लॉस एंजिल्स में धमाका, तीन जांबाज पुलिस अफसरों की दर्दनाक मौत

Los Angeles
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calendar02 Dec 2025 02:23 AM
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International News : संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत के लॉस एंजिल्स में शुक्रवार सुबह हुए विस्फोट से लोग दहल गए। यह विस्फोट मोंटेरे पार्क स्थित बिस्कैलुज पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में हुआ। इस केंद्र में सांता मोनिका स्थित एक आवास से गुरुवार को बरामद विस्फोटक सामग्री और उपकरणों को जांच के लिए रखा गया था। इसी सामग्री की जांच के लिए पहुंचे लॉस एंजिल्स काउंटी शेरिफ के जासूस जोशुआ केली-एकलुंड, विक्टर लेमस और विलियम ऑस्बोर्न अचानक हुए विस्फोट की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई।

अभी विस्फोट के कारणों की जानकारी नहीं

एबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, शेरिफ रॉबर्ट लूना ने घटना का विवरण संवाददाता सम्मेलन में दिया। उन्होंने कहा कि विस्फोट में लॉस एंजिल्स शेरिफ के तीन तीन डिप्टी (पुलिस अधिकारी) मारे गए। 1857 के बाद विभाग की यह सबसे बड़ी जनहानि है। शेरिफ ने कहा कि किसी और को चोट नहीं आई। शेरिफ ने कहा कि विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है।

कौन है जोशुआ केली-एकलुंड?

उन्होंने बताया कि जोशुआ केली-एकलुंड 2006 में क्षेत्रीय प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में विभाग में शामिल हुए। 2016 में जासूस बने। उन्हें जटिल अपराधों की गुत्थी सुलझाई। 2022 में वो आगजनी और विस्फोटक मामलों के अन्वेषक बने। उनके परिवार में उनकी पत्नी और सात बच्चे हैं। जासूस विक्टर लेमस 2003 में विभाग में शामिल हुए। पिछले साल आगजनी अन्वेषक बने। उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। पत्नी और तीन बहनें भी विभाग में काम करती हैं।

लम्बे समय तक जासूस के रूप में किया काम

जासूस विलियम ओसबोर्न 1992 में विभाग में शामिल हुए। 2016 में आपातकालीन वाहन संचालन केंद्र प्रशिक्षक बनने से पहले उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक जासूस के रूप में काम किया। लूना ने कहा कि इन तीनों जांबाज जासूसों को आज हमने खो दिया। लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बास ने तीनों पुलिस अधिकारियों की मौत पर दुख जताया है।

स्थिति पर रखी जा रही बारिकी से नजर

सीएनएन की खबर के अनुसार, लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग के बम निरोधक दस्ते के अधिकारी इस घटना की जांच कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि विस्फोटक सामग्री और उपकरणों को सुरक्षित सहेजने के दौरान यह धमाका हुआ। इस प्रशिक्षण केंद्र में ग्रेनेड से भरा एक बैग भी रखा था। बताया गया है कि संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) को इस घटना की जांच में शामिल किया गया है। पुलिस प्रमुख जिम मैकडॉनेल ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारणों का पता चल सकेगा। लॉस एंजिल्स काउंटी पर्यवेक्षक बोर्ड की अध्यक्ष कैथरीन बार्गर ने कहा कि स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
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सीरिया-इजराइल में बंदूकों को विराम, अमेरिकी दूत ने किया युद्धविराम का ऐलान

War
International News
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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:33 AM
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International News : तुर्किये में अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक ने शुक्रवार को कहा कि सीरिया और इजराइल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते को तुर्किये, जॉर्डन और अन्य पड़ोसी देशों ने स्वीकार कर लिया है। बैरक सीरिया में अमेरिका के विशेष दूत भी हैं। उन्होंने एक्स पोस्ट पर यह जानकारी साझा की।

एकजुट होकर करें सीरियाई पहचान का निर्माण

सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, बैरक ने ड्रूज, बेडौइन और सुन्नियों से हथियार डालने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि, यह लोग अन्य अल्पसंख्यकों के साथ मिलकर अपने पड़ोसियों के साथ शांति और समृद्धि में एकजुट होकर सीरियाई पहचान का निर्माण करें। उधर, सीरिया में अमेरिका के विशेष दूत बैरक की घोषणा पर अभी किसी भी पक्ष ने कोई टिप्पणी नहीं की।

हमलों में निशाना बनी कई सरकारी इमारतें

उल्लेखनीय है कि बुधवार को इजराइल ने सीरिया पर हवाई हमले किए थे। इजराइल ने कहा था कि वह अरब धार्मिक अल्पसंख्यक ड्रूज की रक्षा करेगा। सीरिया में तानाशाह बशर अल-असद के पतन के बाद से सरकार समर्थक बलों और ड्रूज के बीच संघर्ष में कई लोग मारे गए हैं। दमिश्क पर इजराइल के हवाई हमलों में कई सरकारी इमारतें निशाना बनीं। कम से कम तीन लोग मारे गए। एक सीरियाई टेलीविजन चैनल के एक वीडियो में रक्षा मंत्रालय की इमारत पर लाइव प्रसारण में हमला दिखाया गया। इस दौरान एंकर को छुपना पड़ा।

युद्धविराम की भी घोषणा की

सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने बुधवार रात स्थानीय समयानुसार कहा कि सीरियाई सेना सुवेदा से पीछे हट रही है। इसके बाद अल-शरा की सरकार ने ड्रूज गुटों के साथ नए युद्धविराम की भी घोषणा की। वहीं, अमेरिका ने बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त करते हुए संघर्ष को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किए। तुर्किये के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, अमेरिकी विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को इस मामले पर चर्चा के लिए तुर्किये के विदेशमंत्री हाकन फिदान से फोन पर बात की। रुबियो ने बुधवार रात कहा था कि संघर्ष से जुड़े सभी पक्ष स्थिति को सुलझाने के लिए सहमत हुए हैं।
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मीडिया के दिग्गज पर फूटा ट्रंप का गुस्सा, ठोका मानहानि का केस

Donald J Trump
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Jul 2025 10:01 AM
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International News : संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने दुनिया के प्रमुख मीडिया दिग्गज रूपर्ट मर्डोक के अखबार द वाल स्ट्रीट जर्नल पर छपी एक खबर पर मोटा हर्जाना मांगा है। उन्होंने रूपर्ट मर्डोक, द वाल स्ट्रीट जर्नल, न्यूजकॉर्प के खिलाफ मुकदमा दायर कर हर्जाना के रूप में 10 अरब डॉलर दिलाने की मांग की है। वह द वाल स्ट्रीट जनरल में जेफरी एपस्टीन को 'कभी लिखे गए उनके कथित अश्लील पत्र' के छापने से आगबबूला हैं।

दो पत्रकारों को किया नामित

सीएनबीसी की खबर के अनुसार, द वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी विशेष खबर में दावा किया गया है कि ट्रंप ने अपने तत्कालीन मित्र जेफरी एपस्टीन को उनके 50वें जन्मदिन पर एक नग्न महिला के चित्र के साथ अश्लील पत्र भेजा था। राष्ट्रपति ट्रंप ने फ्लोरिडा के दक्षिणी जिले की संघीय अदालत में दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में मर्डोक, उनकी कंपनी न्यूज कॉर्प, न्यूज कॉर्प के सीईओ रॉबर्ट थॉमसन, द वाल स्ट्रीट जर्नल की प्रकाशक कंपनी डॉव जोन्स एंड कंपनी और इस खबर को ब्रेक करने वाले दो पत्रकारों को नामित किया है।

सत्यता और सटीकता पर पूरा भरोसा

डॉव जोन्स के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा है, "हमें अपनी खबर की सत्यता और सटीकता पर पूरा भरोसा है। हम किसी भी मुकदमे का पूरी ताकत से बचाव करेंगे।" यह मुकदमा ऐसे समय में दायर हुआ है जब न्याय विभाग पर एपस्टीन के बारे में की जांच को सार्वजनिक करने का दबाव है। द वाल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, 2003 में ट्रंप का एपस्टीन को कथित तौर पर लिखा गया पत्र उन दस्तावेजों में शामिल रहा जिनकी आपराधिक जांचकर्ताओं ने समीक्षा की।

अदालत से नहीं मिला कोई फैसला

ट्रंप ने शुक्रवार को ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा कि मैंने द वाल स्ट्रीट जर्नल में झूठे, दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और झूठा समाचार प्रकाशित करने पर इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि उन्हें मुकदमे में गवाही देने का इंतजार है। इस बीच फाउंडेशन फॉर इंडिविजुअल राइट्स एंड एक्सप्रेशन के मुख्य वकील बॉब कॉर्न-रेवेरे ने कहा, "ट्रंप के अन्य समाचार संगठनों के साथ पिछले विवादों में किसी भी अदालत से कोई फैसला नहीं मिला है। यह जरूर है कि यह मीडिया कंपनियों से समझौता करवाने में अपने सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करने में कामयाब रहे। याद रखना चाहिए सत्ता का बेजा इस्तेमाल तुच्छ दावों को वैध कार्रवाई में नहीं बदल देता।"

अश्लील थी पत्र की भाषा

दरअसल इस विवाद की जड़ में एपस्टीन को भेजा गया उनका कथित पत्र है। इस पत्र की भाषा अश्लील थी। द वाल स्ट्रीट जर्नल और रूपर्ट मर्डोक को राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधे चेतावनी दी थी कि अगर एपस्टीन को लिखा गया उनका कथित फर्जी पत्र छापा जाता है तो वह मुकदमा दायर करेंगे। अमेरिकी मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि मर्डोक ने ट्रंप को आश्वासन दिया था कि वह इसका ध्यान रखेंगे, लेकिन उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा ट्रंप की तरफ से व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने द वाल स्ट्रीट जर्नल की संपादक एम्मा टकर को बताया था कि पत्र फर्जी है। लेविट ने कहा था कि एम्मा टकर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं। वह सिर्फ झूठी, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक कहानी पर अडिग थीं।

अदालत की चौखट तक पहुंचा स्ट्रीट जनरल

उल्लेखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप पत्रकार जॉर्ज स्टेफानोपोलोस, एबीसी, 60 मिनट्स, सीबीएस और अन्य मीडिया घरानों से टकरा कर उनकी बोलती बंद करा चुके हैं। अब उन्होंने निष्पक्षता की दुहाई देने वाले द वाल स्ट्रीट जर्नल को अदालत की चौखट पर ले गए हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर 'कथित पत्र' में रत्ती भर सच्चाई होती तो हिलेरी और अन्य कट्टरपंथी वामपंथी राष्ट्रपति चुनाव में जरूर मुद्दा बनाते।

ट्रंप का नाम नग्न महिला की रूपरेखा वाले नोट में शामिल

सीएनएन न्यूज चैनल के अनुसार, गुरुवार (स्थानीय समय) को प्रकाशित द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, जेफरी एपस्टीन को 2003 में उनके 50वें जन्मदिन पर भेजे गए बधाई संदेश के पत्रों के संग्रह में डोनाल्ड ट्रंप का नाम और एक नग्न महिला की रूपरेखा वाला एक नोट शामिल था। हालांकि ट्रंप ने मंगलवार को द वाल स्ट्रीट जर्नल को दिए गए साक्षात्कार में इस बात से इनकार किया कि उन्होंने एपस्टीन को पत्र लिखा या चित्र बनाया था। उन्होंने कहा था, "मैंने अपने जीवन में कभी कोई शब्द चित्र नहीं लिखा। मैं महिलाओं के चित्र नहीं बनाता। यह मेरी भाषा नहीं है। यह मेरे शब्द नहीं हैं।"

नाबालिगों की यौन तस्करी का आरोप

उल्लेखनीय है कि एपस्टीन अमेरिका के बड़े फाइनेंसर रहे हैं। उनके देश के कई राजनेताओं और प्रभावशाली हस्तियों के गहरे संबंध किसी से छुपे नहीं हैं। उन पर साल 2019 में फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क में नाबालिगों की यौन तस्करी का आरोप लगा था। इस खुलासे के बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई। बाद में वह अपनी जेल की कोठरी में मृत पाए गए। सीएनएन के अनुसार, मेडिकल जांच में कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या की। बाद में परिस्थितियों ने कई नए रहस्य खोले और उनकी मौत पर 'षड्यंत्र के सिद्धांत' गढ़े गए।