जिसे दुनिया कहती है आतंकी पालक, अब वही करेगा आतंक की निगरानी




Shashi Tharoor : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए ‘सरेंडर’ वाले बयान के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति सदैव स्वतंत्र और स्वाभिमानी रही है, और किसी भी द्विपक्षीय मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कभी कोई मांग नहीं की गई। अमेरिका में भारत सरकार की रणनीतिक कूटनीति ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत को अपने अंतरराष्ट्रीय मसलों के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। थरूर का यह बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर इस अभियान को लेकर ‘सरेंडर’ की मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया है।
थरूर इस समय वॉशिंगटन डीसी में भारत सरकार के ओर से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वैश्विक आउटरिच अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। इसी दौरान जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अतीत में की गई मध्यस्थता की पेशकश को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने संयमपूर्वक जवाब देते हुए कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति हमारे मन में सम्मान है, लेकिन हम इतना जरूर कहेंगे कि भारत ने न तो कभी किसी मध्यस्थता की मांग की और न ही इसकी आवश्यकता महसूस की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान थरूर ने यह भी रेखांकित किया कि भारत किसी के हस्तक्षेप के बिना अपने मसलों को सुलझाने में सक्षम है। उन्होंने पाकिस्तान के सन्दर्भ में कहा, "अगर पड़ोसी देश वाकई आतंकवादी ढांचे को समाप्त करने के लिए गंभीर पहल करता है और यह दर्शाता है कि वह भारत से सामान्य और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है, तो संवाद की संभावना जरूर है। लेकिन उसके लिए किसी मध्यस्थ की कोई आवश्यकता नहीं है। Shashi Tharoor
Shashi Tharoor : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए ‘सरेंडर’ वाले बयान के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति सदैव स्वतंत्र और स्वाभिमानी रही है, और किसी भी द्विपक्षीय मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कभी कोई मांग नहीं की गई। अमेरिका में भारत सरकार की रणनीतिक कूटनीति ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत को अपने अंतरराष्ट्रीय मसलों के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। थरूर का यह बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर इस अभियान को लेकर ‘सरेंडर’ की मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया है।
थरूर इस समय वॉशिंगटन डीसी में भारत सरकार के ओर से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वैश्विक आउटरिच अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। इसी दौरान जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अतीत में की गई मध्यस्थता की पेशकश को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने संयमपूर्वक जवाब देते हुए कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति हमारे मन में सम्मान है, लेकिन हम इतना जरूर कहेंगे कि भारत ने न तो कभी किसी मध्यस्थता की मांग की और न ही इसकी आवश्यकता महसूस की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान थरूर ने यह भी रेखांकित किया कि भारत किसी के हस्तक्षेप के बिना अपने मसलों को सुलझाने में सक्षम है। उन्होंने पाकिस्तान के सन्दर्भ में कहा, "अगर पड़ोसी देश वाकई आतंकवादी ढांचे को समाप्त करने के लिए गंभीर पहल करता है और यह दर्शाता है कि वह भारत से सामान्य और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है, तो संवाद की संभावना जरूर है। लेकिन उसके लिए किसी मध्यस्थ की कोई आवश्यकता नहीं है। Shashi Tharoor
