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पूरी फिल्मी है कुणाल को ठिकाने लगाने की घटना, हसीना निकली हत्यारिन

Greater Noida News

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के होनहार कुणाल शर्मा को ठिकाने लगाने की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। ग्रेटर नोएडा से लेकर लखनऊ तक यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रेटर नोएडा शहर में अपनी बुद्धि के बल पर अपने पिता के कारोबार को संभालना कुणाल की मौत का सबसे बड़ा कारण बन गया। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के इस सनसनीखेज हत्या के मामले में एक हसीना ने बच्चे को बेहरमी से मार डाला। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।

ग्रेटर नोएडा पुलिस के लिए था बड़ा चैलेंज

ग्रेटर नोएडा में रहने वाले कुणाल का अपहरण करने तथा अपहरण के बाद हत्या करने की यह पूरी साजिश बेहद शातिराना अंदाज में रची गई थी। इस पूरे काण्ड को अंजाम देने से पहले हत्यारों ने नेटफिलिक्स पर आई वेबसीरीज हिट को देखा। इस वेब सीरीज को देखने के बाद हत्यारों ने ऐसी फुलप्रुफ प्लानिंग बनाई कि पुलिस को भी समझ में नहीं आ रहा था कि कुणाल शर्मा की हत्या को कैसे अंजाम दिया गया है। गुरूवार को इस हत्याकांड का नोएडा पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस उपायुक्त कार्यालय ग्रेटर नोएडा में की गई प्रेसवार्ता में कुणाल शर्मा की हत्या में शामिल आरोपियों को मीडिया के सामने लाया गया।

 

अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार ने बताया कि 1 मई 2024 को थाना बीटा-2 क्षेत्र में शिव होटल चलाने वाले कृष्ण कुमार शर्मा के 14 वर्षीय बेटे कुणाल शर्मा का अपहरण कर लिया गया था। अपहरण का सीसीटीवी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 5 मई को कुणाल शर्मा का शव बुलंदशहर में नहर से बरामद किया गया था। इस पूरे हत्याकांड के खुलासे के लिए नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने 11 टीमें लगाई थीं जो सीसीटीवी, मैनुअल व टैक्निकल सर्विलांस के जरिए कुणाल शर्मा के हत्यारों को पकडऩे में लगी हुई थीं। बुधवार रात ग्रेटर नोएडा पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने डाढा गांव निवासी कुणाल भाटी और बुलंदशहर निवासी हिमांशु चौधरी व मनोज को गिरफ्तार किया। पूछताछ में तीनों ने बच्चे की हत्या की बात कबूली। पुलिस ने इस दौरान अपहरण में इस्तेमाल की गई स्कोडा कार, मृतक बच्चे के कपड़े तथा बच्चे का मोबाइल फोन भी बरामद किया। इसके साथ ही पुलिस ने स्टीकर, टेप तथा अभियुक्तों ने जो कपड़े थे उन्हें भी बरामद किया।

अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि 1 मई को अपहरण के दौरान कुणाल शर्मा को कार में बैठाते ही उसके मुंह पर टेप लगा दिया गया और उसके हाथ बांद दिए गए। उसके बाद कुणाल शर्मा को एक फ्लैट में ले गए जहां उसकी पिटाई की गई। इस दौरान सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई। कुणाल के मरने के बाद उसके शव को एक ट्रॉली बैग में रखा गया और उसे बुलंदशहर की नहर में डिस्पोज कर दिया गया।

ढाबे पर कब्जा चाहता था मनोज

उन्होंने बताया कि मनोज और हिमांशु मृतक बच्चे कुणाल शर्मा के पिता कृष्ण कुमार शर्मा को पहले से जानते हैं। मनोज के.के. शर्मा के साथ पार्टनरशिप में ढाबा चला रहा था जबकि हिमांशु ने के.के. शर्मा से उधार रूपये लिये थे। मनोज और हिमांशु ने इस पूरी साजिश को रचा। उनका सोचना था कि कुणाल के मरने के बाद ढाबा उसके कब्जे में आ जाएगा और हिमांशु को भी पैसे नहीं लौटाने पड़ेंगे। इस पूरी साजिश में मनोज और हिमांशु ने अपने दोस्त कुणाल भाटी और गुरूग्राम से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही तन्वी को शामिल किया।

वेबसीरीज देखकर बनाई प्लानिंग

अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार ने बताया कि कुणाल हत्याकाण्ड में शामिल आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कुणाल की हत्या के लिए उन्होंने फुलप्रूफ प्लानिंग बनाई थी। सभी ने नेट फिलिक्स पर प्रसारित वेब सीरीज हिट देखी। जिससे उन्होंने कई आइडिये लिए। जैसे सबूत कैसे छुपाने हैं। गाड़ी पर स्टीकर बदलना है, डेड बॉडी से फ्रिंगर प्रिंट कैसे हटाने हैं और अपहरण के समय पहने हुए कपड़े कैसे बदलकर छुपाने हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे के शव को ले जाने के लिए आरोपियों ने ट्रॉली बैग का इस्तेमाल किया। इस पूरी घटना के पीछे मनोज और हिमांशु मास्टर माइंड हैं।

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