, एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पूरा का पूरा परिवार, अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहकर सत्ता का मजा चलने वाला एक बड़ा नेता जो वर्तमान में भी सत्तारूढ दल (भाजपा) में ही है शामिल रहे हैं।

इस घोटाले को उजागर हुए एक महीने से भी अधिक का वक्त बीत चुका है। चेतना मंच ने पूर्व में भी इस मुद्दे को पूरी प्रमुखता के साथ उजागर किया है। मामला उजागर होने के बाद मेरठ जिले की पुलिस ने अपने एक मुकदमें के सिलसिले में चिटहैरा गांव की कुछ जमीन को कब्जे में लेने की कार्यवाही भी की है। कानूनविदों का दावा है कि जिस जमीन का मुआवजा उठाया जा चुका हो उस पर पुलिस की यह कार्यवाही न्यायोचित नहीं है। बल्कि घोटाले से ध्यान भटकाने मात्र की कार्यवाही है। गौतमबुद्धनगर जिले का प्रशासन मानता है कि यह किसी एक गांव में हुआ सबसे बड़ा घोटाला है। ऐसा मानने के बावजूद प्रशासन ने अभी तक इस मामले में एफआईआर तक दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई है। मामले में बीती रात एक एफआईआर दादरी थाने (FIR in Dadri police station) में दर्ज की गयी है। एफआईआर में घोटाले में शामिल गिरोह के असली सदस्यों के बजाए छोटे-मोटे मोहरों को नामित किया गया है।

जनता सवाल पूछ रही है कि इतने बड़े घोटाले में ठोस कार्यवाही कब होगी? मामले की बारीकी से जांच कर रही अपर जिलाधिकरी वंदिता श्रीवास्तव (ADM Vandita Srivastava) ने अपनी जांच रिपोर्ट भी जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. को सौंप दी है। ऐसे में सौ टके का सवाल यही है कि इस मामले में शामिल करोड़ों की जमीन को लूटने वाले अफसरों, गांव के दलालों एवं नेताओं के विरूद्ध ठोस कार्यवाही कब होगी? होगी भी अथवा नहीं?

जानकार सूत्रों का दावा है कि एडीएम वंदिता श्रीवास्तव की रिपोर्ट में साफ इंगित किया गया है कि इस घोटाले में शामिल कुख्यात माफिया यशपाल तोमर तो एक मोहरा मात्र है। असल भू-माफिया तो बड़े-बड़े अफसर व नेता हैं। इन अफसरों में तहसीलदार से लेकर कमिश्नर स्तर के पुराने अधिकारी व लोकतंत्र के मंदिर तक के सदस्य राजनेता शामिल हैं।

कई गांवों में फैला है घोटाला

अवैध पटटों के जरिए भूमि की लूट का यह घोटाला (Dadri Land scam)केवल चिटहैरा गांव तक ही सीमित नहीं है। घोटाला दादरी तहसील के लगभग एक दर्जन गांवों तक फैला हुआ है। यहां के गांव दतावली, बील, नई बस्ती, आनंदपुर, फूलपुर, खन्देड़ा, मिलक, बड़ा नंगला, छोलस, नूरपुर, कलौंदा, जारचा, खटाना एवं प्यावली आदि गांवों में भी अवैध रूप से पट्टे काटकर सरकारी जमीनों की लूट का यह मकडज़ाल फैला हुआ है।

 

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