एक्टर्स का ऑडिशन लेने में विश्वास नहीं करते ''सैय्यारा''

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calendar28 Nov 2025 08:54 AM
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Bollywood News : बॉलीवुड में हर फिल्म का सबसे अहम हिस्सा उसकी कास्टिंग होती है। एक अच्छा डायरेक्टर वही होता है जो अपने किरदारों के लिए सही चेहरे और सही टैलेंट को पहचान सके। इंडस्ट्री में ज्यादातर डायरेक्टर्स ऑडिशन और स्क्रीन टेस्ट के जरिए एक्टर्स को सेलेक्ट करते हैं लेकिन कुछ फिल्ममेकर ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि टैलेंट को परखने का तरीका सिर्फ ऑडिशन नहीं हो सकता। ऐसे डायरेक्टर्स के लिए एक्टर्स की आई लैंग्वेज , उनके एक्सप्रेशंस और सेल्फ कोनफिडेन्स ही काफी होते हैं। जब एक डायरेक्टर को अपने एक्टर्स पर भरोसा होता है तो वह उन्हें टेस्ट करने के बजाय मौका देने में यकीन रखता है। फिल्ममेकिंग की इस सोच में सिर्फ टैलेंट ही नहीं बल्कि एक हुमन कनेक्शन और समझ भी शामिल होती है जो फिल्म के हर फ्रेम में दिखाई देती है।

क्या बोले मोहित सूरी ?

मोहित सूरी का मानना है कि एक्टर्स का टैलेंट परखने के लिए ऑडिशन लेना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं एक्टर्स का टैलेंट देखने के लिए ऑडिशन नहीं लेता। मैं उनकी आंखों में देखकर समझ लेता हूं कि वो किरदार निभा सकते हैं या नहीं।" मोहित सूरी का कहना है कि हर एक्टर में कोई न कोई खासियत होती है, जिसे एक समझदार डायरेक्टर आसानी से पहचान सकता है। उनका मानना है कि जब एक डायरेक्टर को अपने एक्टर्स पर भरोसा होता है तो उसे ऑडिशन की जरूरत नहीं पड़ती। वो एक्टर्स को परखने की बजाय उन पर विश्वास करते हैं और यही वजह है कि वो अपनी फिल्मों में भी कई बार बिना ऑडिशन के कास्टिंग कर चुके हैं।

सैय्यारा की कास्टिंग

मोहित सूरी ने अपनी आने वाली फिल्म 'सैय्यारा' के लिए भी एक्टर्स का चुनाव बिना किसी ऑडिशन के किया है। उनका मानना है कि कई बार एक्टर्स ऑडिशन के दौरान नर्वस हो जाते हैं जिससे उनका असली टैलेंट सामने नहीं आ पाता। इसी वजह से वह ऑडिशन पर भरोसा नहीं करते। मोहित सूरी की नजर में एक्टर्स की काबिलियत उनके सेल्फ कॉन्फिडेंस और एक्सप्रेशंस में दिखाई देती है न कि किसी तैयार किए हुए सीन में।   यह पहली बार नहीं है जब मोहित सूरी ने बिना ऑडिशन के एक्टर्स को मौका दिया हो। इससे पहले भी वह अपनी कई फिल्मों में ऐसा कर चुके हैं। उनकी सोच इंडस्ट्री में बाकी डायरेक्टर्स से अलग है। वह टैलेंट को पहचानने में यकीन रखते हैं न कि उसे परखने के लिए लंबी प्रक्रियाओं में भरोसा करते हैं। मोहित सूरी के इस नजरिए की फिल्म इंडस्ट्री में अलग ही चर्चा होती है।
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हेमा मालिनी ने 24 साल बड़े हीरो के साथ किया था डेब्यू

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calendar01 Dec 2025 05:29 PM
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Bollywood News : बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल कही जाने वाली हेमा मालिनी आज भी लोगों के दिलों में खास जगह रखती हैं। उनकी खूबसूरती, अदाकारी और डांसिंग स्टाइल ने उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाई। लेकिन क्या आपको पता है कि जब हेमा मालिनी ने फिल्मों में अपना डेब्यू किया था तब उनके हीरो उनसे पूरे 24 साल बड़े थे? जी हां, ये किस्सा आज भी फिल्मी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहता है। हेमा मालिनी ने 1968 में फिल्म 'सपनों का सौदागर' से बॉलीवुड में कदम रखा था जिसमें उनके साथ राज कपूर नजर आए थे। उस समय हेमा महज 20 साल की थीं जबकि राज कपूर 44 साल के। दिलचस्प बात ये है कि खुद राज कपूर ने भविष्यवाणी की थी कि हेमा एक दिन बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस बनेंगी। उनकी ये बात बिल्कुल सही साबित हुई और आज हेमा मालिनी को इंडस्ट्री में ड्रीम गर्ल के नाम से जाना जाता है।

पहली फिल्म में राज कपूर के साथ किया काम

हेमा मालिनी ने 1968 में फिल्म 'सपनों का सौदागर' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनके हीरो थे राज कपूर। उस वक्त हेमा मालिनी की उम्र सिर्फ 20 साल थी जबकि राज कपूर 44 साल के थे। जब हेमा मालिनी ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो राज कपूर ने एक खास बात कही थी। उन्होंने कहा था – "ये लड़की एक दिन बहुत बड़ी स्टार बनेगी। राज कपूर की ये बात बिलकुल सही साबित हुई। हेमा मालिनी ने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में दीं और इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हिरोइन बन गईं।

ड्रीम गर्ल का टाइटल

फिल्म 'ड्रीम गर्ल' के बाद हेमा मालिनी को हमेशा के लिए 'ड्रीम गर्ल' कहा जाने लगा। उनकी खूबसूरती, डांस और एक्टिंग ने सभी का दिल जीत लिया। आज भी हेमा मालिनी फिल्मों से लेकर राजनीति तक में एक्टिव हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है। हेमा मालिनी का करियर इस बात की मिसाल है कि अगर टैलेंट और मेहनत हो तो उम्र या हालात कोई मायने नहीं रखते। राज कपूर की कही गई बात आज भी याद की जाती है।
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फिल्मी जगत में शोक की लहर, डॉन के निर्देशक चंद्रा बारोट का निधन

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calendar01 Dec 2025 02:25 PM
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Bollywood News : बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक चंद्रा बारोट अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनके निधन की खबर से फिल्मी जगत में शोक की लहर है। चंद्रा बारोट ने हिंदी सिनेमा को यादगार फिल्में दीं जिनमें सबसे खास है। 1978 में अमिताभ बच्चन की 'डॉन'। उनके निर्देशन का असर आज भी दर्शकों के दिलों में बना हुआ है। निर्देशक और अभिनेता फरहान अख्तर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। चंद्रा बारोट ने अपने करियर में भले ही कम फिल्में बनाई हों लेकिन उनके द्वारा निर्देशित 'डॉन' आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे यादगार फिल्मों में गिनी जाती है। उनके निर्देशन में बनी इस फिल्म ने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई बल्कि लोगों के दिलों में भी खास जगह बनाई। चंद्रा बारोट के निधन पर फरहान अख्तर ने सोशल मीडिया के ज़रिये श्रद्धानजलि देते हुए लिखा, "चंद्रा अंकल, आपने जो विरासत छोड़ी है, वह हमेशा हमारे साथ रहेगी। आपकी बनाई 'डॉन' एक क्लासिक है और आपकी मेहनत, लगन और सोच को सलाम करता हूं।" फरहान अख्तर ने 2006 में 'डॉन' का रीमेक बनाया था जिसे दर्शकों ने भी खूब पसंद किया। फरहान ने हमेशा चंद्रा बारोट के काम की सराहना की और उन्हें अपना मार्गदर्शक माना। चंद्रा बारोट के जाने से फिल्म इंडस्ट्री ने एक शानदार निर्देशक खो दिया है। उनकी बनाई फिल्में और उनकी सोच हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी।