Greater Noida News : यमुना सिटी में विकसित हो रहा टॉय पार्क इस क्षेत्र में चीन का वर्चस्व तोड़ने के लिए अपनी वैश्विक भूमिका निभाने की तैयारी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह टॉय पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसे नई चुनौतियों और वैश्विक मांग को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है। यमुना सिटी में 100 एकड़ में 134 नए खिलौना उद्योग एक से दो वर्ष में शुरू हो जाएंगे। कुछ ही दूर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी जल्द शुरू होने वाला है। ग्रेटर नोएडा की छोटी-बड़ी 43 इकाइयां खिलौनों को तैयार कर देश और विदेश तक भेज रही हैं। अब बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खिलौना उद्योग के लिए विशेष घोषणा करके इस सेक्टर का मनोबल बढ़ाया है। अब यह उद्योग चीन के खिलौनों का खेल खत्म करने की लड़ाई पूरे आत्मविश्वास से लड़ेगा।
100 एकड़ में टॉय पार्क हो रहा विकसित
यमुना प्राधिकरण (यीडा) यमुना सिटी में 100 एकड़ में टॉय पार्क विकसित कर रहा है, ताकि देश में खिलौनों का उत्पादन बढ़ाया जा सके। यहां कई यूनिट का निर्माण चल रहा है। जल्द ही खिलौनों का उत्पादन भी शुरू हो सकता है। इस टॉप पार्क से करीब 50 देशों में खिलौनों का निर्यात किया जाएगा। यीडा का टॉय क्लस्टर देश का सबसे बड़ा टॉय क्लस्टर है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें 100 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। अब इस बार के आम बजट में इसकी घोषणा से इस उद्योग को संजीवनी मिलेगी।
बजट में खिलौना उद्योग के लिए एलान
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि खिलौना उद्योग के लिए राष्ट्रीय कार्य-योजना बनाई जाएगी। क्लस्टर, कौशल और निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास का भी एलान किया। योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले खिलौने बनाए जाएंगे, जो मेड इन इंडिया ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे। ऐसे में यमुना सिटी में विश्वस्तरीय खिलौने बनाने और विदेश तक भेजने का सपना जल्द साकार हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय खिलौना उद्योग को ध्यान में रखते हुए यमुना सिटी में कॉमन डिस्प्ले हॉल भी बनेगा। जहां सभी फैक्ट्रियां अपने खिलौनों को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए शो केस में रख सकेंगी।
80 फीसदी खिलौने चीन से आते हैं
देश में बिक रहे 80 फीसदी खिलौने चीन में बने होते हैं। केंद्र सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आयात शुल्क को 20 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी किया था। इस कदम से चीन के खिलौनों की कीमत बढ़ गई। लिहाजा भारतीय खिलौनों की मांग बढ़ने लगी है। ऐसे ही सरकार के कुछ निर्णयों से भारतीय खिलौना उद्योग फल फूल सकता है। अब बजट में भी खिलौना उद्योग के लिए विशेष घोषणा करके सरकार ने इस उद्योग को संंजीवनी देने का काम किया है।
इस पर देना होगा ध्यान
कुछ साल पहले खिलौनों के कपड़ों पर कस्टम ड्यूटी 10 % से बढ़ाकर 20% कर दी गई थी। वहीं कटिंग लेजर मशीन पर एंटी डंपिंग ड्यूटी बढ़ने से कीमत दोगुना तक पहुंच गई है। इसका असर कीमतों पर पड़ रहा है। देश में खिलौनों के 70% कपड़े विदेश से आते हैं। अब सरकार अगर कुछ ऐसी पालिसी बनादे जिससे ये समस्याएं दूर हो सके तो भारतीय खिलौना उद्योग एक नयी रफ्तार के साथ आगे बढ़ सकेगा और वैश्विक स्तर पर चीन का मुकाबला बेहतर तरीके से कर सकेगा। Greater Noida News
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