Indian Court : देश में लंबित पांच करोड़ मुकदमों के निस्तारण को ठोस उपाय जरूरी: रिजीजू

JzUnrJum 400x400
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:57 AM
bookmark
Judicial System :केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने दावा किया है कि देशभर के अदालतों में लगभग 5 करोड़ मामले लंबित हैं। इसे कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। कानून मंत्री ने 18वें अखिल भारतीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कल मैनें अपने डिपार्टमेंट के ऑफिसर से बात की है कि कुछ ऐसा ठोस कदम उठाना चाहिए, जिससे हम 2 करोड़ केस को 2 साल में खत्म कर सकें। मैं कही भी जाता हूं तो पहला सवाल मेरे सामने यही आता है कि सरकार पेंडिंग केस को खत्म करने के लिए क्या कदम उठा रही है। यह चिंता की बात है कि आज देशभर की अदालतों में करीब 5 करोड़ मामले लंबित हैं। इन मामलों को कम करने के लिए सरकार और न्यायपालिका को समन्वय में काम करने की जरूरत है। कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों की कार्यवाही में क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। स्थानीय अदालतों में क्षेत्रीय एवं स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिए जाने की वकालत करते हुए रिजीजू ने कहा कि अदालत की अगर आम होगी तो हम कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि मातृको अंग्रेजी से कम नहीं आंका जाना चाहिए और कहा कि वह इस विचार से सहमत नहीं हैं कि एक वकील को अधिक सम्मान, मामले या फीस केवल इसलिए मिलनी चाहिए क्योंकि वह अंग्रेजी में अधिक बोलता है। रिजीजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में दलीलें और फैसले अंग्रेजी में होते हैं। लेकिन हमारा दृष्टिकोण यह है कि उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। केंद्रीय कानून मंत्री ने देश की अदालतों में लंबित मामलों की बड़ी संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि न्यायपालिका और सरकार को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। रिजीजू ने कहा कि न्याय का द्वार सबके लिए समान रूप से खुला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार और न्यायपालिका के बीच बहुत अच्छा तालमेल होना चाहिए, ताकि आम आदमी की सेवा करने, उसे न्याय दिलाने के लक्ष्य में कोई विलंब नहीं हो और कोई न्याय से वंचित नहीं रहे। कानून मंत्री ने कहा कि संसद के अगले सत्र में 71 अलग-अलग कानून निरस्त किए जाएंगे। अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पर चिंता जताते हुए रिजीजू ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश की अदालतों में कुल लंबित मामलों की संख्या लगभग पांच करोड़ हो गई है। इन पांच करोड़ लंबित मामलों के समाधान के लिए न्यायपालिका और सरकार के बीच तालमेल से हर संभव कदम उठाया जाना चाहिए।
अगली खबर पढ़ें

Team India : आलोचनाओं से घिरे विराट को देव का सहारा

Kapil Dev at Equation sports auction cropped
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jul 2022 09:32 PM
bookmark
New Delhi : नई दिल्ली। भारत के लिए पहला विश्वकप जिताने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव अपने पहले दिए बयान से उलट टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ खड़े हो गए। विराट कोहली इन दिनों करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। 2019 के बाद से कोहली के बल्ले से एक भी सेंचुरी नहीं निकली है। यहां तक कि विराट को उनके खराब प्रदर्शन को लेकर अब टीम इंडिया से बाहर करने की बात शुरू हो गई है। विराट को टीम से बाहर करने की मांग करने वालों में सबसे पहले पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव थे, जिन्होंने कोहली की जगह दीपक हुड्डा और सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन में खिलाने की मांग की थी। कपिल देव के बयान की खूब आलोचना हुई, लेकिन अब अब उन्होंने अपने बयान की भरपाई की है। कपिल देव ने अपने ताजा बयान में कहा है कि विराट कोहली के अंदर अभी काफी क्रिकेट बचा है। भले ही उन्हें खराब प्रदर्शन के बावजूद टीम से बाहर किया जा रहा हो या फिर आराम दिया जा रहा है। कपिल देव ने कहा कि कोहली के लिए ड्रॉप्ड जैसे शब्द से बचा जाए, इसलिए उन्हें सम्मान के साथ आराम दिया गया है, क्योंकि विराट कोहली काफी बड़े खिलाड़ी हैं। कपिल देव ने कहा कि अगर कोहली को सम्मान के साथ आराम दिया जा रहा है तो सही है, उसमें कोई समस्या नहीं है। वेस्टइंडीज टूर से कोहली का नाम बाहर करने के अपने पुराने बयान की कपिल देव ने भरपाई करते हुए कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि विराट कोहली को टीम से बाहर कर देना चाहिए, क्योंकि उनके अंदर अभी बहुत क्रिकेट बाकी है और वो बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। गौरतलब है कि कपिल देव ने यह बात वेस्टइंडीज टूर के लिए घोषित टीम इंडिया में विराट कोहली का नाम नहीं होने के सवाल पर कही।
अगली खबर पढ़ें

President Election : राष्ट्रपति चुनाव: यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी आप: संजय सिंह

Sanjay singh 1200 1597553444 e1696396919968
ED Raid Sanjay Singh:
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jul 2022 07:33 PM
bookmark
New Delhi: नई दिल्ली। देश में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक ओर जहां बीजेपी की अगुवाई में केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन जुटाने में गैर-एनडीए शासित दलों को भी अपने पाले में लाने में कामयाब होती दिख रही है। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी अपनी उम्मीदवारी मजबूत करने के लिए तमाम दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा के समर्थन की घोषणा की है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी। हम द्रौपदी मुर्मू का सम्मान करते हैं, लेकिन हम यशवंत सिन्हा को वोट देंगे। गौरतलब है कि पिछले महीने विपक्षी दलों ने जब यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया था, तब ऐसा लग रहा था कि राष्ट्रपति चुनाव रोचक होगा। एनडीए का पलड़ा भले ही थोड़ा सा भारी रहे, लेकिन विपक्ष की तरफ से दमदार टक्कर मिलेगी। लेकिन जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव करीब आता गया, सिन्हा एक तरह से मुकाबले से ही बाहर हो गए। द्रौपदी मूर्मू की जीत तो एक तरह से तभी तय हो गई, जब नवीन पटनायक की बीजेडी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने उन्हें समर्थन का ऐलान किया। और तो और कांग्रेस के साथ मिलकर झारखंड में सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी मुर्मू की उम्मीदवारी ने पशोपेश में डाल दिया। हालांकि आखिरकार उन्होंने बीते दिनों एनडीए उम्मीदवार के समर्थ का ऐलान कर दिया।