Thursday, 20 March 2025

नोएडा में गिरते भूजल स्तर का समाधान तलाशने के लिए बनेगी समिति

Greater Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा का भूजल स्तर संकटग्रस्त श्रेणी में पहुंच चुका है। ऐसे में अब…

नोएडा में गिरते भूजल स्तर का समाधान तलाशने के लिए बनेगी समिति

Greater Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा का भूजल स्तर संकटग्रस्त श्रेणी में पहुंच चुका है। ऐसे में अब सरकार ने इसका समाधान तलाशने के लिए जिलास्तरीय समन्वय समिति गठित करने का आदेश दिया है। डीएम की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति तालाब और अन्य भूजल रिचार्ज स्रोत को सक्रिय करेगी। अलीगढ़, मथुरा, गाजियाबाद, बदायू, जौनपुर, वाराणसी, लखनऊ, संभल, जालौन और शाहजहांपुर के नगरीय क्षेत्र संकटग्रस्त श्रेणी में हैं।

भूजल को रिचार्ज करने की कार्रवाई नहीं की जा रही

इस समय नोएडा का भूजल स्तर 25.99 मीटर और ग्रेनों का 13.40 मीटर तक पहुंच चुका है। हर वर्ष इसमें एक मीटर तक गिरावट हो रही है, लेकिन भूजल को रिचार्ज करने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रशासन सभी जगह रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करा रहा है, जो कारगर साबित नहीं हो रही। यहां ज्यादातर रेन वाटर हार्वेस्टिंग बंद पड़े हैं जिसकी वजह से भी सुधार होने की संभावना काफी क्षीण सी ही है। गिरते भूजल को लेकर केवल हल्ला मचाने से काम नहीं होता है उसके लिए निरंतर प्रयास करना होगा।

गिरते भूजल स्तर को ठीक करने के लिए बनाई गई समिति

गिरते भूजल स्तर को ठीक करने के लिए बनाई गई समिति में पुलिस आयुक्त की तरफ से नामित अधिकारी, नगर आयुक्त व नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, प्राधिकरण के नामित अधिकारी, संबंधित एसडीएम, यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी, बीएसए, डीआईओएस, जल संसाधनों का जानकारी रखने वाले दो नामित सदस्य, जल निगम के अधिशासी अधिकारी, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता और भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी सदस्य होंगे। समिति को जल्द से जल्द एक कार्य-योजना तैयार करनी होगी, जिसमें तालाब व अन्य जलाशयों को चिह्नित किया जाएगा, ताकि उनको संरक्षित किया जा सके। अगर उन पर अतिक्रमण है तो उसे हटाकर दुरुस्त कराना होगा।

समिति को करने होंगे ये काम

शहरी क्षेत्र में भूगर्भ जल के स्रोत को चिहिनत कर म्युनिसिपल ग्राउंड वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार करना होगा। उसी हिसाब से कार्रवाई करनी होगी। आरडब्ल्यूए, एओए, एनजीओ और वॉर्ड समितियों को इस अभियान में जोड़ना होगा। जन संरक्षण व भूजल प्रबंधन के लिए प्रचार-प्रसार करना होगा। इसमें शिक्षण संस्थान व अन्य माध्यमों की मदद ली जाएगी। पेय जलापूर्ति व सिंचाई व्यवस्था में धरातलीय जल का उपयोग कर भूगर्भ जल को संरक्षित करना होगा। म्युनिसिपल ग्राउंड वाटर सिक्योरिटी प्लान का विकास भूजल निधि से किया जाएगा, जबकि कार्ययोजना के काम विभागीय मद से होंगे। हर तीन माह में संबंधित विभागों के कार्यों की समीक्षा करनी होगी।

मानसून के बाद गिरा भूजल स्तर

मानसून से पहले जिले का भूजल स्तर 13.90 मीटर था, जो मानसून के बाद 14.19 मीटर पर पहुंच गया है। यानी भूजल स्तर 0.29 मीटर गिरा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण और प्रशासन के वर्षा जल संचय के केवल दावे हैं। यहां ज्यादातर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद हैं। अंकिता राय, हाईड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग ने बताया कि जिलास्तरीय समन्वय समिति गठित की जाएगी। भूजल स्तर के रिचार्ज और स्रोतों को सक्रिय जाएगा। इसका प्रस्ताव डीएम को भेजा जाएगा। Greater Noida News

चार शहरों के पानी के रेट का प्राधिकरण कर रहा अध्ययन

नोएडा शहर में 2026-27 से मीटर के आधार पर पानी के बिल भेजे जाएंगे। इस बाबत नोएडा प्राधिकरण देश के चार शहरों के पानी के रेट का अध्ययन कर रहा है। उसके बाद किलोलीटर के आधार पर पानी के रेट तय किए जाएंगे। प्राधिकरण के जीएम आरपी सिंह ने बताया कि दिल्ली, अहमदाबाद, पूणे और विशाखापत्तनम के पानी के रेट का अध्ययन किया जा रहा है। कोशिश है कि इन शहरों से भी सस्ते रेट पर पानी का बिल दिया जाए। इसीलिए यहां पानी के रेट तय करना अभी बाकी है। रेट तय होने के बाद भी बिल भेजना तुरंत संभव नहीं है। इसकी बड़ी वजह यह है कि अब तक 5000 वाटर मीटर लगे हैं। अधिकारी का कहना है कि यहां करीब 32 हजार वाटर मीटर लगाए जाने हैं। तकनीकी तौर पर एक अप्रैल से पानी का बिल जेनरेट होने लगेगा। Greater Noida News

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