Ghaziabad News

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बीट पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया गया है। इस व्यवस्था के तहत अब बीट पुलिस अधिकारी (BPO) की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा अहम हो गई है। न सिर्फ अपराधियों पर नजर रखनी होगी बल्कि इलाके के लोगों से सीधा संवाद भी बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होगी। पुलिस कमिश्नर जे. रविन्द्र गौड़ ने इस पहल को धरातल पर उतारते हुए कमिश्नरेट में 2131 बीट तैयार की हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हर 3,000 की आबादी पर एक BPO नियुक्त किया गया है, जबकि शहरी इलाकों में यह संख्या 5,000 की आबादी पर तय की गई है।

बेहतरीन काम करने वाले BPO को हर महीने मिलेगा सम्मान

पुलिस कमिश्नर ने सभी DCP को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बीपीओ को हर महीने सम्मानित करें। इतना ही नहीं, ऐसे पुलिसकर्मियों की तस्वीरें थानों में सार्वजनिक रूप से लगाई जाएंगी, ताकि अन्य पुलिसकर्मियों को भी प्रेरणा मिले और टीम में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके।

सीधे संवाद से मजबूत होगी बीट व्यवस्था

पुलिस कमिश्नर ने तीनों जोन में बीपीओ और बीट SI के साथ बैठकें कर उनके कार्य क्षेत्र, जिम्मेदारियों और जनसंपर्क के तौर-तरीकों को स्पष्ट किया। “Know Your Criminal” (केवाईसी) अभियान के तहत बीपीओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने बीट में अपराध प्रवृत्ति के लोगों की जानकारी एकत्र करें और क्षेत्र के प्रभावशाली नागरिकों से नियमित संवाद बनाए रखें।

माना जा रहा बड़ा कदम

इस नई व्यवस्था का मकसद सिर्फ निगरानी रखना नहीं है, बल्कि जनता के साथ भरोसे पर आधारित संवाद स्थापित करना भी है। बीपीओ से अपेक्षा की जा रही है कि वे स्थानीय नागरिकों की समस्याएं समझें, उनसे संवाद करें और अपने क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों पर निरंतर नजर बनाए रखें। इस तरह, स्थानीय स्तर पर पुलिसिंग को ज्यादा जवाबदेह और संवेदनशील बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। Ghaziabad News

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