Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में अब जैविक कचरे से गैस बनाने की तैयारी बड़े जोर शोर से शुरू किया जा रहा है। इस क्रम में जैविक कचरे (बायोडिग्रेडेबल) का निस्तारण कर उससे गैस बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में संयंत्र लगेगा। इसकी क्षमता 300 टीपीडी होगी। ग्रेनो प्राधिकरण ने इसके लिए कंपनी की तलाश शुरू कर दी है। आठ जुलाई तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। निर्माण पर 80 करोड़ रुपये के खर्च का आकलन है।
सभी तरह के कचरे के निस्तारण के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे
प्राधिकरण का उद्देश्य शहर को स्वच्छ बनाना है। आगामी 25 वर्षों को लेकर बनाई गई योजना के तहत गीला, सूखा व ई-कचरा सहित सभी कचरे के निस्तारण के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके तहत जैविक कचरे के निस्तारण की कवायद शुरू कर दी गई है। कंपनी की तलाश के लिए निविदा जारी की गई है। प्राधिकरण क्षेत्र के अस्तौली गांव के पास 250 एकड़ से अधिक जमीन पर सेनेटरी लैंडफिल साइट (आधुनिक कूड़ा निस्तारण केंद्र) विकसित की जा रही है। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए कचरे के निस्तारण की योजना पर काम चल रहा है। जैविक कचरे के निस्तारण के लिए अस्तौली में संयंत्र लगेगा। Greater Noida News
सेक्टर-10 में बनेंगे मोबाइल, बिजली के उपकरण
यमुना प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) पार्क में मोबाइल के साथ बिजली के उपकरण बनाने वाली कंपनी लगेगी। प्राधिकरण ने डिक्सन टेक्नोलॉजी को 22.49 एकड़ जमीन देने के लिए लेटर आॅफ इंटेंट (एलओआई) जारी कर दिया है। शहर में चौथी कंपनी को जमीन देने के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई है। कंपनी शहर में करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। साथ ही 50 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि शहर में इलेक्ट्रॉनिक का सबसे बड़ा क्लस्टर बन रहा है। Greater Noida News