Greater Noida News : नामौली गांव में टी सीरीज कंपनी के स्वामित्व वाली जमीन पर किसानों ने खुद के मालिकाना हक का दावा किया है। उन्होंने टी सीरीज प्रबंधन के पक्ष रखने के अगले दिन ही करीब 360 एकड़ जमीन का मालिकाना तय करने को लेकर हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बाद भी मुआवजा उठाने और बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री स्तर पर शिकायत कर जमीन की खरीद-फरोफ्त बंद कराने, उच्च स्तरीय जांच करने, हाइकोर्ट का फैसला आने तक जमीन के मुआवजा उठाने पर रोक लगाने की मांग की है।
जिलाधिकारी न्यायालय से किसानों के पक्ष में फैसला आया
किसानों ने बताया कि 1945 में उनके परिवारों के नौ लोग जोधासिंह, मुंशी, लाल सिंह, मंगत, दुलीचंद, प्रेमचंद, गिरवर, नवल और होराम ने 360 एकड़ जमीन लाला सुंदर लाल से खरीदी थी। 1987 में चकबंदी प्रक्रिया के तहत तत्कालीन सिकंद्राबाद तहसील में हेराफेरी करके उनके नाम हटाकर अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए। किसानों ने कहा कि कई लोगों ने रेलवे से मुआवजा उठाया है।
किसानों ने कहा कि जमीन पर फिर से नाम दर्ज कराने के लिए जिलाधिकारी न्यायालय में वाद दायर किया गया था, जिसमें किसानों के पक्ष में फैसला आया।
रेलवे लाइन निकलने के चलते जमीन अधिग्रहण की जा चुकी
इस संबंध में विरोधी पक्ष ने मेरठ मंडलायुक्त के यहां वाद दायर किया। वहां से भी वाद को खारिज कर दिया गया। मामले को लेकर हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया। जमीन का मालिकाना हक तय करने को लेकर मामला विचाराधीन है। 2017 से मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। विचाराधीन होने के बाद भी इस जमीन के कुछ हिस्सों को बेचा जाता रहा है, बैनामा किए गए हैं। वहीं रेलवे लाइन निकलने के चलते जमीन अधिग्रहण की जा चुकी है। उसका मुआवजा दिया गया है। किसान धर्मपाल, आशीष कसाना, किशनचंद, धर्मेंद्र प्रधान, शेखर पहलवान, वेदवती ललिता समेत करीब 250 में किसान परिवार प्रभावित हैं। Greater Noida News
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