Friday, 6 December 2024

भारत के इस रहस्यमयी मंदिर में लड़के करते हैं 16 श्रृंगार

General Knowledge : भारत में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के कारण कई अनोखी रीति-रिवाज और परंपराएं देखने को मिलती हैं।…

भारत के इस रहस्यमयी मंदिर में लड़के करते हैं 16 श्रृंगार

General Knowledge : भारत में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के कारण कई अनोखी रीति-रिवाज और परंपराएं देखने को मिलती हैं। इनमें से एक दिलचस्प परंपरा केरल के कोट्टनकुलंगरा श्री देवी मंदिर से जुड़ी है, जहां पुरुषों को देवी की पूजा के लिए 16 श्रृंगार करने होते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को लेकर कई मान्यताएँ और कथाएँ आज भी बरकरार है।

इस मंदिर में पुरुष करते हैं श्रृंगार

कोट्टनकुलंगरा श्री देवी मंदिर केरल के एक प्रसिद्ध और प्राचीन स्थल पर स्थित है, जो देवी भद्रकाली को समर्पित है। इस मंदिर की स्थापना की तारीख के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह मंदिर सदियों पुराना है। यहां पर एक अनोखी परंपरा का पालन किया जाता है, जिसमें पुरुषों को पूजा के दौरान 16 श्रृंगार करने होते हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक कारण

इस परंपरा के कई कारण हैं, जिनमें धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं को महत्व दिया जाता है। एक तर्क के अनुसार, पुरुषों को 16 श्रृंगार करने से वे देवी की शक्ति का प्रतीक बनते हैं। माना जाता है कि देवी भद्रकाली अत्यंत शक्तिशाली हैं, और पुरुषों को उनकी शक्ति को महसूस करने के लिए यह श्रृंगार करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह परंपरा लिंग समानता का प्रतीक है। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि देवी की पूजा करने के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अधिकार हैं।

पौराणिक कथाओं का संबंध

इस परंपरा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी हैं। एक कथा के अनुसार, एक बार देवी भद्रकाली ने राक्षसों का वध किया था। इस युद्ध में देवी का रूप इतना भयावह हो गया था कि देवता भी उन्हें पहचान नहीं पाए। तब देवी ने अपने रूप को बदलने के लिए 16 श्रृंगार किया, और इस तरह इस परंपरा की शुरुआत मानी जाती है।

16 श्रृंगार की प्रक्रिया

इस परंपरा में पुरुषों को श्रृंगार करने के लिए कुछ विशेष सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करना होता है। इसमें सिंदूर, बिंदी, काजल, आईलाइनर, लिपस्टिक आदि शामिल हैं। इसके साथ ही पुरुषों को साड़ी पहनना और गहने पहनना भी होता है। यह परंपरा अब तक जारी है, और इसमें समय के साथ कुछ बदलाव जरूर आए हैं। General Knowledge

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