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ग्रेटर नोएडा में सक्रिय जालसाजों का बड़ा रैकेट, भवन फर्जी कागजात लगाकर बेचा

Greater Noida News

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Greater Noida News : गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी एक व्यक्ति के प्लॉट को जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेच दिया। पीड़ित ने सब रजिस्टर कार्यालय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कई लोगों के खिलाफ थाना बीटा-2 में मुकदमा दर्ज कराया है।

फर्जी कागजात का हो रहा है इस्तेमाल

बता दें कि वसुंधरा गाजियाबाद निवासी ओम प्रकाश ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसने 29 मार्च 2006 में मेरठ निवासी सतीश गुप्ता से ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-पी-3 में एक प्लॉट खरीदा था। प्राधिकरण से रजिस्ट्री कराने के उपरांत उन्होंने प्लॉट पर देखने के लिए कुछ मजदूर छोड़ दिए। कुछ समय पूर्व उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने अपने भवन पर बैंक लोन लेने के लिए आवेदन किया। 15 जुलाई को बैंक के कर्मचारी उक्त भवन का वेरिफिकेशन करने के लिए मौके पर गए तो पता चला कि उक्त भवन किसी व्यक्ति द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार करके 14 दिसंबर 2013 को बेच दिया गया है।

इस बात की जानकारी जब उन्हें मिली तो उन्होंने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की। उन्हें पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम का फर्जी आधार कार्ड बनाकर उनके मकान को अंकित नागर पुत्र योगेंद्र सिंह निवासी दाउदपुर थाना ईकोटेक प्रथम को बेच दिया है। 6 फरवरी 2024 को अंकित नागर ने उक्त भवन को किसी गीता लूथरा पुत्र सुदेश कुमार लूथरा निवासी गाजियाबाद को विक्रय कर दिया। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर जब उन्होंने अपने मकान के पेपर निकलवाए को पता चला कि रजिस्ट्री में किसी फर्जी ओमप्रकाश का आधार कार्ड और फोटो लगा हुआ है। मकान की दोनों रजिस्ट्री डीड राइटर विनोद कुमार लोहिया एडवोकेट द्वारा की गई है। रजिस्ट्री में गवाह के रूप में विनोद सिंह, रजनीश यादव तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ आधिकारिक कर्मचारियों ने फर्जी ओमप्रकाश के साथ मिलीभगत कर फर्जी रजिस्ट्री करने में सहयोग किया है।

फर्जी रजिस्ट्री करने में इन लोगों का नाम

पीड़ित ओमप्रकाश ने बताया कि 16 जुलाई की शाम को उनके मोबाइल फोन पर किसी तेजपाल सिंह का फोन आया उक्त व्यक्ति ने कहा कि उक्त भवन उन्होंने खरीद लिया है। इसके बाद वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों से मुलाकात की तो पता चला कि कोई दूसरा व्यक्ति ओमप्रकाश बनकर आता था और उनके मकान को वह अपना बताता था। जानकारी करने पर पता चला कि फर्जी ओमप्रकाश का वास्तविक नाम ओमप्रकाश ठक्कर पुत्र हनुमान दास है जिसकी फैक्ट्री नारायण दिल्ली में स्थित है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भवन की फर्जी रजिस्ट्री करने में डीड राइटर विवेक कुमार लोहिया एडवोकेट, विनोद सिंह, रजनीश सिंह, ओम प्रकाश, तेजपाल सिंह, अंकित नागर तथा सब रजिस्टर कार्यालय एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के कुछ अधिकारी शामिल हैं। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच पड़ताल कर रही है। Greater Noida News

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