Political News : केजरीवाल ने अस्पताल में की सत्येंद्र जैन से मुलाकात




Delhi Ghazipur Border News / नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर में बड़ी संख्या में किसान धरना देकर बैठ गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत धरना स्थल पर मौजूद हैं।
चेतना मंच से बात करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा। जब नई संसद का उद्घाटन हो रहा था तो ऐसे मौके पर महिलाओं को घसीट कर पुलिस हिरासत में ले जा रही थी। आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। 2024 में यह सरकार नहीं रहेगी। जिस तरह से यह सरकार महिलाओं का अपमान कर रही है, 2024 में सरकार को दोबारा आने का मौका नहीं मिलेगा। महिला पहलवानों को धरनास्थल से जबरन उठाकर हटाया गया है। हम यहां उनके समर्थन में धरना देंगे।
राकेश टिकैत ने कहा यह सरकार महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानती। आप देख सकते हैं किस तरह से महिलाओं का अपमान हो रहा है। अगर यह महिलाओं का सम्मान करना चाहते तो आज नए संसद का उद्घाटन हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू कर रही होती। यह सरकार 2024 में वापस नहीं आने वाली।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि जब तक पहलवान बेटियों को बाइज्जत रिहा करके दुबारा धरना स्थल तक नहीं पहुंचाया जाता है, तब तक गाजीपुर बॉडर पर उनका धरना जारी रहेगा।
आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत सैकड़ों किसानों के साथ आज जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में महापंचायत आयोजित करने के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें रविवार की दोपहर ही गाजीपुर बार्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर ही धरना शुरू कर दिया। दिनभर धरना चलने के बाद देर शाम किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ घोषणा कर दी है कि जब तक महिला पहलवानों को बाइज्जत रिहा करके दुबारा धरना स्थल पर नहीं भेजा जाता है, तब तक उनका गाजीपुर बॉडर पर धरना जारी रहेगा।
https://youtu.be/TWFK33JqUsUइस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनका पहलवान बेटियों का धरना पूरे देश की आवाज है। देश की आम जनता अपनी पहलवान बेटियों के साथ खड़ी हुई है। इस आवाज में भारतीय किसान यूनियन ने भी अपनी आवाज मिलाई है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक एक एक बेटी को न्याय नहीं मिल जाता है।
इस बीच यूपी पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने का भी प्रयास किया। धरना स्थल पर बैठे किसान एक साथ गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो गए। किसानों को भारी भीड़ देखकर पुलिस के हाथापांव फूल गए और पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। समाचार लिखे जाने तक गाजीपुर बॉडर पर बड़ी सख्या में किसान व नौजवान धरने पर जमे हुए थे।
Delhi Ghazipur Border News / नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर में बड़ी संख्या में किसान धरना देकर बैठ गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत धरना स्थल पर मौजूद हैं।
चेतना मंच से बात करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा। जब नई संसद का उद्घाटन हो रहा था तो ऐसे मौके पर महिलाओं को घसीट कर पुलिस हिरासत में ले जा रही थी। आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। 2024 में यह सरकार नहीं रहेगी। जिस तरह से यह सरकार महिलाओं का अपमान कर रही है, 2024 में सरकार को दोबारा आने का मौका नहीं मिलेगा। महिला पहलवानों को धरनास्थल से जबरन उठाकर हटाया गया है। हम यहां उनके समर्थन में धरना देंगे।
राकेश टिकैत ने कहा यह सरकार महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानती। आप देख सकते हैं किस तरह से महिलाओं का अपमान हो रहा है। अगर यह महिलाओं का सम्मान करना चाहते तो आज नए संसद का उद्घाटन हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू कर रही होती। यह सरकार 2024 में वापस नहीं आने वाली।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि जब तक पहलवान बेटियों को बाइज्जत रिहा करके दुबारा धरना स्थल तक नहीं पहुंचाया जाता है, तब तक गाजीपुर बॉडर पर उनका धरना जारी रहेगा।
आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत सैकड़ों किसानों के साथ आज जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में महापंचायत आयोजित करने के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें रविवार की दोपहर ही गाजीपुर बार्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर ही धरना शुरू कर दिया। दिनभर धरना चलने के बाद देर शाम किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ घोषणा कर दी है कि जब तक महिला पहलवानों को बाइज्जत रिहा करके दुबारा धरना स्थल पर नहीं भेजा जाता है, तब तक उनका गाजीपुर बॉडर पर धरना जारी रहेगा।
https://youtu.be/TWFK33JqUsUइस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनका पहलवान बेटियों का धरना पूरे देश की आवाज है। देश की आम जनता अपनी पहलवान बेटियों के साथ खड़ी हुई है। इस आवाज में भारतीय किसान यूनियन ने भी अपनी आवाज मिलाई है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक एक एक बेटी को न्याय नहीं मिल जाता है।
इस बीच यूपी पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने का भी प्रयास किया। धरना स्थल पर बैठे किसान एक साथ गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो गए। किसानों को भारी भीड़ देखकर पुलिस के हाथापांव फूल गए और पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। समाचार लिखे जाने तक गाजीपुर बॉडर पर बड़ी सख्या में किसान व नौजवान धरने पर जमे हुए थे।

Maharashtra / मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि और महाराष्ट्र के लोगों के लिए सम्मान की बात है। शिंदे ने कहा कि इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले राजनीतिक दलों ने भारत के लोकतंत्र और सावरकर का अपमान किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया। कई विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और जोर देकर कहा कि देश के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद का उद्घाटन कराया जाना चाहिए था।
शिंदे ने ट्वीट किया कि राजनीतिक दलों ने आज उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया, उन्होंने भारत के लोकतंत्र तथा सावरकर जी के प्रति गहरा अनादर दिखाया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग हमारी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं करते, जो वीर सावरकर जैसे विचारकों का तिरस्कार करते हैं..उन्होंने ही राष्ट्रीय समारोह का बहिष्कार किया। शिंदे ने कहा कि भारत मां के बेटे का जन्म 1883 में आज ही के दिन हुआ था।
उन्होंने कहा कि 140 साल बाद उसी दिन एक स्वतंत्र तथा आत्मविश्वासी भारत को एक नया संसद भवन समर्पित किया गया। यह सावरकर जी को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि और महाराष्ट्र के सभी लोगों का सम्मान है।
Maharashtra / मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि और महाराष्ट्र के लोगों के लिए सम्मान की बात है। शिंदे ने कहा कि इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले राजनीतिक दलों ने भारत के लोकतंत्र और सावरकर का अपमान किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया। कई विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और जोर देकर कहा कि देश के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद का उद्घाटन कराया जाना चाहिए था।
शिंदे ने ट्वीट किया कि राजनीतिक दलों ने आज उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया, उन्होंने भारत के लोकतंत्र तथा सावरकर जी के प्रति गहरा अनादर दिखाया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग हमारी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं करते, जो वीर सावरकर जैसे विचारकों का तिरस्कार करते हैं..उन्होंने ही राष्ट्रीय समारोह का बहिष्कार किया। शिंदे ने कहा कि भारत मां के बेटे का जन्म 1883 में आज ही के दिन हुआ था।
उन्होंने कहा कि 140 साल बाद उसी दिन एक स्वतंत्र तथा आत्मविश्वासी भारत को एक नया संसद भवन समर्पित किया गया। यह सावरकर जी को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि और महाराष्ट्र के सभी लोगों का सम्मान है।