कम नम्बरों से 12वीं पास भी आसानी से बन सकते हैं डॉक्टर

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Career in Physiotherapist 
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:17 PM
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Career in Physiotherapist  : हर माता-पिता की चिंता होती है कि उनके बच्चे का करियर अच्छा बने। अपने बच्चों का शानदार करियर बनाने के लिए माता-पिता सब कुछ दांव पर लगा देते हैं फिर भी करियर नहीं बन पाता। हम आपको 12वीं पास बच्चों के लिए शानदार करियर बनाने का आसान तारीका बता रहे हैं। इस तरीके से आपका बच्चा 12वीं में कम नम्बरों से पास होने के बावजूद डाक्टर भी बन सकता है। हैल्थकेयर इंडस्ट्री में आपके 12वीं पास बच्चे का एक शानदार कैरियर बन सकता है।

कैसे बनाएं हैल्थ केयर में करियर

12वीं कक्षा में अव्वल आने के बाद भी डॉक्टर बनने का सपना आसानी से पूरा नहीं हो पाता है। डॉक्टर बनने के लिए 12वीं पास करके बहुत कठिन प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि बिना प्रवेश परीक्षा दिए आप मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर नहीं बना सकते हैं। आप 12वीं पास करके फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में एक शानदार करियर बड़ी आसानी के साथ बना सकते हैं। इन दिनों भारत समेत दुनिया भर में फिजियोथैरेपी की खूब डिमांड है। आप एक बेहतरीन फिजियोथैरेपिस्ट बनकर अपने करियर को नई उड़ान दे सकते हैं।

Career in Physiotherapist 

क्या है फिजियोथैरेपी?

फिजियोथैरेपी मेडिकल इंडस्ट्री में करियर का एक सुनहरा अवसर देती है। दरअसल फिजियोथेरेपी भौतिक साधनों का उपयोग कर के मानव शरीर के अंगों में माँसपेशियों की चोट, तनाव एवं जोड़ों के दर्द का समुचित निदान और उपचार करने का विज्ञान हैं, जो शारीरिक क्षमता एवं गति को अधिकतम सक्रिय रखने में सहायता करता हैं । भौतिक चिकित्सा प्रदान करने वाले चिकित्सकों को फिजियोथेरेपिस्ट कहा जाता हैं, जो अपने विषय में उच्चतम प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को भौतिक उपकरणों की तकनीक का उपयोग करके शरीर में दर्द एवं मांसपेशियों के तनाव को दूर करना हैं गर्दन, कंधे, कमर दर्द, घुटने, एवं अन्य जोड़ों के दर्द से मुक्ति पाने के लिए बिना किसी दवा अथवा सर्जरी किये एक प्रभावशाली चिकित्सा पद्दति हैं।

Physiotherapy का महत्व

फिजियोथेरेपी व्यक्ति की उम्र के प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं। उदाहरणार्थ- 1-शिशु अवस्था में होने वाले रोग जैसे सेरिब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, आदि। 2- युवा अवस्था में निरंतर कंप्यूटर का बैठकर काम

Physiotherapist

वर्तमान मानव चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए 4 साल का नियमित कोर्स तथा 6 माह की इंटर्नशिप अनिवार्य है। यह डिग्री प्राप्त करने के पश्चात किसी भी अस्पताल में अथवा स्वयं अपन क्लीनिक स्थापित करके भी फिजियोथेरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से कार्य करने के योग्य बन जाते हैं।

बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी  BPT

यह एक स्नातक डिग्री कोर्स है जो पूर्णत: शारीरिक चिकित्सा विज्ञान से सम्बंधित है। BPT कोर्स की कुल अवधि 4 साल, 6 माह होती है जिसमे 4 वर्ष की शैक्षिक एवं 6 माह की इंटर्नशिप सम्मिलित है। इसमें प्रवेश के लिए 12वी कक्षा में भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उतीर्ण होना अनिवार्य है। इस कोर्स में मानव शरीर की संरचना एवं उनके विभिन्न अंगों में होने वाले रोगों, विकारों का इलेक्ट्रोथेरेपी (मशीनों द्वारा) तथा एक्सरसाइज थेरेपी से प्रभावी उपचार करना व सिखाया जाता है। यह एक परास्नातक कोर्स है जो BPT उत्तीर्ण करने के पश्चात ही किया जा सकता है। इसकी अवधि दो वर्ष की है।  Career in Physiotherapist 

किसकी पूजा करते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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गठबंधन के साथ ‘निकाह’ रहेगा या ‘तलाक’ केजरीवाल के रिहा होने के बाद फैसला : संजय सिंह

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Sanjay Singh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:41 PM
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Sanjay Singh :  आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद तथा उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत इंडी गठबंधन के साथ चुनाव लडऩे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से रिहा होने के बाद विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर विचार किया जाएगा। आम आदमी के पार्टी के राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने यह बात सेक्टर 11 में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि शीघ्र ही इसको लेकर विचार विमर्श किया जाएगा तथा लोकसभा चुनाव में जो खामियां रही उनको दुरुस्त किया जाएगाी। Sanjay Singh आप सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश खासकर अयोध्या में भाजपा की करारी हार को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि प्रभु श्री राम ने भाजपा के अहंकार को तोड़ दिया है। फैजाबाद में विकास के नाम पर सैकड़ों गरीबों के घर उजाड़ दिए गए तथा उनको ना तो मुआवजा दिया गया और ना ही वैकल्पिक रिहायशी सुविधा। इस कारण अयोध्या की जनता ने भाजपा को चुनाव में सबक सिखा दिया है। एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि बैसाखी पर चल रही केंद्र की यह सरकार जल्द ही लडख़ड़ा कर गिर जाएगी। क्योंकि लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन की सियासी उठापटक पर पैनी नजर रहेगी तथा मौका पडऩे पर सरकार गठन पर भी विचार किया जाएगा।

जल संकट के लिए हरियाणा जिम्मेदार

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने देश की राजधानी दिल्ली में जारी जल संकट पर कहा कि दिल्ली में पानी की किल्लत हरियाणा सरकार की वजह से हो रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार दिल्ली को अपेक्षित पानी की सप्लाई नहीं कर रही है जिसके कारण यह संकट पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वासियों के वोटो पर जीते बीजेपी के सातों सांसद इस मामले में पहल करें तथा हरियाणा से पानी की आपूर्ति बढ़ाने का दबाव दें।

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नीट की परीक्षा में हुई धांधली

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से जब पत्रकारों ने नीट परीक्षा को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में धांधली हुई है और इसके लिए केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पूर्व घोषित 18 जून के बजाय चुनाव परिणाम के दिन 4 जून को नीट परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए जाना भी षड्यंत्र का एक हिस्सा है। यह एक पूर्व नियोजित षडयंत्र है जिसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने नीट परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जांच कर लाखों छात्रों को न्याय दिलाने की बात कही। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पंकज अवाना, प्रदेश मीडिया प्रभारी संजीव निगम, जिला महामंत्री राकेश अवाना समेत कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। Sanjay Singh

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भारत को सुरक्षित रखने के लिए हर वक्त खतरे में रहते हैं अजीत डोभाल

AJIT
Ajit Doval
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:31 AM
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Ajit Doval : अजीत डोभाल का नाम भारत का बच्चा-बच्चा जानता है। जी हां वही अजीत डोभाल जिनके कंधों पर पूरे भारत को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। भारत के 140 करोड़ नागरिकों को सुरक्षित रखने वाले अजीत डोभाल खुद हर समय खतरे में रहते हैं। यूं भी बोल सकते हैं कि खतरों से खेलना अजीत डोभाल की आदत है। कुछ लोग तो अजीत डोभाल को खतरों का सबसे बड़ा खिलाड़ी भी कहते हैं।

Ajit Doval

तीसरी बार बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

नरेन्द्र मोदी जब से भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तभी से अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानि NSA हैं। बृहस्पतिवार को अजीत डोभाल तीसरी बार भारत के NSA बने हैं। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अजीत डोभाल में ऐसी कौन सी विशेषता है जो उन्हें ही बार-बार भारत का NSA बनाया जाता है। हम यहां कम शब्दों में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की विशेषताओं से आपको परिचित करा रहे हैं। अजीत डोभाल किसी बड़े से बड़े फिल्मी किरदार से भी बड़े रियल हीरो हैं। दुनिया के अनेक लोग अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बॉण्ड भी कहते हैं। पूरे करियर में अजित डोभाल ने महज 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी। उनका ज्यादातर समय खुफिया विभाग में बतौर जासूस गुजरा है। अपनी हिम्मत और जज्बे के बूते डोभाल ने जासूसी की दुनिया में कई ऐसी मिसालें कायम कीं, जिसने उन्हें दुनिया रियल जेम्स बॉण्ड बना दिया।

अजित डोभाल का जीवन परिचय

20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की। केरल के 1968 बैच ढ्ढक्कस् अफसर अजित डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद 1972 में ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़ गए। 2005 में IB डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में डोभाल मल्टी एजेंसी सेंटर और ज्वाइंट इंटेलिजेंस टास्क फोर्स के चीफ थे। अजित डोभाल वे विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं।

Ajit Doval

विवेकानंद फाउंडेशन को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के थिंक टैंक के तौर पर जाना जाता है। जासूसी की दुनिया में 37 साल का तजुर्बा रखने वाले अजित डोभाल 31 मई, 2014 को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे। 1980 के दशक में लालडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवाद को काबू करने के लिए अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और ललडेंगा के 7 में से 6 कमांडरों को अपने साथ जोड़ लिया। खुफिया एजेंसी रॉ के अंडर कवर एजेंट के तौर पर अजित डोभाल 7 साल पाकिस्तान के लाहौर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम बन कर रहे थे। जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन ब्लू स्टार में जीत के नायक बने। वो रिक्शा वाला बनकर मंदिर के अंदर गए और आतंकियों की जानकारी सेना को दी, जिसके आधार पर ऑपरेशन में भारतीय सेना को सफलता मिली। 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अजीत डोभाल आतंकियों से निगोसिएशन करने वाले मुख्य अधिकारी थे। अजीत डोभाल 33 साल तक नॉर्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे। 2015 में मणिपुर में आर्मी के काफिले पर हमले के बाद म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के खात्मे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के हेड प्लानर रहे।

लगा बधाईयों का तांता

अब आप जरूर समझ गए होंगे कि अजीत डोभाल किस प्रकार भारत और हर भारतीय के हीरो हैं। रात-दिन खतरों से घिरे रहने वाले अजीत डोभाल को तीसरी बार भारत का सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने पर दुनिया भर से बधाईयोंं का तांता लगा हुआ है। अजीत डोभाल को तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA बनाए जाने का पूरे भारत में गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ है। Ajit Doval

सिंगापुर से भी सुन्दर शहर बसेगा उत्तर प्रदेश में, काम हुआ शुरू

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