UP News : पूर्व भाजपा विधायक सेंगर को मिली पेरोल, पीड़िता ने किया विरोध, बताया जान का खतरा

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Ex-BJP MLA Sengar gets parole, victim protests, says threat to life
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:06 AM
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उन्‍नाव (उप्र)। उन्‍नाव के मांखी दुष्‍कर्म कांड मामले की पीड़िता ने इसी प्रकरण में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी बेटी की शादी के लिए मिली 15 दिन की पेरोल का विरोध किया है। इसके बाद पीड़िता ने अपनी जान का खतरा बताते हुए उसे पेरोल पर रिहा करने का विरोध किया है।

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पीड़िता ने एक वीडियो बयान जारी किया है। इसमें उसने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस सिलसिले में पत्र लिखकर अपने तथा अपने परिवार को जान का खतरा होने का अंदेशा जताया है। पीडिता ने वीडियो के साथ ही सोशल मीडिया पर जारी किए अपने पत्र में सेंगर को उसकी बेटी की शादी के लिये मिली 15 दिन की पेरोल का विरोध किया है। उसने कहा है कि सेंगर जितने दिन बाहर रहेगा, वह तथा उसके परिवार के साथ ही गवाहों के लिए भी खतरा बना रहेगा।

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गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने माखी दुष्कर्म कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिये 27 जनवरी से 10 फरवरी तक की पेरोल पर छोड़ने का आदेश दिया है।

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पीड़िता ने पूर्व में अपनी बहन की शादी में अपने चाचा को अंतरिम जमानत न दिए जाने को भी पूर्व विधायक सेंगर के परिजन के षडयंत्र का नतीजा बताया है। उसने जारी वीडियो में कहा कि 'पूर्व विधायक सेंगर की पत्‍नी संगीता अपने पति को मिली पेरोल पर न्‍यायपालिका को धन्‍यवाद दे रही है, जबकि मेरी बहन की शादी के समय मेरे चाचा को मिली पेरोल का मेरे पिता की हत्या के दोषी पूर्व विधायक के भाई ने विरोध किया था। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida  
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Big News : अब सीधे हेड क्वार्टर से जुड़ेंगी यूपी की सभी जेल

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Now all the jails of UP will be directly connected to the head quarter
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Jan 2023 04:17 PM
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लखनऊ। यूपी की जेलों में बंद अपराधी अब अपनी आपराधिक गतिविधियां नहीं चला सकेंगे। उनकी जरा ही हरकत उन्हें बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं। इस निगरानी से जेल के अफसर और कर्मचारी भी मुक्त नहीं रहेंगे। सरकार ने अब एक ऐसी व्यवस्था लागू की है, जिससे राजधानी में बैठकर पूरे प्रदेश की जेलों पर 24 घंटे निगरानी की जा सकेगी।

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पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य की 30 जेलों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और उनके उन्नयन का काम अंतिम दौर में है। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। विभाग की ओर से शासन को इस संबंध में पिछले साल एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में गृह विभाग को करीब 976 लाख रुपये का बजट जारी करने का निर्देश दिया था। दूसरे चरण में राज्य की 20 अन्य जेलों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और पुराने कैमरों को बदलने के लिए करीब छह लाख रुपये का बजट जारी किया गया, जिसको लेकर जेल विभाग की ओर से निविदा की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जो अप्रैल तक पूरी हो जाएगी।

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पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने बताया कि राज्य की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए कैमरों की संख्या बढ़ाने के साथ उन्हें सर्विलांस से जोड़ने काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 30 जेलों में 933 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिसमें से 670 नए सीसीटीवी लगाए जा चुके हैं। जबकि शेष खराब हो चुके कैमरे बदले जा रहे हैं। ऐसे में इन जेलों में 34 सीसीटीवी लगने से यहां पर इनकी संख्या 50 से 60 हो गई है। सबसे अधिक 46 कैमरे आगरा जिला कारागार में लगाए गए हैं।

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आनंद कुमार ने बताया कि इन सभी कैमरों को कारागार मुख्यालय से सीधे जोड़ दिया गया है, ताकि कारागार मुख्यालय में संचालित कमांड सेंटर में वीडियो वॉल के माध्यम से जेलों की सीधी निगरानी 24 घंटे हो सके। राज्य की जिन जेलों में कैमरे बदले जा रहे हैं, उनमें संवेदनशील बांदा जेल भी शामिल है, जहां माफिया मुख्तार अंसारी बंद है। इसके अलावा केंद्रीय कारागार आगरा, बरेली, फतेहगढ़, नैनी व वाराणसी में भी सीसीटीवी कैमरों की संख्या को बढ़ाया गया है।

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उन्होंने बताया कि केंद्रीय कारागार आगरा, बरेली, फतेहगढ़, नैनी, वाराणसी में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके साथ ही जिला कारागार आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, सुलतानपुर, कानपुर, कानपुर देहात, बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, इटावा, गाजीपुर, मिर्जापुर, फैजाबाद, बाराबंकी, कन्नौज, आजमगढ़, सीतापुर, चित्रकूट, गोरखपुर, मुरादाबाद, उन्नाव, बांदा और प्रतापगढ़ में नए सीसीटीवी लगाए जा चुके हैं, जबकि खराब सीसीटीवी कैमरों को बदला जा रहा है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Big News : विरासत बचाने को खून से लिखे 108 पत्र, जानिये क्या है पूरा मामला

Mathura
108 letters written with blood to save heritage, know what is the whole matter
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Jan 2023 03:37 PM
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मथुरा (उत्तर प्रदेश)। बांके बिहारी मंदिर के सामने प्रस्तावित गलियारे के निर्माण के खिलाफ व्यापारियों, पुजारियों और वृंदावन के निवासियों ने मंदिर के समीप प्रस्तावित मानचित्रों को जलाकर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। उन्होंने वृंदावन की विरासत को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखे 108 पत्र भी भेजे।

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बांके बिहारी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अमित गौतम ने बताया कि एक तरफ हम शीर्ष अदालत से निवारण की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ आंदोलन धीरे-धीरे तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वृंदावन की विरासत को बचाने के अनुरोध के साथ रक्त से लिखे गए 108 पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे गए हैं।

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बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाला बाजार लगातार तीसरे दिन बंद रहा, यहां तक ​​कि गोस्वामी परिवार की महिलाएं भी आंदोलन में शामिल हो गई हैं। धरने में शामिल 85 वर्षीय शकुंतला देवी गोस्वामी ने कहा कि कॉरिडोर के निर्माण से न केवल वृंदावन की विरासत बर्बाद होगी, बल्कि हम बेघर भी हो जाएंगे। राज भोग सेवा अधिकारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा कि जब हमें बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है तो हम हाथ पर हाथ रखकर कैसे बैठ सकते हैं। स्थानीय निवासी मेघ श्याम ने कहा कि 12 जनवरी से विरोध जारी है और अधिक समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है।

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प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की गई है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए इसे 23 जनवरी को सूचीबद्ध किया है।

Tommy Wed’s Jelly : रीति-रिवाजों के साथ हुई कुत्ते की ‘शादी’

कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि जब करीब 300 परिवारों के बेघर होने और हजारों व्यापारी अपने कर्मचारियों के साथ बेरोजगार होने की कगार पर हैं, तो उनकी पार्टी मूक दर्शक बनी नहीं रह सकती है। माथुर ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल को पूरे प्रकरण के बारे में बताया था। दोनों ने आंदोलन में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था, क्योंकि यह वृंदावन के निवासियों के हित में नहीं है। उच्च न्यायालय के 20 दिसंबर 2022 के एक आदेश के बाद 17 जनवरी को कॉरिडोर की विकासात्मक योजना सरकार को सौंपे जाने और जिला प्रशासन द्वारा सर्वेक्षण कार्य को गति दिए जाने के बाद इस परियोजना का विरोध शुरू हो गया है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida