Hindi Kavita – वो सुहाना बचपन

Kavita copy 1
Hindi Kavita
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 May 2023 03:33 PM
bookmark
Hindi Kavita – वो बचपन भी कितना सुहाना था, जिसका रोज एक नया फसाना था। कभी पापा के कंधों का, तो कभी मां के आँचल का सहारा था। कभी बेफिक्रे मिट्टी के खेल का, तो कभी दोस्तो का साथ मस्ताना था। कभी नंगे पाँव वो दोड का, तो कभी पतंग ना पकड़ पाने का पछतावा था। कभी बिन आँसू रोने का, तो कभी बात मनवाने का बहाना था सच कहूँ तो वो दिन ही हसीन थे, ना कुछ छिपाना और दिल मे जो आए बताना था।
  • नेहा वनवार
———————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

hindi Kahani - मनहूस कौन ?

Kahani
Hindi Kahani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 May 2023 03:23 PM
bookmark
hindi Kahani - मनहूस कौन ?

एक बार महाराज के कानों तक चेलाराम के एक व्यक्ति के बारे में खबर पहुंची। सब लोग बोलते थे कि जो कोई भी चेलाराम का मुंह देख लेता है उसे पूरे दिन एक निवाला तक खाने को नहीं मिलता।वह इंसान पूरे दिन भूखा ही रह जाता था। यह बात परखने के लिए महाराज ने उसे अपने सामने वाले कक्ष में ठहरने के लिए बुलवा लिया।चेलाराम महल में आकर बहुत खुश था।उसे राजसी भोग भोगने में बड़ा ही मज़ा आ रहा था।

hindi Kahani - मनहूस कौन ?

एक दिन महाराज की नींद अचानक से खुल गई। उन्होंने अपने कक्ष के बाहर देखा तो उनकी नज़र सामने वाले कक्ष में रह रहे चेलाराम पर पड़ गई ।जो अपने कक्ष के झरोखे में खड़ा था।संयोगवश उस दिन ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई कि महाराज को भी पूरे दिन खाने को भोजन नही मिला। महाराज ने गुस्से में सैनिकों को बुलवाकर चेलाराम को अगले दिन फांसी पर लटकाने का हुक्म सुना डाला। वही यह खबर सुनकर बेचारे चेलाराम की तो जैसे सांस ही अटक गई।चेलाराम बहुत परेशान था कि तभी उसके कमरे में तेनालीराम पहुँच गया और बोला, “अब मैं तुमसे जैसा कहता हूँ, तुम वैसा ही करना।”

hindi Kahani - मनहूस कौन ?

चेलाराम ने हां में गर्दन हिला दी। तब तेनालीराम बोला, “कल जब तुम अपनी अंतिम इच्छा में पूरी प्रजा के सामने कुछ कहने के लिए बोलना।” अगले दिन चेलाराम की अन्तिम इच्छा के अनुसार नगर में सभा बुलाई गई। सब लोगों के सामने आकर चेलाराम बोला ,”भाईयो मेरा चेहरा देखने से तो लोगों को खाना नसीब नहीं होता लेकिन जो कोई महाराज का मुंह देख लेता हैं उसे तो सीधे मौत मिलती है …..मौत।” चेलाराम की ये बात सुनकर महाराज अचंभित हो गए। उन्होंने तुरंत फांसी रुकवा दी और चेलाराम से पूछा, “तुमने ये सब किसके कहने पर बोला।” चेलाराम बोला, ” महाराज तेनालीराम के सिवा ये कौन बता सकता है। मैंने ये सब तेनालीराम के केहने पर बोला था।”

———————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Hindi Kavita – बातों ही बातों में

Kavita copy 1
Hindi Kavita
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:47 PM
bookmark
Hindi Kavita – बातों ही बातों में कभी कभी, उन बातों की याद आ जाती है। जिन बातों को खुद से न कभी, याद करने की बात होती हैं। शब्दों ही शब्दों में दबी दबी, दिल की आह बन आ जाती है। कविताओं के शब्दों में दबी, फिर एक पहचान बनी होती हैं। कुछ न कुछ बहुत कमी कमी, मुझसे जब ये भी दूर हो जाती है। खलती है मुझे जिसकी कमी, उसकी उसमें याद बसी होती हैं। - लोकेश शर्मा ———————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।